ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग मंगलवार, 17 जनवरी 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 17 जनवरी 2023

हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए । मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
मंगलवार के व्रत से सुयोग्‍य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है।
🔮 शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
🌐 संवत्सर नाम-राक्षस
✡️ शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत 5123
☣️ सायन उत्तरायण
🌦️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – माघ माह
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – दशमी 12:36 PM बजे तक उपरान्त एकादशी तिथि है।
✏️ तिथि स्वामी : दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं इस तिथि में यम की पूजा करने से नरक और मृत्यु का भय नहीं रहता है।
💫 नक्षत्र – विशाखा 14:02 PM तक उपरान्त अनुराधा नक्षत्र है।
🪐 नक्षत्र स्वामी : विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु हैं तथा नक्षत्र के देवता इंद्र और अग्नि हैं। यह तुला राशि और वृश्चिक राशि को जोड़ने वाला नक्षत्र है।
🔔 योग – गंड 26:08 PM तक उपरान्त वृद्धि योग है।
प्रथम करण : विष्टि – 06:05 पी एम तक
द्वितीय करण : बव – 05:10 ए एम, जनवरी 18 तक
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का (अशुभ) गुलिक काल 12:31 पी एम से 01:50 पी एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:00 बजे से 16:30 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 06:42:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 17:18:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:10 पी एम से 12:52 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:17 पी एम से 02:59 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:45 पी एम से 06:12 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 05:48 पी एम से 07:08 पी एम
💧 अमृत काल : 10:12 ए एम से 11:45 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:04 ए एम, जनवरी 18 से 12:58 ए एम, जनवरी 18
💥 शूल योग – आज सुबह 8 बजकर 35 मिनट तक
🚓 यात्रा शकुन- दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
👉🏻 आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-हनुमान मंदिर में बूंदी के लड्डू चढाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – शनि गोचर, दत्तात्रेय रामचंद्र कापरेकर, भारतीय गणितज्ञ जन्म दिवस, जावेद अख़्तर – पटकथा लेखक, जन्म दिवस, मुख्यमंत्री ज्योति बसु, पश्चिम बंगाल पुण्य तिथि, बाबू गुलाबराय, एलवी प्रसाद जयन्ती, मरुदुर गोपालन रामचंद्रन जयन्ती, रंगेय राघव की जयंती, ज्योति प्रसाद अग्रवाल पुण्यतिथि, ज्योति बसु स्मृति दिवस, सुचित्रा सेन पुण्य तिथि, अभिनेता करण त्रिवेदी जन्मोत्सव, अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस (10 दिवसीय), राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी- 17 जनवरी तक
✍🏼 विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात ढंदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को रात के समय सुगन्धित चीजों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे नकारात्मक शक्तियां तेजी से आकर्षित होती हैं और वास्तु दोष का खतरा बढ़ सकता है।
घर में आते ही व्यक्ति यदि तनाव से ग्रसित, उर्जाहीन या भ्रमित महसूस करता है, तो यह वास्तु दोष का संकेत हो सकता है। इसलिए रोज सुबह और संध्या काल में घंटी व शंख जरूर बजाएं। ऐसा करने से आपको जल्द ही सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि शुद्धता के कारण वास्तु दोष का खतरा टल जाता है। इसलिए स्वयं के साथ-साथ घर को भी हर समय साफ-सुथरा रखें। अन्यथा नकारात्मक शक्तियां व्यक्ति या उसके परिवार पर हावी हो सकती हैं।
घर में यदि हर समय तनाव की स्थिति बनी रहती है और परिवार का कोई न कोई सदस्य समय-समय पर बीमार पड़ता है, तो यह वास्तु दोष के कारण हो सकता है। इसलिए घर में धार्मिक कार्यों को श्रद्धापूर्वक सम्पन्न करें और हर समय सतर्क रहें।
✒️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
सूखे मेवे बादाम की गुठली और सूखे मेवों का सेवन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है। हाल ही में एक स्टडी में यह भी पाया गया है कि जिन लोगों को पहले से ही हार्ट संबंधी बीमारियां हैं, उनमें भी अखरोट के सेवन से यह सब कम हो जाता है। अखरोट मल्टीविटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल बहुत कम हो जाता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। वैसे तो सभी तरह के सूखे मेवों में अधिक कैलोरी होती है, लेकिन बादाम का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
एवोकाडो एवोकाडो में मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि एवोकाडो के रोजाना सेवन से दिल स्वस्थ रहता है और खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। मोटापे से परेशान लोगों के लिए यह वजन कम करने में मददगार है। एवोकाडो को सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
🍃 आरोग्य संजीवनी ☘️
शुगर का पौधा (स्टीविया प्लांट शुगर का पौधा या स्टीविया में स्टीविओल ग्लाइकोसाइड्स नामक यौगिक होते हैं जो चीनी की तुलना में लगभग 150-300 गुना अधिक मीठे होते हैं। हालांकि, स्टेविया कैलोरी में इतना कम है कि इसे जीरो कैलोरी प्लांट कहा जाता है। डायबिटीज रोगी अगर रोजाना इसे खाली पेट चबाएं तो ये शुगर स्पाइक को कम करने के साथ, मोटापा, ज्यादा प्यास लगना और पेशाब से जुड़े इसके सभी लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद करेगा।
इंसुलिन प्लांट- इंसुलिन प्लांट को मेडिकल टर्म में कोक्टस इग्नस कहा जाता है। ये एक ऐसा पौधा है जो इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है और शरीर में शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। इस तरह ये खाने से निकलने वाले शुगर को पचाकर शरीर में डायिटीज कंट्रोल करता है।
📖 गुरु भक्ति योग
हर व्यक्ति के पहले शिक्षक उसके माता-पिता होते हैं, फिर उसके स्कूल के शिक्षक और फिर उसके ज्ञान को बढ़ाने के लिए उसके अपने अनुभव। गुरु को भगवान के समान बताया गया है, क्योंकि गुरु के बिना शिष्य के लिए ज्ञान प्राप्त करना असंभव है। सही और गलत के बीच के अंतर का ज्ञान शिक्षक के माध्यम से ही आता है।
आचार्य श्री गोपी राम कहते हैं कि जिस प्रकार शिष्य से गुरु के प्रति भक्ति की अपेक्षा की जाती है, उसी प्रकार गुरु से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने शिष्य को मार्ग दिखाए।हमने बताया है कि जीवन में कब गुरु, स्त्री, धर्म और संबंधियों का त्याग करना चाहिए।
त्यजेद्धर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत्।
त्यजेत्क्रोधमुखी भार्या निःस्नेहान्बान्धवांस्यजेत्॥
श्लोक के मुताबिक धर्म में यदि दया न हो तो उसे त्याग देना चाहिए। विद्याहीन गुरु को, क्रोधी पत्नी को तथा स्नेहहीन बान्धवों को भी त्याग देना चाहिए।
करुणा धर्म का मूल है हमने एक श्लोक में कहा है कि जिस धर्म में दया न हो, उसे छोड़ देना ही अच्छा है। धर्म का आधार दया और करुणा है। किसी भी जीव या आत्मा पर दया करना हमारा मूल धर्म है। हमेशा दयालु रहने वाले व्यक्ति की खुशी का ठिकाना नहीं रहता।
ऐसे गुरु का त्याग कर देना चाहिए गुरु शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं, उसे उचित शिक्षा देकर उसे समृद्ध बनाने के लिए अच्छे और बुरे में अंतर करना सिखाते हैं, लेकिन शास्त्र के अनुसार यदि गुरु को ज्ञान ही नहीं है तो वह शिष्य का भला कैसे कर सकता है। ऐसे गुरु से शिक्षा लेने से न केवल धन की हानि होती है बल्कि यह आपका पूरा भविष्य बिगाड़ सकती है, इसलिए ऐसे गुरु को तुरंत छोड़ देना ही बेहतर होता है।
ऐसे रिश्तेदारों से दूर रहें रिश्ते प्यार और भरोसे से बनते हैं। आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार जिन रिश्तेदारों में आपके लिए प्यार और स्नेह नहीं है, उनसे दूर रहना ही बेहतर है। ऐसे रिश्तेदार केवल नाम के होते हैं, जब आपका समय खराब होता है तो इससे मुंह मोड़ लेते हैं और फायदा भी उठा सकते हैं।
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⚜️ दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।
दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।

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