मध्य प्रदेश

हनुमान ने किया पाताल लोक के राजा अहिरावण का वध, विभीषण के वेश में राम लक्ष्मण का किया हरण

रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन । एक के बाद एक लंका में जब कई वीर योद्धा मारे जाते हैं तो अहिरावण अपने प्रिय पाताल लोक के राजा अहिरावण को याद करता है अहिरावण लंकापति रावण के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो जाता है राजा रावण उसे राम दल के शिविर से रात्रि के पैर में हरण करके उन्हें माता चंडी की बलि चढ़ाने के आदेश देता है आदेश पाते ही अहिरावण राम दल विभीषण के रूप में पहुंच जाता है हनुमान जी उन्हें रात में आने का कारण पूछते हैं तो विभीषण के वेश में पाताल लोक का राजा अहिरावन पहरेदार हनुमान पूंछते है तो वह बोलता है कि भजन पूजन में आज देरी हो गई। रामादल शिविर में पहुंचकर वह सोते वक्त राम लक्ष्मण का हरण कर पाताल लोक ले जाता है। सुबह वानर भालुओं सहित रामादल में जब भगवान राम अनुज लखन लाल गायब हो जाते हैं तो चिंता में पड़ जाते हैं।रामलीला मेला संचालन समिति के प्रमुख पण्डित राजेन्द्र शुक्ला ,जगत प्रकाश शुक्ला दुर्गा प्रसाद शर्मा ने बताया कि विभीषण हनुमान जी से सवाल खड़े करते हैं तो रात के वक्त रामादल में कौन आया था।मारुति नन्दन बोलते हैं आप ही तो अर्द्ध रात्रि में आए थे।तब संकट मोचन हनुमान को बोलते हैं कि पाताल लोक के राजा अहिरावन मेरा वेश धरकर आया था।हनुमानजी को विभीषण पाताल लोक भेज देते हैं। हनुमान जी जब पाताल लोक के दरवाजे से प्रवेश करते हैं तो उनके पुत्र मकराध्यज से युद्ध करते हैं। हनुमानजी उसे गेट पर बांधकर माता चंडी दरबार पहुंच जाते हैं।यहां अहिरावन माता महामाया चंडी के सामने जैसे ही चन्द्रहास से बलि चढ़ाने की कोशिश कर ता है वीर हनुमान पाताल लोक का राजा अहिरावन से युद्ध कर उसका वध कर देते हैं। राम के आदेश पर लक्ष्मण पाताल लोक की गद्दी मकराधज को सौपकर राजा बना देते हैं।बजरंगवली भगवान श्रीराम लखनलाल को कांधों पर बिठाकर रामादल पहुंच जाते हैं।रामादल में खुशी छा जाती है।

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