मध्य प्रदेश

जिले की खरगोन सोसाइटी में प्रबंधक ने किसानों की डेढ़ करोड़ की राशि की हजम

कलेक्टर के आदेश पर सहकारिता सेक्टर में कार्रवाई से मची हड़कंप, फिर एक प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
जिले में फिर एक बार सहकारिता विभाग में आर्थिक भ्रष्टाचार करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। प्राथमिक सहकारी संस्था मर्यादित खरगौन के प्रबंधक पर किसानों द्वारा जमा की गई 25 लाख रुपये हजम करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। अभी तीन दिन पहले ही सहकारिता के बड़े अधिकारी नारायणसिंह हाड़ा व विपणन सहकारी संस्था उदयपुरा के प्रबंधक रामबाबू शर्मा पर करीब डेढ़ करोड़ का गबन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिले के ईमानदार अनुशासन वद्ध कलेक्टर अरविंद दुबे ने बताया कि हिनोतिया महलपुर और रंगपुरा केसरी खरबई सोसाइटी में भी करोड़ों के हुए किसानों की जमा रकम उपज और खाद बीज के घोटालों का भी जल्द खुलासा होगा।
सहकारिता सेक्टर में भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं। सोसायटी, सहकारी बैंक, विपणन संस्था सहित दूसरी सहकारी संस्थाओं में भारी आर्थिक अनियमितताओं के मामले जांच के बाद जब तब उजागर होते रहे है। लेकिन दोषियों पर कभी सख्त कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन पहली बार कलेक्टर अरविंद दुबे सहकारिता में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर नजर आ रहे है। सहकारिता के एक बड़े अधिकारी व प्रबंधक पर एफआईआर के तीन दिन बाद फिर एक प्रबंधक पर 25 लाख रुपये का गबन के आरोप में बरेली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।जी हां, यह मामला प्राथमिक सहकारी कृषि सहकारी समिति खरगोन का है। जहां 1 अप्रैल 2018 से 31 जुलाई 2021 तक समिति प्रबंधक रहे प्रमोद आचार्य ने 39 किसानों द्वारा जमा कराई गई कर्ज की राशि 25 लाख 35 हजार 371 रुपये खुद हजम कर गए । तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रमोद आचार्य ने ऋण की यह राशि वसूल होने के बाद किसानों को तो रसीद दे दी, परंतु उक्त राशि को बैंक के खाते में जमा नहीं कराया और न ही उसकी इंट्री डिजिटल मेंबर रजिस्टर में अंकित की। ऋण की राशि जमा करने के बाद भी किसान पर कर्ज चढ़ा रहा है। जब इस बात उन्हें जानकारी लगी तो किसानों ने कलेक्टर से शिकायत की। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई।जिसमे सामने आया कि किसानों द्वारा जमा कराई गई राशि का प्रबंधक प्रमोद आचार्य ने गबन किया है, प्रबंधक के दोषी पाए जाने पर कलेक्टर दुबे ने एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन शाखा के प्रबंधक लक्ष्मी नारायण रघुवंशी ने प्रमोद आचार्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने बरेली थाने में आवेदन दिया था। इस आवेदन पर बरेली पुलिस ने जांच के बाद सोसायटी प्रबंधक प्रमोद आचार्य के खिलाफ भादवि की धारा 407, 409 व 420 के तहत धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है।
इनका कहना है ……
किसानों की लाखों की रकम खातों में जमा न कर जीम गए …..

प्रबंधक ने लाखों रुपये की राशि वजाय खाते में जमा नहीं की । बल्कि यह बड़ी रकम हड़प ली। यह किसानों की राशि सोसायटी के सदस्य 39 किसानों ने करीब 25 लाख 35 हजार 371 रुपए की राशि 2018 से 2021 की अवधि के बीच तत्कालीन प्रबंधक प्रमोद आचार्य के माध्यम से जमा कराई थी। लेकिन वह किसानों के सोसाइटी खाते में जमा नहीं हुई और किसान कर्जदार बने रहे। जिसकी शिकायत उन्होंने कलेक्टर अरविंद दुबे से की थी, कलेक्टर के निर्देश पर पूरे मामले की जांच के बाद दोषी प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
पुष्पेंद्र कुशवाहा, उपयुक्त सहकारिता रायसेन
दोषियों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा….

खरगोन सोसायटी के तत्कालीन प्रबंधक प्रमोद आचार्य द्वारा किसानों के साथ धोखाधड़ी करने पर एफआईआर कराई गई है। जिले में गबन के पुराने मामलों की भी जांच करवाई जा रही है। इनमें जो भी दोषी होगा उन्हें कतई बख्शेंगे नहीं।
एनयू सिद्धीकी, सीईओ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, रायसेन।
रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों को कर दिया 10 लाख भुगतान

हाल ही में सहकारिता विभाग के प्रशासक व विपणन सहकारी संस्था उदयपुरा के प्रबंधक पर 27 अक्टूबर 2021 को डेढ़ करोड़ के गबन में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसी प्रकरण में 10 लाख रुपये का फर्जी भुगतान किया गया है। रिटायर्ड उम्र सीमा 62 साल से 70 साल उम्र के कर्मचारियों को 10 लाख रुपये का भुगतान करना दर्शया गया है। उल्लेखनीय है कि सहकारिता सेक्टर में लंबे समय से बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता होती रही है, लेकिन कड़ी कार्रवाई नहीं कि गई पहली बार कलेक्टर अरविंद दुबे द्वारा दोषियों पर एफआईआर जैसी सख्त कार्रवाई की जा रही है।

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