ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग शनिवार, 09 दिसम्बर 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शनिवार 09 दिसम्बर 2023

मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी तारीख 08 दिसम्बर 2023 को प्रातः 04:17 AM बजे से शुरू होकर 23 दिसम्बर 2023 को सुबह 05:16 AM बजे तक थी। इसलिए आज 09 दिसम्बर 2023 को पारण का समय सुबह 06:53 AM से 09:05 AM तक है। इस समय के भीतर ही सभी उत्पन्ना एकादशी व्रतियों को एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए। आज सर्वार्थसिद्धि योग (सुबह 09:21 AM के बाद) है। आज द्विपुष्कर योग है अर्थात आज शुभ करेंगे तो भी और अशुभ करेंगे तो भी दुगुना फल होता है। आप सभी सनातनियों को “द्विपुष्कर योग” की हार्दिक शुभकामनायें।
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
☄️ दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर हेमंत ऋतु
⛈️ मास – मार्गशीर्ष मास
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि : मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष दिन वार शनिवार द्वादशी तिथि पूर्ण रात्रि तक
✏️ तिथी स्वामी : द्वादशी तिथि के देवता हैं विष्णु। इस तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य सदा विजयी होकर समस्त लोक में पूज्य हो जाता है।
💫 नक्षत्र : नक्षत्र चित्रा 10:43 AM तक उपरांत स्वाति
🪐 नक्षत्र स्वामी : नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह और अधिष्ठाता देव विश्वकर्मा हैं।नक्षत्रों में चित्रा नक्षत्र काफी ऊर्जावान होता है।
🔊 योग : शोभन योग 11:36 PM तक, उसके बाद अतिगण्ड योग
प्रथम करण : कौलव – 06:57 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – पूर्ण रात्रि तक
🔥 गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सुबह – 9:00 से 10:30 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:45:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:15:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:52 ए एम से 05:43 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:17 ए एम से 06:35 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:46 ए एम से 12:31 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:00 पी एम से 02:44 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:40 पी एम से 06:06 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 05:42 पी एम से 06:59 पी एम
💧 अमृत काल : 02:37 ए एम, दिसम्बर 10 से 04:18 ए एम, दिसम्बर 10
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:43 पी एम से 12:34 ए एम, दिसम्बर 10
🌸 द्विपुष्कर योग : 06:35 ए एम से 10:43 ए एम
सर्वार्थ सिद्धि योग : 10:43 ए एम से 06:35 ए एम, दिसम्बर 10
🚓 यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी ज़रूरतमन्द भिक्षुक को काला कम्बल दान करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/उत्पन्ना एकादशी व्रत (निम्बार्क)/द्विपुष्कर योग/ भागवत एकादशी/ अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस, नरसंहार के अपराध के पीड़ितों और इस अपराध की रोकथाम के स्मरणोत्सव और सम्मान का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, तंजानिया स्वतंत्रता दिवस, राष्ट्रीय पेस्ट्री दिवस, अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस – थीम: “भ्रष्टाचार के खिलाफ विश्व को एकजुट करना”, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी जन्मोत्सव, प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा जन्म दिवस, साहित्यकार व पत्रकार रघुवीर सहाय जन्म दिवस
✍🏼 विशेष – द्वादशी तिथि को मसूर की दाल एवं मसूर से निर्मित कोई भी व्यंजन नहीं खाना न ही दान देना चाहिये। यह इस द्वादशी तिथि में त्याज्य बताया गया है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि नारायण हैं। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का श्रद्धा-भाव से पूजन करना चाहिये। साथ ही भगवान नारायण के नाम एवं स्तोत्रों जैसे विष्णुसहस्रनाम आदि के पाठ एवं जप से धन, यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
🏘️ Vastu tips 🛕
लाफिंग बुद्धा भी ऐसा ही एक सुविचारित प्रतीक है। हंसती हुई मूर्ति को देखकर भी मनुष्य प्रसन्नचित हो जाता है, इसीलिए इसको घर के मुख्य द्वार के सामने लगाने का विधान किया गया है ताकि घर में हर व्यक्ति हंसते हुए प्रवेश करें। जिस घर के निवासी प्रसन्नचित रहते हैं वहां आर्थिक सम्पन्नता खुद ही खींची चली आती है।
बिजनेस में तरक्की पाने के लिए अपनी इनकम बढ़ाने के लिए लाफिंग बुद्धा की हाथ में थैली लिए हुए मूर्ति रखनी चाहिए। यह मूर्ति आपको अपने ऑफिस या अपने कैबिन के मेन गेट के पास इस तरह रखनी चाहिए कि आते-जाते लोगों की उस पर नजर पड़े।
एक बात और कि वह थैली खाली नहीं होनी चाहिए, उसमें से सामान बाहर की तरफ निकलता हुआ नजर आना चाहिए। वहीं अगर आप नौकरी-पेशा हैं तो आपको अपने ऑफिस की वर्किंग टेबल पर नाव पर बैठे हुए लाफिंग बुद्धा रखने चाहिए। इससे तरक्की के रास्ते अपने आप खुलते नजर आएंगे।
⏺️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
सफेद चीनी- ज्यादा मीठा खाना बीमारियों की जड़ बनता है। आजकल शहरों में रहने वाले लोगों की फिजिकल एक्टिविटी बेहद कम हो गई है ऐसे में शरीर को शुगर की ज्यादा जरूरत नहीं होती। रिफाइंड शुगर यानि चीनी खाने से डायबिटीज, हाई बीपी और कई दूसरी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसकी जगह गुड, शहद या नेचुरल फ्रूट शुगर का इस्तेमाल करें।
पैक्ड आटा- सेहत के लिए तीसरी खतरनाक चीज है बाजार में मिलने वाला पैक्ड आटा। ये आटा मैदा के जितना ही नुकसान करता है। आज ही इसे खत्म करके नया चक्की से पिसवाया हुआ आटा इस्तेमाल करें। गेहूं की जगह मल्टीग्रेन आटे का इस्तेमाल करें। आटे में ज्यादा से ज्यादा दूसरे अनाज जैसे बाजरा, रागी, मक्का या सोयाबीन का इस्तेमाल करें।
पैक्ड जूस और कोल्डड्रिंक्स- सेहत के लिए पैक्ड जूस और कोल्डड्रिंक्स बहुत हानिकारक साबित होती हैं। इनमें फाइबर कम और शुगर और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। पैक्ड जूस की जगह ताजा फलों का जूस पिएं। कोल्डड्रिक्स की बजाय घर पर बने पेय जैसे शिकंजी या दूसरे शर्बत पी सकते हैं।
सफेद नमक- ज्यादातर घरों में सफेद नमक का इस्तेमाल किया जाता है। ये दूसरे नमक की तुलना में सस्ता होता है। ज्यादा मात्रा में सफेद नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। ये नमक सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है। इसकी जगह आप सेंधा नमक, काला नमक, पिंक रॉक सॉल्ट या सी सॉल्ट खा सकते हैं। वैसे नमक आपको बदल-बदल कर खाना चाहिए।
🍋 आरोग्य संजीवनी 🍓
माथे के कालेपन को दूर करने में ये घरेलू नुस्खें हैं कारगर हल्दी है असरदार: हल्दी को गुणों की खान कहते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ये स्किन संबंधी समस्यायों को मिनटों में दूर करता है। माथे के कालेपन को दूर करने के लिए हल्दी में कच्चे दूध में मिलाएं और अब इस पेस्ट को माथे के पिगमेंटेड वाली जगह पर लगाएं। इससे धीरे धीरे टैनिंग की परेशानी दूर हो जाएगी।
खीरा दूर करता है: न्यूट्रिएंट्स से भरपूर खीरा पिगमेंटेशन को आसनी से दूर कर सकता है। माथे पर खीरा के टुकड़े काटकर मसाज करें। 30 मिनट तक के लिए चेहरे को ऐसा ही छोड़ दें। अब पानी से चेहरा साफ़ कर लें।
बादाम का तेल: बादाम के तेल में दूध और शहद मिलाकर इसका पेस्ट बनाएं। अब इसे अपने माथे पर लगाएं जब यह सुख जाये तो ठंडे पानी से चेहरा साफ़ कर लें। बादाम में मौजूद विटामिन सी स्किन की हर परेशानी को दूर करने में कारगर है।
कच्चा दूध: कच्चा दूध स्किन की गंदगी को बहुत आसानी से साफ़ करता है। कच्चे दूध में गुलाबजल मिलाकर अपने माथे की मसाज करें। ऐसा करने से माथे की टैनिंग दूर हो जाएगी।
आलू का रस: आलू का रस लगाने से माथे का कालापन धीरे धीरे दूर होने लगेगा। आलू को कदूकस कर उसका रस निकाल लें अब उसे झाइयों वाली जगह पर लगाएं।
🌷 गुरु भक्ति योग 🌸
दान देने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
शास्त्रो में बताया गया है कि मनुष्य को न्यायपूर्वक ढंग से अर्जित किए हुए धन के 10वें भाग को दान करना चाहिए। यदि आप अपनी कमाई का 10वां अंश शुभ कार्यों या मंदिर में दान करते हैं तो यह दान परिवार का भरण पोषण करने के बाद ही दान दें। परिवार की इच्छा और उनको कष्ट देकर यदि आप दान देते हैं तो यह दान फलित नहीं माना जाता है। इसलिए पत्नी, पुत्र और पिरवार को कष्ट पहुंचा कर दान नहीं देना चाहिए।
दान देने के लिए श्रद्धा होनी चाहिए। मान्यता है की वही दान फलित होता है जो स्वयं जाकर भेंट किया जाए। किसी को घर पर बुलाकर दिया हुआ दान उत्तम श्रेणी का दान नहीं माना जाता है। उसका फल मिलता तो हैं परंतु मध्यम श्रेणी के अनुसार उसका पुण्य एकत्रित होता है। किसी को भी दान करें तो उसके द्वार जाकर ही दान देना चाहिए ऐसा शास्त्रों में बताया गया है।
माना जाता है कि दान करते समय यदि उस व्यक्ति के कोई कान भरता है या फिर उसे दान जैसे पुण्य कर्म करने से रोकता है तो वह व्यक्ति शीघ्र ही कंगाल हो जाता है। ब्राह्मणों, असहाय लोगों और गौओं की सेवा में दी गई कमाई का दान महादान कहलाया जाता है। यदि इनकी सेवा मे दिए हुए दान को कोई रोकता है या बाधा उत्पन्न करता है तो वह भयांकर दुःख का भोगी होता है।
दान देते समय हमेशा तिल, कुश, चावल और जल हाथ में होना चाहिए।
दान की सामग्री को हमेशा दोनों हाथ लगाकर ही सम्मान पूर्वक सामने वाले को दान देना श्रेष्ठ माना जाता है। ब्राह्मण को दान देते समय हमेशा उस दान का सामर्थ अनुसार संकल्प लेना चाहिए। वही दान आपके कर्म में संचित होता है और उसका शुभ फल आपको शीघ्र मिलता है। मान्यता है जो दान हम पूर्ण विधि वाधान से देते हैं वही फल हमें आगे चल कर मिलता है।
पितृ के निमित्त दिया दान तिल को होथ में रख कर देना चाहिए वहीं देवताओं के निमित्त दिए हुए दान के समय चावल का प्रयोग हाथों में करना चाहिए। तभी वह दान फलित होता है और देव एवं पितृ उसे खुशी से स्वीकार कर आशीर्वाद देते हैं।
शास्त्रों में घर, वस्त्र, कन्या, अन्य और गौ माता का दान देने का विधान उत्तम बताया गया है। इन चीजों का दान करते समय परिवार के एक ही व्यक्ति को दान देना चाहिए। जो इन चीजों का दान करते हैं उनकी आए में वृद्धि होती है।
रोगी की दवा का दान करना, ब्राह्मणों के पैर धोना और देवताओं की पूजा करना इन तीन चीजों का शास्त्रों में महादान और गौ दान के समान बताया गया है।
दान देते समय हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख कर के दान करना चाहिए और दान स्वीकार करने वाले को हमेशा उत्तर की ओर मुख कर के दान ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से धान देने वाले को उसका कई गुना अधिक फल मिलता है और स्वीकार करने वाले की आयु क्षीण नहीं होती है।
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⚜️ आज द्वादशी तिथि के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिये। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का पूजन और जप आदि करने से मनुष्य का कोई भी बिगड़ा काम भी बन जाता है। यह द्वादशी तिथि यशोबली अर्थात यश एवं प्रतिष्ठा प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों प्रकार के सिद्धियों को देनेवाली तिथि भी मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है।
द्वादशी तिथि में जन्म लेनेवाले व्यक्ति का स्वभाव अस्थिर होता है। इनका मन किसी भी विषय में केन्द्रित नहीं हो पाता है। इस व्यक्ति का मन हर पल चंचल बना रहता है। इस तिथि के जातक का शरीर पतला व कमज़ोर होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी नहीं होती है। ये यात्रा के शौकीन होते हैं और सैर सपाटे का आनन्द लेते रहते हैं।

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