धार्मिक

2 फरवरी 2024 : शुक्रवार माघ मास कृष्ण पक्ष को कालाष्टमी मनाई जाएगी

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
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🥏 02 फरवरी 2024 : वार शुक्रवार माघ मास कृष्ण पक्ष को कालाष्टमी मनाई जाएगी। प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाए जाने का विधान है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। दरअसल, भैरव के तीन रूप हैं- काल भैरव, बटुक भैरव और रूरू भैरव। कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के काल भैरव स्वरूप की उपासना करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर होंगी और आपकी मनचाही मुरादें पूरी होंगी। तो आइए आचार्य श्री गोपी राम से जानते हैं कि कालाष्टमी के दिन अलग-अलग शुभ फलों की प्राप्ति के लिए कौनसे उपायों को करना चाहिए।
🔸 अगर आप अपने बिजनेस को दूर शहरों या विदेशों में फैलाना चाहते हैं। तो उसके लिए कालाष्टमी के दिन किसी भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी को सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ाएं और चढ़ाने के बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अलग निकाल लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर अपने कार्यस्थल पर तिजोरी में रख दें। साथ ही ध्यान रखें कि दानों को कपड़े में रखते समय हर दाने के साथ ये मंत्र पढ़ें- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’।
🔹 अगर आप अपने सुखसाधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं। तो कालाष्टमी के दिन आपको भैरव जी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और दीपक जलाते समय दो बार मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’। साथ ही भैरव जी से अपने सुखसाधनों में बढ़ोतरी के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
🔸 अगर आप आत्मविश्वास और साहस से भरपूर रहना चाहते हैं, तो कालाष्टमी के दिन आपको भैरव जी के साथ ही अपने पितरों की भी पूजा करनी चाहिए और अपने पितरों के निमित्त तर्पण करना चाहिए। साथ ही किसी ब्राह्मण को श्रद्धापूर्वक भोजन खिलाना चाहिए।
🔹 अगर आपको जीवन में कोई परेशानी है। तो उसे अपने जीवन से दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन आपको सरसों के तेल में चुपड़ी हुई एक रोटी लेकर काले कुत्ते को डालनी चाहिए। रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव का ध्यान करते हुए 5 बार मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है-‘रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’।
🔸 अगर आपको किसी प्रकार का भय बना रहता है, तो उस भय से छुटकारा पाने लिए कालाष्टमी के दिन आपको भैरव जी के चरणों में एक काले रंग का धागा रखना चाहिए। उस धागे को 5 मिनट के लिए वहीं पर रखा रहने दीजिये और इस दौरान मंत्र का जप कीजिये। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।’ 5 मिनट बाद उस धागे को वहां से उठाकर अपने दाएं पैर में बांध लीजिए।
🔹 अगर आपको अपने बिजनेस में साझेदार से पूरी तरह सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जिससे आपके काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं। तो कालाष्टमी के दिन आपको रोटी में शक्कर मिलाकर उसका चूरमा बनाना चाहिए और उससे भैरव बाबा को भोग लगाना चाहिए। साथ ही इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’। मंत्र जप के बाद थोड़ा-सा चूरमा प्रसाद के रूप में स्वयं खा लें और बाकी प्रसाद को दूसरे लोगों में बता दें।
🔸 कालाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद शिव जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव के मंत्र का भी जप करना चाहिए। भैरव मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’। कालाष्टमी ऐसा करने से आपके जीवनसाथी की परेशानी दूर होगी, जिससे आपकी भी परेशानी का हल निकलेगा।
🔹 अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे के ऊपर किसी ने जादूटोना करवा रखा है, जिसके असर के चलते आपका बच्चा तरक्की नहीं कर पा रहा है तो कालाष्टमी के दिन एक मुट्ठी काले तिल लेकर, भैरव बाबा का ध्यान करते हुए अपने बच्चे के सिर से सात बार वार दें। ध्यान रहे छ बार क्लॉक वाइज़ और एक बार एंटी क्लॉक वाइज वारना है। वारने के बाद उन तिलों को किसी बहते पानी के स्रोत में प्रवाहित कर दें और तिल प्रवाहित करते समय मंत्र का जप करें। मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’।
🔸 अगर आप किसी दुविधा में फसे हुए है और उससे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, तो कालाष्टमी के दिन आपको शमी के पेड़ की जड़ में जल और मंदिर में सूत का धागा चढ़ाना चाहिए। इसके बाद मन ही मन भैरव जी का ध्यान करके उनके मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।’
🔹 अगर आपको लगता है कि आपके घर में निगेटिविटी बहुत अधिक हो गई है, जिसकी वजह से आपके परिवार के लोगों का किसी काम में अच्छे से मन नहीं लगता, तो कालाष्टमी के दिन आपको मौली से एक लंबासा धागा निकालकर, उसमें सात गांठे लगाकर अपने घर के मेन गेट पर बांधना चाहिए। एक-एक गांठ लगाते समय मंत्र का जप भी करें। मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’।
🔸 अगर आप अपने आर्थिक रूप से लाभ को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं। तो कालाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद भैरव जी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और उन्हें जलेबी का भोग लगाना चाहिए। साथ ही उनके मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’।
🔹 अगर आप अपने जीवन में स्थिरता बनाये रखना चाहते हैं तो उसके लिए कालाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद भैरव बाबा को काले तिल अर्पित करने चाहिए। साथ ही घंटा या घंटी बजाकर मंत्र बोलते हुए भगवान की पूजा करनी चाहिए। वो मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।’

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