धार्मिक

गुरु पूर्णिमा पर साईखडा मै दादा दरबार लगेगा मेला

रिपोर्टर : बृजेन्द्र कुशवाहा
साईखेड़ा । नगर साईखडा हमेशा ही संतो की भूमि रही है यहां पर दादा धूनी वाले, छोटे दादा, हरिहर महाराज, नरहरियानंद महाराज, खडेश्वरी महाराज, पगला महाराज नंद जैसे संतो की शरण स्थली रही है । उनमें से एक
विश्व विख्यात दादा धूनी वाले केशवानंद महाराज रहे है जिनके दरबार में गुरु पूणिर्मा पर देश प्रदेश के कोने कोने से हजारो भक्तों का निशान यात्रा लेकर बैड बाजे के साथ महिला पुरुषों बच्चों का जुलूस जत्था आता है। लोग बैड बाजे डीजे की धुन दरवार नाचते गाते भजो दादाजी का नाम के जयकारे के साथ गढी स्थित धूनी दरबार और गाडरवारा रोड स्थित दरबार में लोग माथा टेकते है । प्रतिबर्ष नगर में एक दिन पूर्व दादा धूनी वाले दरबार से पालकी प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गो से नगर पंचायत के सामने से सब्जी बाजार, झिकोली रोड से बैड बाजे, घोडा नृत्य के साथ दरबार पहुचती है । नगर को तोरण द्वार, झंडा, रंगोली से दुल्हन की तरह सजाया जाता है ।जगह जगह हलुआ पुडी प्रसाद का वितरण और भंडारे का आयोजन किया जाता है । प्रतिबर्ष पांढुना से पैदल चलकर सैकड़ों भक्त निशान यात्रा लेकर आते और भंडार करते है ।नगर साईखडा दादा धूनी वाले दादा की कर्मस्थली रही है लगातार 30 बर्षो तक साईखडा मै रहकर दादा जी ने रहकर अनेक चमत्कार कर हजारों लोगों का भला किया ।बताया जाता कि दादा धूनी वाले का नर्मदा तट संदूक घाट पर एक बरिया के नीचे बामी से अवतार हुआ, उन्होंने संदूक तूमडा, साईखडा रहकर बाद मै 1930 मै खंडवा जाकर सामधी ली थी। नगर के समीपस्थ सोनादहार पीपरपानी घाट पर स्वामी भूमानन्द जी महाराज की समाधी स्थल पर भी मेला लगता है।नगर के बीचों बीच तालाब मै नरहरियानंद महाराज की समाधी स्थल है वहां भी लोग पूजन अर्चन कर दीपदान करते है । जुलूस के समय जगह पुलिस बल तैनात रहता है भीड को संबारने दरबार महिला पुलिस तैनात रहती है ।

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