मध्य प्रदेशराजनीति

चुनावी दंगल रोचक: आरोप-प्रत्यारोपों का चल रहा क्रम, लाठी और लठैत की इंट्री

दावों- प्रतिदावों, आरोपों- अपशब्दों के बीच मूल मुद्दे… हो रहे गुम
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है। वैसे-वैसे चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां विदिशा रायसेन लोकसभा सीट से भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं कांग्रेस पार्टी से दो बार के सांसद रहे विदिशा के प्रतापभान शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है। अन्य निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। विदिशा लोकसभा के लिए मतदान 7 में तारीख तय की गई है होशंगाबाद सीट 26 अप्रैल शुक्रवार के दिन वोटिंग होगी ।होशंगाबाद नरसिंहपुर लोकसभा सीट से किसान नेता व भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी प्रत्याशी हैं तो वहीं दूसरी ओर तेंदूखेड़ा के पूर्व विधायक संजय संजू शर्मा उम्मीदवार बनाए गए हैं। दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतरे हैं । लोकसभा चुनाव जहां एक और स्थानीय मुद्दे मूल चुनावी मुद्दे गौण हो गए हैं तो वहीं नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोपण का दौर जारी है ।कांग्रेस प्रत्याशी संजू शर्मा चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्हें ब्राह्मण और कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं पूरा भरोसा है कि वह चुनावी नैया पार करवा देंगे। वहीं दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी दर्शनसिंह चौधरी मोदी फैक्टर और किरार समाज फैक्टर के सहारे चुनाव लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव दोनों तरफ से पूरी ताकत झोंकी जा रही है ।बहरहाल आखिर में ही देखना ही होगा कि कौन सा दमदार प्रत्याशी चुनाव में बाजी मारेगा किसे मिलेगी मात।
कांग्रेस खेमे में फिलहाल मान मनोव्वलल का दौर जारी…
विदिशा लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी प्रतापभानु शर्मा के संवाद संपर्क समिति के संयोजक कांग्रेस नेता कांग्रेस कार्यालय रायसेन के कार्यालय पहुंचे .और रूठे हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए मान-मनौव्वल की।
लोकसभा क्षेत्र सहित प्रदेश में इस बार मोदी की गारंटी फैक्टर इस कदर हावी नजर आ रहा है कि सारी घोषणाएं और बयानबाजियां इसी के इर्द गिर्द सिमटी दिख रहीं हैं। कांग्रेस हो या भाजपा, चुनाव प्रचार के तरीके या बयानों से स्पष्ट हो रहा है कि उनका फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है।
लोकसभा चुनाव आमतौर पर वैसे तो राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। इनमें प्रदेश और संबंधित क्षेत्र के बड़े मुद्दे या समस्याएं भी शामिल होती हैं। जिनके सुलझने या लंबित रहने के आधार पर सत्ता पक्ष या विपक्ष के प्रत्याशी जनता के बीच जाते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में यहां यह स्थिति है कि व्यक्तिगत आक्षेप और बयानबाजियों का बाजार गर्म है। हलांकि एक ओर मोदी गारंटी की बात को लेकर भाजपाई गांव-गांव तक पहुंच रहे हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का घोषणापत्र भी आ चुका है पर अभी तक की स्थिति में कांग्रेस का घोषणापत्र पूरी तरह से लोगों के बीच नहीं जा सका है और इस पर जिस प्रकार की चर्चा लोगों के बीच होनी चाहिए वो दिख नहीं रही है। कहा ये भी जा रहा है कि जैसे चुनाव और नजदीक आएगा, बडे़ नेताओं का दौरा आरंभ होगा । इस चर्चा भी आम हो जाएगी। ये तो रही घोषणापत्र की बात लेकिन वर्तमान में बयानबाजी का दौर जोर-शोर से चल रहा है। चुनाव में पहले ही लाठी और लठैत जैसे लोग पर्दे के पीछे से अब तैयार होने लगे हैं।

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