मध्य प्रदेश

लायंस क्लब द्वारा जिले से 25 वर्षों से निकाली गई आंखें कहां गई सीएमएचओ के पास भी हिसाब नहीं.

लायंस नेत्र चिकित्सालय परासिया का किया भंडाफोड़ समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने
आरटीआई से पकडा गई लायंस क्लब की चोरी विगत 5 वर्ष में 17958 ऑपरेशन कर 3,59,16,000 रुपए ले चुके शासन से
4150 वाउचरों के सत्यापन में केवल 912 सत्य एवं 3238 फर्जी बिल लगाकर शासन से लाखों की उगाही की जा रही थी
परासिया । जिले के सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर विगत 6 जनवरी 2024 क़ो प्रेस वार्ता जारी कर लायंस क्लब लायंस एनजीओ संस्था लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया के ऊपर निरंतर शासन से फर्जीबाड़ा करने के आरोप लगा रहे हैं।
आपको बता दें, भारत सरकार की गाइडलाइन राष्ट्रीय अंधत्वमुक्त निवारण मिशन भारत के अंतर्गत देश के समस्त प्राइवेट आई हॉस्पिटलों को निर्धनो एवं अति दयनीय व्यक्तियों के मोतियाबिंद के नि:शुल्क ऑपरेशन शिविरों को लगा करके करने होते हैं। जिसके एवज में भारत सरकार अस्पताल संचालकों को प्रति व्यक्ति मोतियाबिंद ऑपरेशन का 2000 रूपये देती हैं। परासिया के लायंस क्लब लायंस एनजीओ संस्था लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा
विगत 5 वर्ष में 17958 ऑपरेशन कर 3,59,16,000 रुपए ले चुके शासन से इसके बाद 1 दिसंबर 2022 से 18 अप्रैल 2023 तक केवल पांच माह में 4150 ऑपरेशन करने का कीर्तिमान रिकॉर्ड बनाते हुए 83 लाख रूपये पाने के लिए वाउचर लगाए गए। जिसमें शासन के अधिकारियों को शंका हुई क्योंकि अस्पताल को केवल 40 पलंग की ही मान्यता प्राप्त है। अस्पताल में महज पांच माह में 4150 ऑपरेशन कैसे हो गए, जिसमे भोपाल, जबलपुर एवं छिंदवाड़ा के अधिकारियों की संयुक्त जांच समिति बनाई गई, समिति द्वारा जांच की गई जांच करने उपरांत पाया गया कि लायंस नेत्र चिकित्सालय द्वारा भरे हुए समस्त फॉर्म में मरीजों का 85 से 90% बायोडाटा गलत भरा गया हैं जिसमे मरीज का नाम, मरीज का मोबाइल नंबर, मरीज का गांव का नाम,मरीज के जिले का नाम यह सारी जानकारियां गलत भरी गई। जांच रिपोर्ट एनएचएम प्रियंका दास भोपाल क़ो सोपी गई,जिस पर 7-7- 2023 को प्रियंका दास भोपाल ने जिला कलेक्टर एवं सीएमएचओ छिंदवाड़ा को आदेश पारित किया जिसमें लायंस एनजीओ संस्था द्वारा संचालित लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का एम.ओ.यू (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) दो वर्षो के लिए रद्द कर दिया गया। भारत सरकार दिल्ली से आई डी को लॉक कर दिया गया, जिसके तहत संस्था कहीं पर भी कोई भी शिविर को लगा करके फ्री मोतियाबिंद ऑपरेशन क़ो नहीं कर सकती। संस्था के पदाधिकारी के ऊपर एफ.आई.आर दर्ज करने के आदेश पारित किए गए थे। किंतु जिला कलेक्टर शीतला पटले का ट्रांसफर हो जाने की कारण उपरोक्त समय पर कार्यवाही नहीं हो पाई। जिसको लेकर जिले के सक्रिय समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने समस्त विभागों में आरटीआई लगाया आरटीआई से प्राप्त सत्यापित प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर 9 जनवरी 2024 को जिला छिंदवाड़ा कलेक्टर पुष्पेंद्र निगम के कार्यालय में दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही हेतु आवेदन दिया 11/12 जनवरी 2024 क़ो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित देश के 11 प्रमुख विभागों मे आरटीआई से प्राप्त समस्त दस्तावेज एवं अखबार में आई खबरों की छाया प्रति सहित अपना लिखित आवेदन स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रेषित किया। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पत्र समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया को प्राप्त हुआ साथ ही पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक, मध्य प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री, मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यलय में की गई शिकायत के आधार पर समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया के परासिया थाना एसडीओपी कार्यालय में बयान दर्ज किए गए हैं। लायंस नेत्र चिकित्सालय द्वारा लगाए गए 4150 वाउचरों के सत्यापन में 912 सत्य पाए गए 3238 फर्जी बिल लगाकर शासन से लाखों की उगाही की जा रही थी।
समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने लायंस क्लब लायंस एनजीओ संस्था लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर निम्नलिखित आरोप लगाया संस्था द्वारा जिला छिंदवाड़ा से विगत 25 वर्षों से नेत्रदान का काम किया जा रहा है नेत्रदान के नाम पर निकाली गई आंखें कहां जाती है किसको प्रत्यारोपित की जाती है, किसको बेची जाती है संस्था के पदाधिकारी आज तक जवाब नहीं दे पा रहे। मोतियाबिंद ऑपरेशन लेंस के नाम पर किसी से 10000 किसी से 20000 किसी से 50000 रूपये वसूले जाते हैं, अस्पताल के द्वारा जो गोली दवाई लिखी जाती है वह केवल परासिया के विजय मेडिकल स्टोर में ही मिलती। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाँदामेटा में निर्धन गरीबों के नेत्र जांच हेतु जन भागीदारी योजना के तहत 6 लाख रुपए की मशीने लगाई गई थी लायंस क्लब वालों ने उन मशीनों को चाँदामेटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से निकाल अपने निजी अस्पताल में लगाकर मशीनों से व्यापार कर रहे। आँखों इलाज के नाम पर लोगों की आंख खराब करते हैं ऐसे दो प्रकरण समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया द्वारा उठाए गए।
उपरोक्त संदर्भित संपूर्ण विषय के अंतर्गत अब देखना यह हैं की शासन प्रशासन दोषियों पर क्या कार्यवाही करता है।

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