मध्य प्रदेशराजनीति

एमपी मे क्यों बैचेन है बीजेपी कांग्रेस, दावे जीत के और डर हार का ?

राज्यसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे मध्य प्रदेश में चुनाव के परिणाम:
2 अप्रैल को रिक्त हो रही राज्य सभा की मध्य प्रदेश में 5 सीटें
लेखक : पंकज पाराशर छतरपुर
मध्य प्रदेश में 3 दिसंबर को आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम से सरकार किसकी बनेगी, यह तो तय करेंगे ही साथ ही आगामी राज्य सभा चुनाव की दिशा भी निर्धारित करेंगे। दरअसल, 2 अप्रैल 2024 में प्रदेश से राज्य सभा की पांच सीटें रिक्त हो रही हैं। इनके लिए मार्च के अंतिम सप्ताह में चुनाव प्रस्तावित हैं। मध्य प्रदेश मे बीजेपी कांग्रेस बैचेन है, यहां दावे जीत के और हार का डर है।
*वर्ष 2018 में हुए थे राज्य सभा चुनाव*
जिस दल की सदस्य संख्या विधानसभा में अधिक होगी, उसके उतने उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे। वर्तमान में इन 5 सीटों में से भाजपा के पास 4 और कांग्रेस के पास 1 है। 2 अप्रैल 2018 को राज्य सभा की 5 सीटों के लिए चुनाव हुआ था। उस समय भाजपा का बहुमत थी। इस आधार पर पार्टी के अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी, धर्मेंद्र प्रधान, थावरचंद गेहलोत चुने गए। 1 सीट पर कांग्रेस के राजमणि पटेल चुने गए, 27 सितंबर 2021 को थावरचंद गेहलोत के त्यागपत्र से जो स्थान रिक्त हुआ, उस पर पार्टी के ही डॉ. एल मुरूगन चुन लिए गए। इन सभी का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को समाप्त हो रहा है। इसके पहले निर्वाचन आयोग चुनाव कराएगा।
*सीटों के आधार पर मत का निर्धारण*
तब तक 16 वीं विधानसभा चुनाव का गठन हो चुका होगा और उसकी सदस्य संख्या और उपलब्ध सीटों के आधार पर मत मूल्य का निर्धारण होगा। इससे ही तय होगा कि किस दल के कितने सदस्य चुने जा सकेंगे। प्रत्येक विधायक तीन प्राथमिकता बताते हुए मतदान करेगा और प्रथम प्राथमिकता के आधार पर निर्वाचन होगा। प्रदेश के लिए निर्धारित 11 राज्य सभा की सीटों में से वर्तमान में केवल 3 ही कांग्रेस के पास है। इनमें दिग्विजय सिंह का कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 और विवेक तन्खा का 29 जून 2028 तक है। शेष सभी सीटें भाजपा के पास हैं।

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