ज्योतिष

आज का पंचांग आज का पंचांग गुरुवार, 07 मार्च 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 07 मार्च 2024

07 मार्च 2024 दिन गुरुवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी के पारण का निर्णय देखते हैं। तो जैसा की आप जानते हैं, कि तारीख 06 मार्च 2024 को रात्री 01:11 AM बजे से शुरू होकर 07 मार्च 2024 को रात्री 21:46 PM बजे तक एकादशी थी। इसलिए आज 07 मार्च 2024 को पारण का समय सुबह 06:56 AM से 09:18 AM बजे तक है। इस समय के भीतर ही सभी विजया एकादशी व्रतियों को एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए। आज की इस द्वादशी को वंजुली द्वादशी भी कहते हैं। आप सभी सनातनियों को “वंजुली द्वादशी” की हार्दिक शुभकामनायें।।
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ अयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
⛈️ मास – फाल्गुन मास
🌒 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – गुरुवार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि 01:20 AM तक उपरांत त्रयोदशी
✏️ तिथि स्वामी – द्वादशी तिथि के देवता हैं विष्णु। इस तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य सदा विजयी होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र उत्तराषाढ़ा 01:03 PM तक उपरांत श्रवण
🪐 नक्षत्र स्वामी – उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। तथा राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है।
🔕 योग – वरीयान योग 08:23 AM तक, उसके बाद परिघ योग 04:45 AM तक, उसके बाद शिव योग
प्रथम करण : कौलव – 02:50 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – 01:19 ए एम, मार्च 08 तक गर
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 03:33:00 से 05:08:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 1:30 से 3:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:11:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:49:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:01 ए एम से 05:50 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:26 ए एम से 06:40 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:09 पी एम से 12:56 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:17 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:22 पी एम से 06:47 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:25 पी एम से 07:38 पी एम
💧 अमृत काल : 07:08 ए एम से 08:37 ए एम 01:18 ए एम, मार्च 08 से 02:45 ए एम, मार्च 08
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, मार्च 08 से 12:56 ए एम, मार्च 08
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-विष्णु मंदिर में बूंदी के लड्डू अर्पण करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – द्विरागमन मुहूर्त, वंजुली द्वादशी, भागवत एकादशी व्रत (सर्वे)’ भारतीय अभिनेता अनुपम खेर जन्म दिवस, वेस्टइंडीज के ऑलराइंडर सर विवियन रिचडर्स जन्म दिवस, राजनीतिज्ञ ग़ुलाम नबी आजाद जन्म दिवस, नेशनल स्लैम द स्कैम डे, नेशनल हॉस्पिटलिस्ट डे, नेशनल फ्लैपजैक डे, नेशनल बी हर्ड डे, नेशनल अनाज डे, भारतीय गुरु परमहंस योगानन्द जी पुण्यतिथि, प्रसिद्ध कवि रामप्रसाद शर्मा ‘महर्षि’ जन्म दिवस, पंडित गोविंद बल्लभ पंत स्मृति दिवस, टेलीविज़न न्यूज़ एंकर अर्नब गोस्वामी जन्मोत्सव, राष्ट्रीय पोषण माह (1 से 31 मार्च)
✍🏼 विशेष – द्वादशी तिथि को मसूर की दाल एवं मसूर से निर्मित कोई भी व्यंजन नहीं खाना न ही दान देना चाहिये। यह इस द्वादशी तिथि में त्याज्य बताया गया है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि नारायण हैं। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का श्रद्धा-भाव से पूजन करना चाहिये। साथ ही भगवान नारायण के नाम एवं स्तोत्रों जैसे विष्णुसहस्रनाम आदि के पाठ एवं जप से धन, यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
अगर आपको व्यापार में वृद्धि चाहिए तो अशोक की पत्तियों की माला बनाकर उसे अपने ऑफिस या दुकान के मुख्य द्वार पर लटका दें। ऐसा करने से आपको व्यापार में दिन रात वृद्धि होगी। इसी के साथ व्यापार में मोटा मुनाफा भी बनेगा।
जिन छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है उनको अशोक की पत्तियों से देवी मां सरस्वती का पूजा करनी चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से उनके बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है और करियर में अच्छी नौकरी की प्राप्ति होती है।
वहीं अशोक के पेड़ पर नित्य चल चढ़ाने से मां भगवती की कृपा बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार जो लोग नियमित रूप से अशोक के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं। उनको मानसिक रोग, गृह कलह, कर्ज आदि समस्याओं से शीघ्र मुक्ति मिलती है। इसी के साथ ही अशोक के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
सेहरी में क्या खाना चाहिए?
सेहरी के दौरान आपको पानी से भरपूर फलों के सेवन पर खास ध्यान देना चाहिए। क्योंकि इन्हें पचाना आसान होता है। इतना ही नहीं, सेहरी के दौरान आपको हल्दी पर शरीर को ज्यादा एनर्जी देने वाली चीजों को खाना चाहिए। जैसे कि
ज्यादा से ज्यादा जूस और नारियल पानी लें।
ओट्स खाएं।
अंगूर और नाशपाती जैसे फल खाएं।
बादाम, काजू और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें।
🥝 आरोग्य संजीवनी 🍓
महिलाओं में कैल्शियम की कमी-शरीर में लंबे समय तक कैल्शियम की कमी से हड्डियों में दर्द, मसल्स क्रैंप्स, डिप्रेशन, ऑस्टियोपोरोसिस और थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं। इसके अलावा जोड़ों में दर्द की बीमारी शुरू हो सकती है जिसके लिए आप कैल्शियम की कमी से बचें।
महिलाओं में विटामिन बी-12 की कमी-महिलाओं में विटामिन बी-12 की कमी से आपको बचना चाहिए। दरअसल, जब शरीर में विटामिन बी12 की कमी रहती है तो शरीर में पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं बन पाते हैं। इससे आपके टिशूज और अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है। पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना, आपका शरीर ठीक से काम नहीं कर सकता। इससे कमजोर मांसपेशियां, सुन्नता, चलने में परेशानी, मतली, वजन कम होना, चिड़चिड़ापन, थकान और एंग्जायटी जैसी चीजें महसूस होती हैं।
📗 गुरु भक्ति योग 🕯️
आज हम आपको आचार्य श्री गोपी राम की एक ऐसी नीति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि जीवन में कुछ फैसले बहुत सोच-समझ कर लेना चाहिए। आखिर क्या है इसके पीछे की नीति आइए जानते हैं।
कर्मायत्तं फलं पुंसां बुद्धि: कर्मानुसारिणी।
तथापि सुधियश्चार्याः सुविचार्यैव कुर्वते॥
आचार्य श्री गोपी राम अपनी इस नीति में कर्म के बारे में बताते हुए कहते हैं कि कर्मफल व्यक्ति के कर्म के अधीन ही रहता है। मनुष्य की बुद्धि भी कर्म के अनुसार ही कार्य करती है। फिर भी ज्ञानी व्यक्ति भली-भांति सोच-समझकर ही किसी कार्य को शुरू करते हैं। अगर बिना सोचे समझे आप किसी कार्य को करेंगे तो सफलता हाथ नहीं लगेगी। किसी भी कार्य को करने से पहने उसके लिए एक अच्छी नीति बनाएं तब उस कार्य में जुट जाएं, आपको सफलता निश्चित मिलेगी।
कुछ भी करने से पहले रखें इस बात का ध्यान आचार्य श्री गोपी राम कहते हैं कि मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल मिलता है। उनका कहना है कि प्रत्येक बात को अच्छी तरह से सोच समझ कर उसका आंकलन करने के बाद ही उस कार्य पर विचार करना चाहिए। कुलमिलाकर उनका यही कहना है कि बिना-सोचे समझे एकाएक किसी भी कार्य की शुरुआत करना ठीक नहीं है। जो भी कार्य हम करने जा रहे हैं पहले उस पर गंभीरता से विचार कर लें और सही तैयारी के साथ ही उस कार्य को करने में भलाई है। जीवन में निर्णय लेना जरूरी है लेकिन उसके लिए विचार विमर्श भी करना पड़ता है। जो लोग जल्दबाजी में फैसला लेते हैं उन्हें पग-पग पर निराशा हाथ लगती है, वहीं अगर एक सटीक योजना बना कर किसी कार्य को करते हैं तो दिमांग में यह बात स्वीकार होती है कि यहा कार्य में क्यों कर रहा हूं और इसका परिणाम क्या होगा। एकबार मन किसी बात को स्वीकार कर लेता है तो कितनी बार भी निराशा हाथ लगे व्यक्ति की हिम्मत नहीं टूटती है। कहते भी हैं मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।
❖ॐ∥▩∥श्री∥ஜ ۩۞۩ ஜ∥श्री∥▩∥ॐ❖
⚜️ आज द्वादशी तिथि के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिये। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का पूजन और जप आदि करने से मनुष्य का कोई भी बिगड़ा काम भी बन जाता है। यह द्वादशी तिथि यशोबली अर्थात यश एवं प्रतिष्ठा प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों प्रकार के सिद्धियों को देनेवाली तिथि भी मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है।
द्वादशी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव अस्थिर होता है। इनका मन किसी भी विषय में केन्द्रित नहीं हो पाता है। इस व्यक्ति का मन हर पल चंचल बना रहता है। इस तिथि के जातक का शरीर पतला व कमज़ोर होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी नहीं होती है। ये यात्रा के शौकीन होते हैं और सैर सपाटे का आनन्द लेते रहते हैं।

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