श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास पंडित राजेश उरमलिया ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। उमरियापान के समीप ग्राम घुघरी में स्व रामदास गौतम, श्रीमति प्यारीबाई गौतम की स्मृति में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को कथा व्यास ने बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। इस दौरान भगवान की आकर्षक झांकी बनाई गई थी। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर श्रृद्धालु जमकर झूमे। इस अवसर पर शिवदास गौतम, ब्रजेश गौतम, पुष्पा गौतम, वर्षा गौतम सहित बडी संख्या में श्रृद्धालुओं की उपस्थिती रही। कथा में आज 4 जनवरी को भगवान की बाल लीलाओं व गोवर्धन पूजन का वर्णन किया जाएगा।