क्राइम

नाबालिग बालिका को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

12 हजार का जुर्माना, तीन लाख रु. पीड़ित प्रतिकार भी स्वीकृत
बरेली । विशेष न्यायालय एडीजे बरेली सुधांशु सक्सेना द्वारा आरोपी नीलेश उर्फ आशीष अहिरवार पिता गरीबदास अहिरवार, उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम चुन्हेटिया तहसील सिलवानी को अवयस्क बालिका को अगवा कर गलत काम करने के मामले में साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं कुल 12000 रु. जुर्माना से दण्डित किया गया।
प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि पीड़ित बालिका की दादी ने इस आशय की रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि, दिनांक 21 दिसंबर 2018 को रात्रि करीब 10 बजे चुन्हेटिया का रहने वाला नीलेश घर आया था, ठंड व रात होने से उसे घर पर रोक लिया। दूसरे दिन सुबह 8 बजे नीलेश अपनी मोटर साईकिल से चला गया और मैं अपने पोता और पोती (पीड़ित बालिका) को लेकर छींद मंदिर चली गई। जब मैं छींद मंदिर से दर्शन कर लौट रही थी तभी रास्ते में नीलेश मिला और दोनों बच्चों को अपनी मोटर साईकिल पर बैठा कर खैरवाड़ा छोड़ने का बोलकर ले गया। घर पहुँचने पर देखा कि बच्चे घर पर नहीं थे। नीलेश बच्चों को बहला फुसलाकर अपने साथ कहीं ले गया था।
उक्त रिपोर्ट पर थाना बरेली द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध अपराध क्रमांक 590 / 2018 धारा 363, 366 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान दिनांक 24 दिसंबर 2018 को दोनों बच्ची को ग्राम हथोड़ा में खेत से दस्तयाब किया गया। पीड़ित बालिका ने बताया कि नीलेश ने उसके साथ गलत काम किया है अतः पीड़ित बालिका के मेडिकल परीक्षण एवं कथनानुसार धारा 376 (1), 323, भादवि एवं 3/4, 5 (एम)/ 6 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 का इजाफा किया गया। अनुसन्धान उपरांत अभियोगपत्र मान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रकरण के शीघ्र निराकरण हेतु शासन द्वारा चिन्हित किया गया जिसमें शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार नागा एवं अपर लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह राजपूत द्वारा संयुक्त रूप से पैरवी की गई। मान. विशेष न्यायालय एडीजे बरेली द्वारा आरोपी नीलेश उर्फ आशीष अहिरवार को धारा 363, 366 भा.द.वि. में 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रु. अर्थदंड एवं धारा 376 (एए) म.प्र. संसोधन आध्यादेश 2018 व 376 (आई) भा.द.वि. में आजीवन कारावास एवं 5000- 5000 रु. अर्थदंड कुल 12000 रु. अर्थदंड से दण्डित किया गया। अभियोक्त्री को तीन लाख रु. पीड़ित प्रतिकार भी स्वीकृत किया गया।

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