पान पर पाला का कहर, राहत की मांग
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान। बंग्ला व कटक पान का उत्पादन करने वाले उमरियापान के पान बरेजों में पाला के कहर से पान के पत्ते टूटकर झड रहे हैं। कडाके की ठंड के बाद पान के पत्तों में जमी ओस की बूंदों के जमने से पत्तों के पीले पडकर झडने का क्रम जारी है। जिससे पान उत्पादक किसान बेहद चिंतित हैं। सभी बरेजे में ऐसी स्थिती बनी हुई है। जिससे हर रोज सैकडों की तादात में पान के पत्ते बेल से टूटकर गिर रहे है। जिन्हें पान उत्पादक हर रोज समेटकर फेंक रहे हैं। पान उत्पादकों किशोरी चौरसिया, घनश्यामबिहारी चौरसिया, अज्जू चौरसिया, शिवम चौरसिया व झल्ली चौरसिया ने बताया इस तरह के पान को फेंकने के सिवाए कोई चारा भी नहीं है, क्योंकि इस तरह के पान का बाजार में कोई भाव नहीं मिलता है। जिससे पान उत्पादकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। इससे लाखों रूपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। गौरतलब है उमरियापान में लगभग 250 चौरसिया परिवार पान व्यवसाय से जुडे है। जिससे उनकी रोजी रोटी चलती है। इनमें अधिकांश परिवार केवल पान बरेजा पर आश्रित हैं। जिनके सामने भारी समस्याएं है। पान उत्पादकों ने प्रशासन से सर्वे कराकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।