धार्मिक

15 मई 2024 को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत : किन उपायों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
🔥ॐ📿ll जय श्री महाकाल ll📿ॐ🔥
🔮 15 मई 2024 को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाएगा। प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है। मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन देवी दुर्गा की उपासना करने से आपकी सभी मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आपकी हर समस्या का हल मिलता है। इसके अलावा आचार्य श्री गोपी राम से जानिए कि दुर्गाष्टमी के दिन किन उपायों को करने से अलग-अलग शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
🔹 अगर आपको अपने मन पसंद वर या वधू पाने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी दुर्गा के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। मंत्र जप के बाद मां दुर्गा को इलायची का भोग लगाना चाहिए।
🔹 अगर आप अपने दांपत्य रिश्ते में सुख बनाये रखना चाहते हैं तो उसके लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद देवी मां को पुष्पों की पुष्पांजलि चढ़ानी चाहिए। इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।
🔹 अगर आप अपने बच्चों के करियर को बेहतर गति देना चाहते हैं आप चाहते हैं कि आपके बच्चे खूब तरक्की करें तो दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी दुर्गा के इस खास मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- या देवी सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। जप के बाद देवी मां के आगे घी का दीपक जलाना चाहिए।
🔹 अगर आपके परिवार में किसी प्रकार की परेशानी चल रही है जिससे आपके घर की सुख-शांति गायब हो गई है तो इससे छुटकारा पाने के लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको 2 कपूर और 12 लौंग लेकर एक गोबर के कंडे या उपले पर जलाकर घर में घूमना चाहिए और परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए देवी दुर्गा से प्रार्थना करनी चाहिए।
🔹 अगर पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य को लेकर आपको कुछ परेशानी झेलनी पड़ रही है तो उससे बचने के लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको मां दुर्गा के इस मंत्र का 5 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।। जप के बाद माता को पांच फलों का भोग लगाना चाहिए।
🔹 अगर आप अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं तो दुर्गाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर देवी दुर्गा की विधिपूर्वक धूप-दीप आदि से पूजा करनी चाहिए और पूजा के समय ही एक एकाक्षी नारियल लेकर उस पर सात बार मौली लपेटकर देवी मां के सामने रखना चाहिए। पूजा के बाद उस एकाक्षी नारियल को वहां से उठाकर अपनी तिजोरी या अपनी पैसों वाली अलमारी में रख लें।
🔹 अगर आपको किसी चीज का भय बना रहता है या आपको कोई नया काम शुरू करने से डर लगता है तो अपने भय पर अपने डर पर काबू पाने के लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी दुर्गा के मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणी। जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।। जप के बाद मंदिर की घंटी बजानी चाहिए।
🔹 अगर आप अपने जीवन की गति को सुगम बनाना चाहते हैं अपने जीवन को खुशियों से भरना चाहते हैं तो दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी मां के मंदिर में जाकर उनके निमित्त वस्त्र भेंट करने चाहिए और उनको कच्चे नारियल की गिरी का भोग लगाना चाहिए।
🔹 अगर आप सुंदर स्वस्थ काया और सुख की प्राप्ति करना चाहते हैं तो दुर्गाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर देवी दुर्गा के इस मंत्र का 51 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है-
देहि सौभाग्य मारोग्यं देहि मे परमं सुखम् रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषों जहि। मंत्र जप के बाद देवी मां को प्रणाम करना चाहिए।
🔹 अगर आप अपने जीवन में देवी मां की कृपा बनाये रखना चाहते हैं अपने कामों में परिवार का सहयोग बनाये रखना चाहते हैं तो दुर्गाष्टमी के दिन आपको किसी छोटी कन्या में मां दुर्गा का ध्यान करते हुए आशीर्वाद लेना चाहिए और उसको भेंट स्वरूप कुछ न कुछ देना चाहिए।
🔹 अगर आप चाहते हैं कि आपकी सारी परेशानियों का हल चुटकियों में निकल जाये और आपको खूब धन-धान्य की प्राप्ति हो इसके लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी दुर्गा के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥ मंत्र जप के बाद देवी दुर्गा के आगे कपूर जलाना चाहिए।
🔹 अगर आप अपने बिजनेस में बढ़ोतरी करना चाहते हैं अपने बिजनेस को दूर-दराज तक फैलाना चाहते हैं तो दुर्गाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद दुर्गा मां की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए कपूर से उनकी आरती करनी चाहिए और उसके बाद हलवे और उबले हुये चने का भोग लगाना चाहिए।

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