धार्मिकपर्यावरणमध्य प्रदेश

अद्भुत अलौकिक और रमणीक है पनारी का विशाल वटवृक्ष, जहां पर विराजमान है चौसठ योगिनी माता

रिपोर्टर : कुंदनलाल चौरसिया
गौरझामर । मध्यप्रदेश के सागर जिला अन्तर्गत देवरी विधान सभा क्षेत्र की सीमावर्ती ग्राम पंचायत महाराजपुर के नजदीकी पनारी गांव स्थित चौसठ योगिनी माता का नाम जहन मे आते ही वहां की एक भव्य तस्वीर सामने उभरती है और वह है अद्भुत अलौकिक विशाल बरगद के पेड की जो शायद भारतवर्ष मे अपने किस्म का इकलौता पेड ही होगा, इस वटवृक्ष की यदि कैमरे मोवाइल से फोटो खीची जाये तो उसे एक एंगिल मे समेटना शायद मुश्किल ही नही नामुमकिन होगा करीब पांच एकड से ज्यादा के क्षेत्रफल मे फैले इस विशाल वटवृक्ष की शाखाये इतनी ज्यादा फैल चुकी है इनसे निकली जडो पायो से एक दूसरे को जोडते हुए अनेको पेड बना चुकी है की अब यह जानना या पहचान करना कठिन है की इसका मुख्य तना या मूल पेड कौन सा है इस पेड की पुनीत पावन घनी शीतल छाया मे माता चौसठ यौगिनी के विराजमान होने से यह स्थान रमणीकता के साथ साथ विशाल धार्मिक आस्था का केन्द्र बन गया है, जहां पर चैत्र व क्वार की नवरात्रि पर बार्षिक मेला लगता है वैसे तो यहां रोज हजारो की सख्या मे श्रृध्दालु माता के पावन दर्शन व मनोकामना हेतु आते है जिससे यहां रोज मेला सा ही लगा रहता है। बता दे की दर्शनीय चौसठ यौगिनी माता मन्दिर विशाल वटवृक्ष पनारी पहुंचने हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग 44 से दो पक्के पहुंच मार्ग है जो एक बस स्टेंड महाराजपुर से, दूसरा पनारी तिराहे से पूर्व दिशा की ओर सीधा पक्का मार्ग है, गौरझामर से इसकी दूरी करीब चालीस किलोमीटर है यहां पैदल व वाहनो से सहज पहुचा जा सकता है। सभी को इस अदृभुत पेड को देखने की जिज्ञासा हमेशा बनी रहती है, वटवृक्ष की छाया मे लोग बडी सख्या पिकनिक मनाने व प्रसाद के रुप मे भर्ता बाटी बनाने जरुर आते है।

Related Articles

Back to top button