मध्य प्रदेश

पाइप लाइन फूटने से हो रही पानी की बर्बादी, जिम्मेदार मौन

सिलवानी। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत आज तक घरों तक पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है। वहीं बिछाई गई पाइप लाइन टेस्टिंग के दौरान जगह-जगह से फूटने के कारण पानी की बर्बादी हो रही है। योजना से नगर में पानी की आपूर्ति शुरू न होने पर नागरिक प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों की सजगता पर सवालिया निशान लगा रहे है। योजना में टेस्टिंग ही चल रही है। इस दौरान पाइप लाइन टूटने की नौबत भी बार-बार बन रही है। जिससे नर्मदा का पानी सड़कों पर बह रहा है। बताया जाता है कि अभी टेस्टिंग में टंकियों को भरने के दौरान हर जगह पाइप लाइन फूटने से पानी बह रहा है। जहां लाइन फूट रही है वहां सुधार कार्य किया जा रहा है। गुजरात की एक कंपनी के माध्यम से नप ने ठेके पर यह कार्य कराया। पूरे नगर की पक्की सीमेंट की सड़कों को पाइप लाइन डालने के नाम पर वाइब्रेटर के माध्यम से खोद कर कबाड़ा किया गया। पाइप लाइन डालने के बाद सड़कों को दिखावटी सीमेंट की परत से सुधार कार्य कराया गया। जो अब भी अनेक जगह उखडने से गड्ढे हो रहे हैं। वहीं जगह-जगह पाइप लाइन फूटने से और टेस्टिंग के दौरान अधूरे कनेक्शन के पाइपों से आये दिन पेयजल की बर्बादी होती रहती है। उल्लेखनीय है पहले अक्टूबर 2017 तक नगर के प्रत्येक घर में नर्मदा जल आने का दावा किया जा रहा था। लेकिन अब भी लोगों के घर कनेक्शन पूरे नहीं हो पाए हैं। केवल पाइप लाइन से पाइप जोड़कर घरों के बाहर छोड़ दिए गए हैं।लेकिन जब से यह योजना आरंभ हुई है, नगर वासियों की परेशानियों का सबब बनी है। नगर भर की खुदी सड़कें, आये दिन लीकेज से तालाबनुमा नजारे और दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है। ज्ञात रहे लोग शुरुआत से ही गुणवत्ता पर आरोप लगाते रहे हैं। बहरहाल अभी भी तय नहीं है कि करोड़ों रुपये की योजना का जल कब तक लोगों को मुहैया होगा।

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