मध्य प्रदेश

केन्द्र प्रभारी हठधर्मिता पर उतारु, अधिकारियों की चेतावनी बेअसर

उमरियापान उर्पाजन केन्द्र का मामला,
शोपीस बनकर रखा हड़प्पा भी हुआ गायब

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया

उमरियापान । उमरियापान उर्पाजन केन्द्र में केन्द्र प्रभारी शरद उर्फ बल्लू बर्मन अब अठधर्मिता पर उतारु हो गये है और उन पर अधिकारियों की चेतावनी भी बेअसर हो रही है। इस बात की बानगी केन्द्र में उत्पन्न हुई परिस्थियों स्वंय बंया कर रही है और केन्द्र में शोपीस बनकर रखा हड़प्पा भी पिछले दो दिनों से गायब है। जब इस बात की तहकीकात की गई तो एक नई जानकारी सामने आई और जिस व्यक्ति का हड़प्पा था अर्थात छोटे पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों से मेरा हड़प्पा उमरियापान उर्पाजन केन्द्र में खड़ा लेकिन आज दिनांक तक कभी भी हड़प्पा से धान की सफाई नहीं करवाई गई है और एक रूपये की आमदानी भी नहीं हुई है ऐसी परिस्थिति में मैं हड़प्पा केन्द्र में खड़ा नहीं कर सकता हूं। इसका मतलब यह होता है कि उमरियापान उर्पाजन केन्द्र में अभी तक जो भी धान खरीदी गई वह बिना साफ किये ही खरीद ली गई और अधिकारी भी अंजान बने रहे और मात्र कागज में सभी काम चलते रहे।
स्मरणर रहे कि उमरियापान उर्पान केन्द्र में व्याप्त अनियमिताओं को लेकर मृगांचल एक्सप्रेस द्वारा प्रमुखता के साथ मुद्दे को उठाया गया था जिसमें फूड इंस्पेक्टर प्रमोद मिश्रा के द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच की गई थी और केन्द्र प्रभारी को सख्त हिदायत दी गई थी लेकिन केन्द्र प्रभारी की कार्यप्रणाली से ऐसा लगता है कि ये अधिकारियों के आदेशों को कूड़े में फेंक देते है। चूंकि हड़प्पा के मालिक छोटे पटेल ने बताया कि जिस दिन से मेरा हड़प्पा उमरियापान उर्पाजन केन्द्र में खड़ा हुआ है एक दिन भी नहीं चला है, ऐसे में अब मैं अपना हड़प्पा एक दिन भी केन्द्र में खड़ा नहीं कर सकता हूं। अब यदि हड़प्पा मालिक की बातों पर विश्वास करेें तो इसका मतलब है होता है कि केन्द्र प्रभारी की करतूतों के कारण शासन को लाखों रूपये की क्षति कारित हो गई और गुणवत्ताहीन कई क्विटल धान का उर्पाजन कर दिया गया।
बिना साफ किये तौली जायेगी धान
केन्द्र में हड़प्पा, पंखा, छन्ना लापता है और सूत्रों ने बताया कि लगातार अखबारों में सुर्खियां बने रहने के कारण केन्द्र प्रभारी का माथा ठनक गया है इसलिये उनके द्वारा अब बिना साफ किये हुये ही धान का उर्पाजन करवाया जायेगा। चूंकि कुछ विभागीय जयचंदों का सहारा केन्द्र प्रभारी को मिल रहा है जिस कारण से उनके हौसले बुलंद है और कई क्विटल अमानक धान उर्पाजित करने के बाद भी उनके द्वारा शासन को आर्थिक क्षति कारित करवाई जा रही है और घटिया धान का उर्पाजन करवाया जा रहा है। वहीं सवाल यह उठता है कि जब शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किये गये है तो फिर वेयर हाऊसों में धान कैसे पास हो रही है। हालांकि वेयर हाऊसों में भी धान पास होने के लिये भी सिसटम बना है और कमीशन दो कैसी भी धान हो पास हो जायेगी और जैसे ही केन्द्र से गाड़ी रवाना होती है उसके साथ केन्द्र प्रभारी या फिर उनका कोई खास व्यक्ति पहले से वेयर हाऊस में पहुंच जाता है जहां पर कमीशन देने के बाद माल अंदर हो जाता है।

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