मध्य प्रदेश

बाइक से ले जाना पड़ा मासूम का शव, बाइक से तय किया 14 किमी का सफर

डिंडौरी में जिंदा जला था 4 साल का बेटा; पिता से पुलिस ने कहा- खुद ले जाओ
डिंडौरी । एमपी के आदिवासी क्षेत्र डिंडौरी में किसान को अपने 4 साल के बेटे का शव मोटर साइकिल से घर ले जाना पड़ा। बच्चे की सोमवार को जिंदा जलने से मौत हो गई थी। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद अस्पताल के स्टाफ ने शव परिजन को सौंप दिया। शव वाहन मांगा तो कहा गया कि ये जिम्मेदारी पुलिस की है।
मासूम का पिता पुलिस के पास पहुंचा। पूछा कि शव कैसे लेकर जाएं? इस पर पुलिसकर्मी बोले- बन जाए तो बाइक से ले जाओ। मजबूर पिता बाइक से ही बेटे का शव लेकर चल पड़ा। इसका वीडियो भी सामने आया है।
घटना मेहदवानी थाना क्षेत्र की है। सोमवार शाम को भुरका गांव के किसान हीरा उईके के खेत में बनी झोपड़ी में आग लग गई थी। इसमें जलकर दिव्यांग बेटे चंदन राज उम्र 4 साल और दो बैलों की मौत हो गई थी।
हीरा उईके ने बताया कि जब हम पहुंचे तो सब कुछ जल चुका था। पुलिस को सूचना दी। डायल 100 की मदद से रात 8 बजे मेहदवानी अस्पताल पहुंचे। मंगलवार सुबह 10 बजे तक पोस्टमार्टम हो पाया। वाहन नहीं मिला तो मैं अपने जीजा राजेश मरावी के साथ शव को बाइक से गांव लाया। हम गरीब हैं। पैसों का जुगाड़ भी नहीं था तो क्या करते?
राजेश मरावी ने कहा कि हमें पैसे की समस्या थी। पुलिस वालों ने कहा तो हम शव को बाइक से लेकर आ गए।
हीरा उईके ने कहा कि’2021 से भुरका गांव में पैतृक जमीन पर खेती करते हैं। मेरे साथ पत्नी कमला बाई, बड़ा बेटा चंदन राज उम्र 4 साल, डेढ़ साल का बेटा कंचन राज, एक साल की बेटी गयामति और पिता टीकाराम भी रहते हैं। बेटा चंदन जन्म के दो साल बाद पैर से दिव्यांग हो गया था। उसे झटके भी आते थे। कई जगह इलाज करवाया लेकिन राहत नहीं मिली।’
हीरा ने बताया कि सोमवार शाम को वह दूसरे गांव कठौतिया गया था। पत्नी किसी काम से बाहर थी। पिता पानी भरने घर से निकले थे। झोपड़ी के अंदर तीनों बच्चे ही मौजूद थे। आग लगने पर कंचन और गयामति बाहर निकल आए। चंदन चल-फिर नहीं सकता था इसलिए अंदर ही फंस गया।
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झोपड़ी में आग लगने से जिंदा जला 4 साल का मासूम, दो बैलों की भी मौत

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