Aaj ka Panchang आज का पंचांग रविवार, 02 अप्रैल 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचांग 🧾
रविवार 02 अप्रैल 2023
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर वसंत ऋतु
🌤️ मास – चैत्र मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – एकादशी 04:20 AM बजे तक उपरान्त द्वादशी तिथि है।
✏️ तिथि स्वामी : द्वादशी तिथि के देवता हैं विष्णु। इस तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य सदा विजयी होता है।
💫 नक्षत्र – आश्लेषा 04:49 AM तक उपरान्त मघा नक्षत्र है।
🪐 नक्षत्र स्वामी : मघा नक्षत्र के स्वामी केतु ग्रह है। मघा नक्षत्र के देवता होते हैं पितर।
🔊 योग – धृति 02:50 AM तक उपरान्त शुक्ल योग है।
⚡ प्रथम करण : बव – 05:24 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : बालव – पूर्ण रात्रि तक
⚜️ दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो पान एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है।
🔥 गुलिक काल : रविवार का (अशुभ गुलिक) काल 03:32 पी एम से 05:06 पी एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सायं 16:30 बजे से 18:00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 05:51:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 18:09:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:38 ए एम से 05:24 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:01 ए एम से 06:11 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:50 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:20 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:38 पी एम से 07:01 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 06:39 पी एम से 07:48 पी एम
💧 अमृत काल : 04:44 ए एम, अप्रैल 03 से 06:31 ए एम, अप्रैल 03
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:01 ए एम, अप्रैल 03 से 12:47 ए एम, अप्रैल 03
🚓 यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-विष्णु मंदिर में स्वर्ण भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – कामदा एकादशी व्रत (निम्बार्क)/ विष्णु द्वादशी, अजय देवगन जन्मोत्सव, कमीडियन कपिल शर्मा जन्म दिवस, कोरियॉग्राफर रेमो डिसूजा जन्म दिवस, भारतीय क्रिकेट के जनक रणजीत सिंह स्मृति दिवस, ब्रिटिश पंजाब स्थापना दिवस, पेशवा बालाजी विश्वनाथी पुण्य तिथि, शास्त्रीय गायक, (बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ) जन्म दिवस, साहित्यकार राधाकृष्ण दास पुण्य तिथि, स्वतंत्रता सेनानी – वी. वी. सुब्रमण्य अय्यर जन्म दिवस, विश्व आत्मकेंद्रित जागरूकता दिवस, अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस
✍🏼 विशेष – द्वादशी तिथि को मसूर की दाल एवं मसूर से निर्मित कोई भी व्यंजन नहीं खाना न ही दान देना चाहिये। यह इस द्वादशी तिथि में त्याज्य बताया गया है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि नारायण हैं। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का श्रद्धा-भाव से पूजन करना चाहिये। साथ ही भगवान नारायण के नाम एवं स्तोत्रों जैसे विष्णुसहस्रनाम आदि के पाठ एवं जप से धन, यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
🗼 Vastu Tips 🗽
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए दक्षिण-पश्चिम, यानी कि दिशा के बारे में। दक्षिण-पश्चिम दिशा को भारी सामान रखने के लिए सबसे उचित दिशा माना जाता है। घर बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि वहां के दक्षिण-पश्चिम हिस्से को ऊंचा रखना चाहिए। साथ ही इस दिशा की दिवारों को अन्य दिशाओं की दिवारों से मोटा बनाया जाना चाहिए। अगर आपके घर में सीढ़ियां बनायी जानी है, तो वो भी घर की इसी दिशा में बनवाएं। आप चाहें तो इस दिशा में एक स्टोर रूम भी बनवा सकते हैं, जिसे भारी सामान रखने के लिए उपयोग में लाना चाहिए।
इस दिशा को भारी सामान रखने के लिये क्यों उपयोग में लाना चाहिए, इसके पीछे एक साइंटिफिक फैक्ट भी है। दरअसल पृथ्वी जब सूर्य की परिक्रमा दक्षिण दिशा में करती है तो पृथ्वी एक विशेष कोणीय स्थिति में होती है, लेकिन इस दिशा में भार रखने से वह संतुलन में आ जाती है। साथ ही इस दिशा में गर्मियों में ठंडक जबकि सर्दी के मौसम में गर्माहट रहती है, जिसके चलते भारी सामान की ऊर्जा में भी संतुलन बना रहता है।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
चिंता, चिडचिडापन व तनाव कम करने हेतु
जो व्यक्ति स्नान करते समय पानी में ( 5 मि.ली.) गुलाबजल मिलाकर ‘ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा |’ यह मंत्र बोलते हुए सर पर जल डालता है, उसे गंगा-स्नान का पुण्य होता है तथा साथ ही मानसिक चिंताओं में कमी आती है और तनाव धीरे-धीरे दूर होने लगता है, विचारों का शोधन होने लगता है, चिडचिडापन कम होता है तथा वह अपने – आपको तरोताजा अनुभव करता है |
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
आंखों की जलन को दूर करेंगे ये उपाय
ठंडे पानी का इस्तेमाल: आंखों में अगर जलन या थकान हो तो आप आंखों में पानी के छींटे डालें। इससे आंखों में ठंडक पहुंचेगी और आप बेहतर महसूस करेंगे। आप हाइड्रेशन का भी ख्याल रखें और भरपूर पानी पिएं। इससे शरीर डिटॉक्स होगा और परेशानी घटेगी।
खीरा का इस्तेमाल: आप खीरे की मदद से भी आंखों की जलन और थकान को दूर कर सकते हैं। खीरे की पतली स्लाइस काट लें और इसे फ्रिज में रख दें। जब भी आंखों में जलन हो आप इन स्लाइस को आंखों के ऊपर रखें। 10 से 15 मिनट तक आंखों को बंद कर आराम करें। आंखों को ठंडक मिलती है।
आलू का इस्तेमाल: खीरे की तरह आलू की स्लाइस भी आंखों पर रखे जा सकते हैं और यह भी भरपूर आराम देगा। आलू के रस को आंख पर लगाया जा सकता है और इससे भी जलन और दर्द में राहत मिल सकती है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
आचार्य श्री गोपी राम ने अपने ग्रंथों में कई बहुत ही साधारण लेकिन अत्यन्त महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। इन बातों को जीवन में उतार लिया जाए तो व्यक्ति को कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। जानिए श्री गोपी राम की नीति में दी गई ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में
नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् ।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः ॥
आचार्य श्री गोपी राम कहते हैं कि व्यक्ति को अपने व्यवहार में बहुत ही भोला या सरल ह्रदय नहीं होना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को सदैव नुकसान होता है। ध्यान रहें कि जंगल में सीधे पेड़ पहले काटे जाते हैं, जबकि आड़े या तिरछे पेड बच जाते हैं।
कामधेनुगुना विद्या ह्यकाले फलदायिनी।
प्रवासे मातृसदृशी विद्या गुप्तं धनं स्मृतम्॥
अर्थात् विद्या कामधेनु गाय के समान है जो प्रत्येक परिस्थिति और मौसम में व्यक्ति को अमृत प्रदान करती है। वह व्यक्ति का माता के समान रक्षण करती है। अतः विद्या को गुप्त धन कहा गया है।
यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवं परिषेवते ।
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति चाध्रुवं नष्टमेव हि ॥
अर्थात् कभी भी निर्णय लेते समय सही और गलत की पहचान करना न भूलें। जो व्यक्ति निश्चित को गलत मान कर अनिश्चित पर दांव लगाता है, उसका सभी कुछ नष्ट हो जाता है। यानि व्यक्ति को बिना सोचे-समझे निर्णय नहीं लेना चाहिए।
आयुः कर्म च वित्तं च विद्या निधनमेव च ।
पञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः ॥
हमारे कहने के अनुसार किसी व्यक्ति को कितनी आयु, कर्म, धन तथा विद्या प्राप्त होगी, यह सब बातें उसकी माता के गर्भ में आने से पहले निश्चित हो जाती हैं। कोई व्यक्ति चाहकर भी इन्हें नहीं बदल सकता।
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⚜️ आज द्वादशी तिथि के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिये। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का पूजन और जप आदि करने से मनुष्य का कोई भी बिगड़ा काम भी बन जाता है। यह द्वादशी तिथि यशोबली अर्थात यश एवं प्रतिष्ठा प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों प्रकार के सिद्धियों को देनेवाली तिथि भी मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है।
द्वादशी तिथि में जन्म लेनेवाले व्यक्ति का स्वभाव अस्थिर होता है। इनका मन किसी भी विषय में केन्द्रित नहीं हो पाता है। इस व्यक्ति का मन हर पल चंचल बना रहता है। इस तिथि के जातक का शरीर पतला व कमज़ोर होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी नहीं होती है। ये यात्रा के शौकीन होते हैं और सैर सपाटे का आनन्द लेते रहते हैं।