धार्मिकमध्य प्रदेश

पितरों को मोक्ष के लिए करें पिंडदान ब्राह्मणों को कराएं भोजन : शास्त्री

सिलवानी। पितृ पक्ष भाद्रपक्ष की पूर्णिमा से लेकर आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक मनाया जाता है। इस दौरान आने वाले 16 दिनों को पितृपक्ष कहा जाता है, जिसमें हम अपने पूर्वजों की सेवा बड़े ही भक्तिभाव से करते हैं। नगर खेरापति भूपेन्द्र शास्त्री ने बताया कि इन 16 दिनों में पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्य अपने पितरों को रोजाना पिंडदान, तर्पण, ब्राह्मण भोज, गरीबों को दान आदि जैसे कर्म करते हैं जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो । हिन्दू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी सेवा माना गया है, इसलिए शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता मानी गई है । जन्मदाता माता-पिता को मृत्यु के बाद बेटे विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है। हिन्दू धर्म में ये मान्यता है कि पितृमोक्ष के दिन श्राद्ध करने से अपने पूर्वजों को शांति मिलती है। शुक्रवार को श्राद्ध के प्रथम दिन बड़ी संख्या में लोगों ने श्रीराम मंदिर के समीप बने कुंड पर खेरापति भूपेन्द्र शास्त्री के आचार्यत्व में तर्पण किया।

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