मध्य प्रदेश

ट्रैफिक कानून में बदलाव, जानिए कौन सा नियम तोड़ने पर लगेगा कितना जुर्माना

ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । जबलपुर जिले में बड़ा ही विचित्र मोटरसकिल का चालान कटवाना युवक के लिये चर्चा का विषय बन गया! ये युवक कोई और नहीं बल्कि अख़बार जगत का फोटोग्राफर था जिसे कंट्रोल रूम से लेकर एसपी तक बात करनी पड़ी! जिला प्रशासन को मालूम हो कि प्रेस फोटोग्राफर हर व्यक्त हर खबर के लिऐ यहाँ से वहाँ आना जाना पड़ता है इसी क्रम में शनिवार को कैंट थाना क्षेत्र का प्रकाश में आया है यहाँ दिनेश पटैल प्रेस फोटोग्राफर अपनी मोटर साईकिल पल्सर एन 160 सीसी को पार्किंग के पास से निकाल रहें थे उसी समय बंद गाड़ी की चाभी कैंट पुलिस ने मांग कर कैंट थाना गाड़ी ले जाकर खड़ी कर दी।
थाना प्रभारी को बताने के बाद भी देना पड़ा 500 रूपये का हर्जाना।
मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव के बाद अब विभिन्न प्रकार के ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ज्यादा सजा होगी और जुर्माना भी ज्यादा लगेगा. आइए .जानते हैं सड़क पर गाड़ी चलाते समय कौन सा नियम तोड़ने पर आपके ऊपर कितना जुर्माना लगेगा बिना लाइसेंस के कोई भी गाड़ी चलाने पर 5000 रु. का जुर्माना मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर 5000 रु. का जुर्माना शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रु. का जुर्माना लगेगा! सीमा से अधिक गति में गाड़ी चलाने पर 5000 हजार रु. का जुर्माना, अगर हैलमेट या नंबर प्लेट न हो तो 1000 एक हजार से लेकर 500 सौ रूपये तक का जुर्माना देना पड़ता है। हमारे देश में हर साल करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में जान गवां देते हैं. ट्रैफिक नियमों के होने के बावजूद ज्यादातर लोग इनका पालन भी नहीं कर करते है! इसका नतीजा, मौत या फिर विकलांगता होती है! ट्रैफिक नियमों का पालन अगर मजबूती से किया जाए तो इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में बदलाव कर मोटर व्हीकल (संशोधन) बिल 2019 को लोकसभा में पास किया गया. ये बिल अप्रैल 2017 में भी लोकसभा में पास हुआ था, लेकिन राज्यसभा में पास नहीं होने के कारण अटक गया था! और आज भी मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव के बाद अब भी विभिन्न प्रकार के ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ज्यादा सजा होगी और जुर्माना भी ज्यादा लगेगा. नए एक्ट में तय मानक से कमतर इंजन बनाने पर गाड़ी बनाने वाली कंपनियों पर 500 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने या वाहन का पंजीकरण करवाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा. सरकार का मानना है कि जुर्माने की राशि कम होने की वजह से लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते है! जिससे ये चालानी की राशि का भुक्तान कर वहाँ से चले जाते है ।

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