मध्य प्रदेश

स्मार्ट मीटर का विरोध, पुराने डिस्प्ले वाले मीटर को 5 वर्ष नहीं हुये, फिर भी लगा रहे नये मीटर

शीतला माई वार्ड में महिला ने किया विरोध, लोगो ने कहा पुराने मीटर में क्या खराबी ?
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । जबलपुर जिले में विधुत वितरण कम्पनी के द्वारा ठेकेदारी में लगाये गये कर्मचारी दूसरे जिले से आकर वार्डो में मीटर लगाने का कार्य तो चालू कर दिया पर न तो इनके पास आई कार्ड न ही मीटर लगाने का अनुभव है फिर भी जिले में मीटर लगाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया। शीतल माई वार्ड निवासी सरला देवी ने बताया कि विद्युत कंपनियों के द्वारा जबलपुर में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए ऐसे कर्मचारियों का चयन किया गया है जो अप्रशिक्षित हैं। और इनके पास अनुभव की कमी साथ बिना आई डी कार्ड दस्तावेज के मीटर लगाने लगें है! जब इन लोगों से वार्ड में मीटर लगाने के पहले उनसे पूछा गया भाईया आप के पास आधार कार्ड या फिर आईडी कार्ड है तो उन्होंने मना कर दिया!
पूर्व विधानसभा में स्मार्ट मीटर लगाने पर ठेकेदार कर्मचारियों से बिजली समस्या निवारण हेतु पूछा गया कि आप कहां से आए हैं तो उनके द्वारा बताया गया कि दमोह, सागर, छतरपुर से स्मार्ट मीटर लगाने बुलाया गया है। न तो इनके पास आई कार्ड, आईटीआई, पुलिस वेरीफिकेशन, के साथ मीटर टेस्टिंग लैब लाइसेंस, ये कुछ भी नहीं पाया गया है! ऐसी स्थिति में जबलपुर की जनता सुरक्षित नहीं है! इस लिये अनजाने लोग से बेहिचक लोगों के घरों में प्रवेश कर रहे हैं! इस स्थिति में किसी घर में घटना दुर्घटना या जघन्य अपराध जैसी वारदात होती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा ?
इन सभी कारणों को देखते हुये वार्ड की महिलाओ न विरोध जताया और फिर बिना कुछ कहे वे सभी वहाँ से चले गये! मीटर लगाने के पहले उनके पास पूर्ण दस्तावेज हो, निर्धारित दिशा निर्देश के साथ साथ आईडी पूफ होना अति आवश्यक है जिसे किसी को कोई भी परेशानी नहीं होंगी।
सरला देवी ने बताया कि बिना आई कार्ड, बिना एकस्पिरियन के लगा रहें मीटर साथ ही 1400 रूपये की रसीद भी काट रहें। यह कर्मचारी दूसरे जिले के ठेकेदारी पर लगाये गये हैं।

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