कृषिपर्यावरणमध्य प्रदेश

जिले में नरवाई जलाने पर लगाया गया प्रतिबंध

आदेश का उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत होगी दण्डात्मक कार्यवाही
रायसेन।
जन सामान्य के हित, सार्वजनिक सम्पत्ति, पर्यावरण एवं लोक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अरविन्द कुमार दुबे द्वारा सम्पूर्ण रायसेन जिले में फसलों के अवशेष नरवाई में आग लगाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश माह जून 2022 की अवधि तक के लिए प्रभावशील रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन भादवि की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा।
उल्लेखनीय है कि धान एवं गेहूॅ की फसल की कटाई के पश्चात अगली फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए अनेक किसानों द्वारा अपनी सुविधा के लिए खेत में आग लगाकर धान के पुआल एवं गेहूॅ के डंठलों (नरवाई) को नष्ट कर खेत साफ किया जाता है। जिससे व्यापक अग्नि दुर्घटनाएं होकर जन-धन की हानि होती है। जिले में गत वर्षो में नरवाई में आग लगाने संबंधी अनेक दुर्घटनाएं हुई है। जिसे दृष्टिगत रखते हुए जिले में नरवाई में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जनसम्पत्ति व प्राकृतिक वनस्पति, जीवजन्तु आदि नष्ट हो जाते हैं जिससे व्यापक नुकसान होता है। खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु नष्ट होते हैं जिससे खेत की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे घट रही है और उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं, इन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा को नष्ट करना है। इसी प्रकार आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कलेक्टर दुबे ने किसानों को विभिन्न माध्यमों से नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान बताते हुए जागरूक किए जाने के भी आदेश दिए हैं।

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