ज्योतिष

आज का पंचांग आज का पंचांग मंगलवार, 12 मार्च 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 12 मार्च 2024

12 मार्च 2024 दिन मंगलवार को शुक्ल मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। आज पंचक अर्थात पचखा समाप्त हो जाएगा। आज स्वामी श्रीरामकृष्ण परमहंस जी की जन्म जयन्ती है। आज से ही यवनों का रोजा आरम्भ होता है। आज रवियोग एवं सर्वार्थऽमृतसिद्धियोग भी है। आप सभी सनातनियों को “स्वामी श्रीरामकृष्ण परमहंस जी के जन्म जयन्ती” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
⛈️ मास – फाल्गुन मास
🌘 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि : मंगलवार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि 07:13 AM तक उपरांत तृतीया तिथि 04:04 AM तक उपरांत चतुर्थी
✏️ तिथि का स्वामी – द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी है । द्वितीया तिथि के स्वामी सृष्टि के रचियता भगवान ‘ब्रह्मा’ जी हैं। इसका विशेष नाम ‘सुमंगला’ है। यह भद्रा संज्ञक तिथि है।
💫 नक्षत्र : नक्षत्र रेवती 08:29 PM तक उपरांत अश्विनी
🪐 नक्षत्र स्वामी : रेवती नक्षत्र के स्वामी ग्रह बुध हैं. तथा नक्षत्र के देवता पूषा हैं।
🔔 योग : शुक्ल योग 07:53 AM तक, उसके बाद ब्रह्म योग 04:08 AM तक, उसके बाद इन्द्र योग
प्रथम करण कौलव 07:13 AM तक, बाद
द्वितीय करण : तैतिल 05:35 PM तक, बाद गर 04:04 AM तक, बाद वणिज
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का गुलिक दोपहर 12:06 से 01:26 बजे तक।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:13 बजे से 16:35 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:08:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:52:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:57 ए एम से 05:45 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:21 ए एम से 06:34 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:07 पी एम से 12:55 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:17 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:25 पी एम से 06:50 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:28 पी एम से 07:40 पी एम
💧 अमृत काल : 06:21 पी एम से 07:46 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:06 ए एम, मार्च 13 से 12:54 ए एम, मार्च 13
सर्वार्थ सिद्धि योग : 08:29 पी एम से 06:33 ए एम, मार्च 13
💧 अमृत सिद्धि योग : 08:29 पी एम से 06:33 ए एम, मार्च 13
❄️ रवि योग : 08:29 पी एम से 06:33 ए एम, मार्च 13
🚓 यात्रा शकुन-दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
🤷🏻 आज का उपाय-हनुमान मंदिर में पंचमुखा दीपक प्रज्वलित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – अमृतसिद्धि योग/पंचक समाप्त, फूलेरा दूज, राम कृष्ण परमहंस जयंती, यशवंतराव चव्हाण जन्म दिवस, मॉरीशस दिवस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्थापना दिवस, तिब्बती महिला विकास दिवस, डांडी कूच दिवस (1930)।
✍🏼 विशेष – द्वितीया तिथि को कटेरी फल का तथा तृतीया तिथि को नमक का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। द्वितीया तिथि सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। इस द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्माजी को बताया गया है। यह द्वितीया तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी होती है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
हमारे शास्त्रों में शंख का हमेशा से बेहद खास महत्व रहा है। किसी भी अच्छे कार्यों की शुरुआत शंख बजाकर ही की जाती है। कहते हैं शंख में देवतागण वास करते हैं। इसके मध्य में वरुण देव, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा जी और अग्र भाग में गंगा और सरस्वती का निवास माना जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में शंख रखने से वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है, साथ ही धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। अगर आपके घर के किसी हिस्से में वास्तु दोष है, तो उस कोने में शंख रखने से वहां का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।
आपको बता दें कि शंख प्रायः तीन प्रकार के होते हैं- दक्षिणावृत्ति शंख, मध्यावृत्ति शंख तथा वामावृत्ति शंख। जो शंख दाहिने हाथ से पकड़ा जाता है, वह दक्षिणावृत्ति शंख कहलाता है। जिस शंख का मुंह बीच में खुलता है, वह मध्यावृत्ति और जो शंख बायें हाथ से पकड़ा जाता है, वह वामावृत्ति शंख कहलाता है। इनमें से दक्षिणावृत्ति शंख को लक्ष्मी का कारक माना जाता है। इसे घर में रखने से धन- सम्पदा में बरकत होती है।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
किसकी आयु कम हो जाती है ?
जिनको अति अभिमान होता है, जो अधिक एवं व्यर्थ का बोलते हैं उनकी आयु कम हो जाती है |
जो निंदा-ईर्ष्या करते है या दुर्व्यसन में फँसे हैं अथवा जो जरा-जरा बात में क्रुद्ध हो जाते हैं उनकी भी उम्र कम हो जाती है |
जो अधिक खाना खाते हैं, रात को देर से खाते हैं, बिनजरूरी खाते हैं, चलते-चलते खाते हैं, खड़े-खड़े हैं उनका भी स्वास्थ्य लडखडा जाता है और आयु कम हो जाती है |
जो मित्र, परिवार से द्रोह करते हैं, संतो, सज्जनों की निंदा करते है उनकी भी आयु कम होती है, जो ठाँस- ठाँस के खाता है, ब्रह्मचर्य का नाश करता रहता है वह जल्दी मरता है |
जो प्राणायाम और भगवद-मंत्र का जप नहीं करता उसकी लम्बी आयु होने में संदेह रहता है और जो ब्रह्मचर्य पालते हैं, प्राणायाम करते हैं उनकी आयु बढती है |
🍃 आरोग्य संजीवनी ☘️
वसंत ऋतू में विशेष उपयोगी कफनाशक पेय
आधा लीटर पानी में 3 से 4 तेजपत्ते, 2 इंच अदरक के 1 या 2 टुकड़े (काट के ) और 3 – 4 लौंग डाल के 10 – 15 मिनट उबालें | ठंडा होने पर छान के 2 चम्मच शहद मिलाकर रख लें | इसे दिन में तीन – चार बार आधा कप गुनगुने पानी में थोडा-थोडा डाल के पिये | बिना शहद मिलाये मधुमेह में भी ले सकते हैं |
लाभ: यह प्रयोग रुचिवर्धक, पाचक, रक्तशोधक, व उत्तम कफशामक है | सर्दी, जुकाम और खाँसी में लाभदायी है | वसंत ऋतू में कफजन्य समस्याएँ ज्यादा होती हैं अत: इन दिनों में यह विशेष उपयोगी है | इसमें लौंग होने से यह प्रयोग श्वासनली में जमा कफ को आसानी से बाहर निकालता है | अदरक वायरस से लड़ने में सहायक है |
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
क्रोध से हानियाँ और उससे बचने के उपाय
पद्म पुराण में आता है : ‘जो पुरुष उत्पन्न हुए क्रोध को अपने मन से रोक लेता है, वह उस क्षमा के द्वारा सबको जीत लेता है | जो क्रोध और भय को जीतकर शांत रहता है, पृथ्वी पर उसके समान वीर और कौन है ! क्षमा करनेवाले पर एक ही दोष लागू होता है, दूसरा नहीं, वह यह कि क्षमाशील पुरुष को लोग शक्तिहीन मान बैठते हैं | किंतु इसे दोष नहीं मानना चाहिए क्योंकि बुद्धिमानो का बल क्षमा ही है | क्रोधी मनुष्य जो जप, होम और पूजन करता है वह सब फूटे हुए घड़े से जल की भाँति नष्ट हो जाता है |’
क्रोध से बचने के उपाय :
एकांत में आर्तभाव से व सच्चे ह्रदय से भगवान से प्रार्थना कीजिये कि ‘हे प्रभो ! मुझे क्रोध से बचाइये |’
जिस पर क्रोध आ जाय उससे बड़ी नम्रता से, सच्चाई के साथ क्षमा माँग लीजिये |
सात्त्विक भोजन करे | लहसुन, लाल मिर्च एवं तली हुई चीजों से दूर रहें | भोजन चबा-चबाकर कम-से-कम २५ मिनट तक करें | क्रोध की अवस्था में या क्रोध के तुरंत बाद भोजन न करें | इस प्रयोग को करने से क्रोध से सुरक्षा तो सहज में ही हो जाती है और साथ-ही-साथ चित्त भगवद आनंद, माधुर्य से भी भर जाता है |
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⚜️ प्रजापति व्रत दूज को ही किया जाता है तथा किसी भी नये कार्य की शुरुआत से पहले एवं ज्ञान प्राप्ति हेतु ब्रह्माजी का पूजन अवश्य करना चाहिये। वैसे तो मुहूर्त चिंतामणि आदि ग्रन्थों के अनुसार द्वितीया तिथि अत्यन्त शुभ फलदायिनी तिथि मानी जाती है। परन्तु श्रावण और भाद्रपद मास में इस द्वितीया तिथि का प्रभाव शून्य हो जाता है। इसलिये श्रावण और भाद्रपद मास कि द्वितीया तिथि को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिये।

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