प्रसूता ने दिया था लड़के को जन्म डिस्चार्ज के बाद थमाई लड़की
जिला अस्पताल के एसएनसीयू में स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही उजागर
18 दिनों बाद परिजन शिकायत करने जिला अस्पताल प्रबंधन के पास पहुंचे, सिविल सर्जन डॉ एके शर्मा बोले मामले की बारीकी से जांच के बाद होगा खुलासा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन । जिला अस्पताल के तुलसीपुर प्रसूति केंद्र मड़खेड़ा टप्पा तहसील तहसील बेगमगंज की निवासी प्रसूता वर्षा रावत पति जितेंद्र रावत को पहली डिलीवरी होना थी होना थी इसीलिए उस प्रसूता को परिजनों ने 21 जुलाई को भर्ती कराया गया था । शाम के समय प्रसूता वर्षा रावत को लड़के को जन्म दिया था । बच्चा कमजोर होने की वजह से एसएनसीयू प्रभारी डॉ आलोक राय द्वारा उस लड़के को शिफ्ट कराया था ।इसके बाद 30 जुलाई को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया । गरीब आदिवासी परिवार को बच्चे को सही तरीके से देखने भी नहीं दिया, स्वास्थ्य कर्मचारियों ने जल्दबाजी करते हुए आनन-फानन में लड़के की बजाए नवजात लड़की को दे दिया है । घर जाकर पता चला यह लड़की है । इसके बाद लगभग 18 दिनों के बाद आदिवासी परिवार उस नवजात बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे गुरुवार को सुबह से ही पिता जीतेंद्र रावत और मां वर्षा रावत एसएनसीयू सहित जिला अस्पताल प्रबंधन को दस्तावेज के साथ शिकायत की है। साथ ही उन्होंने एसएनसीयू के साथ कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप भी लगाया है। मालूम हो कि यह बच्चा बदलने का कोई नया मामला नहीं है। पहले भी इसी तरह के मामले उजागर होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा खड़ा किया था। सही बच्चा देने पर मामला शांत हुए थे।जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ एके शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सारे घटनाक्रम की हरेक पहलू की बारीकी से जांच पड़ताल की कराने का परिजनों को आश्वासन दिया है । इसके बाद ही सारी हकीकत का खुलासा होगा। अगर जरूरत पड़ी तो माँ बाप के डीएनए टेस्ट भी कराया जा सकता है।