धार्मिक

गलती होने पर सुधार और प्रायश्चित करना आवश्यक है: आचार्य विपिन

सियरमऊ में भागवत कथा द्वितीय दिवस
रिपोर्टर : मनोज शुक्ला
सियरमऊ । तहसील के ग्राम सियरमऊ में आयोजित भागवत कथा के द्वितीय दिवस मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा व्यास आचार्य विपिन बिहारी महाराज ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित आवश्यक है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। कथा व्यास ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र की प्राप्ति की। हमारे पूर्वजों ने सदैव से पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के ब अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता, लेकिन वह हम सबके आत्मा में बसता है।

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