मौसम का मिजाज नहीं बिगड़ा तो क्षेत्र में इस साल गेहूं का बंपर हो सकता है उत्पादन
किसानों को लगातार बदलते व बिगड़ते मौसम ने जरूर चिंता में डाला
सिलवानी। अभी तक रबी फसल के लिए मौसम शुरू से ही अनुकूल रहा है। हालांकि पिछले दिनों जरूर ओलावृष्टि व पाला पड़ने की संभावना बनी हुई थी वह दौर भी निकल चुका है। प्रदेश के दूसरे हिस्सों में ओलों ने काफी नुकसान पहुंचाया है। वह हालत क्षेत्र में कहीं पर भी नहीं बने। जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है। वहीं वर्तमान में लगातार कोहरे की चादर छा रही है। साथ ही शीतलहर जरूर किसानों को डरा रही हैं। क्योंकि इस बार पर्याप्त बारिश के साथ ही मावठा व सर्दी से फसलों को अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है।
इस समय पिछले पांच दिनों से लगातार कोहरा बना हुआ है। वहीं शीतलहर चलने से कंपकंपा देने वाली सर्दी लोगों की हालत खराब करके रखे हुए हैं। हालांकि इस बार मावठा गिरने के साथ ही सर्दी के असर ने गेहूं की फसल को काफी फायदा पहुंचा है। किसानों का कहना है कि यदि मौसम ने साथ दिया तो पूर्व की तरह इस साल भी गेहूं की बंपर पैदावार हो सकती है।
इस साल क्षेत्र में गेहूं की 25664 लगभग हेक्टेयर में किसानों द्वारा बोवनी की गई है। चने की बोनी लगभग 22250 हेक्टेयर में मसूर 4633 हैक्टेयर में है साथ ही मावठा गिरने के बाद तेज ठंड से फसल ग्रोथ पर बनी है। इस समय खेतों में गेहूं की फसल लहलहा रही है। इस समय गेहूं में बाली आ चुकी है। किसानों राममनोहर पटेल का कहना है कि इस बार भी यदि मौसम ने साथ दिया व कुदरत मेहरबान हो गई तो गेहूं व चना, मसूर की बंपर पैदावार होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। किसान मोहन आदिवासी ने बताया कि इस बार बरसात भले ही कम हुई हो, लेकिन मावठा गिरने के बाद ठंड भी फसलों के अनुकूल रही है। इससे फसल को काफी फायदा हुआ है। सांईखेड़ा के किसान केदार सिंह ने बताया कि हर साल पानी की कमी का फसल के उत्पादन पर असर पड़ता है, लेकिन इस बार रबी की फसलों को किसानों द्वारा पर्याप्त पानी होने के कारण फसल को आवश्यकता के अनुसार पानी दिया गया है। इस कारण इस साल फसल काफी अच्छी है।
किसानों को दे रहे सलाह
इस साल रबी फसलें काफी अच्छी हैं। साथ ही मौसम भी रवि फसलों के अनुकूल बना हुआ है। वहीं बदलते मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह भी दी जा रही है।
बीएल शर्मा, एसएडीओ, कृषि विभाग