मध्य प्रदेश

आवास की दूसरी किस्त के नाम पर सरपंच-सचिव मांग रहे 20 हजार

ग्राम पंचायत ठिर्री का मामला
रिपोर्टर ; सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान ।
जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत ठिर्री में एक महिला से प्रधानमंत्री आवास योजना की द्वितीय किस्त जारी करने के एवज में सरपंच-सचिव द्वारा 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है।
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत ठिर्री के ग्राम बिहरिया निवासी श्याम बाई सेन का वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया था जिसमें उसे पहली किस्त के रुप में 40 हजार रुपये उसे प्राप्त हुये और मकान का काम प्रारंभ कर दिया गया। इसी बीच मकान का कुछ निर्माण कार्य भी हो गया लेकिन जब दूसरी किस्त नहीं आई तो पीड़िता श्याम बाई सेन ने सरपंच गौरीशंकर सोनी, सचिव विजय दुबे से संपर्क किया। सरपंच-सचिव के द्वारा महिला से कहा गया कि दूसरी किस्त तभी डलेगी जब हमें 20 हजार रुपये दोेंगे। महिला ने पैसे देने से जब मना कर दिया गया तो सरपंच-सचिव ने उसकी दूसरी किस्त की राशि ही रोक दी। पीड़िता ने बताया कि मैं मजदूरी करके अपने परिवार चलाती हूं मैं कहां से 20 हजार रुपये दूंगी इसके बाद भी सरपंच-सचिव का दिल नहीं पसीजा और इतना कहने के बाद भी इन लोगों द्वारा महिला से रिश्वत की मांग की जाती रही।
बना-बनाया मकान गिरवा दिया
पीड़िता श्याम बाई सेन ने बताया कि सरपंच-सचिव द्वारा मेरे कच्चे घर को गिरवा दिया गया और मुझे यह लालच दिया गया कि तुम्हारा प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करवा देंगे तो तुम्हारा पक्का मकान बन जायेगा। सरपंच-सचिव के झांसे में पीड़िता आ गई लेकिन पीड़िता को यह पता नहीं था कि सरपंच-सचिव योजनाबद्ध तरीके से उसका मकान गिरवा रहे है और जैसे ही उसका प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ तो इनके द्वारा पहली किस्त तो जारी कर दी गई लेकिन दूसरी किस्त के पैसे नहीं डाले जा रहे है और मकान आधा-अधूरा बना हुआ। वर्तमान समय में बारिश के मौसम पीड़िता को अत्याधिक परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है लेकिन उससे सरपंच और सचिव को कोई मलतब नहीं है। सरपंच-सचिव द्वारा स्पष्ट कह दिया गया है जब तक तुम 20 हजार रुपये नहीं दोंगे तो तुम्हारी दूसरी किस्त की राशि जारी नहीं की जावेगी। वहीं पीड़िता ने बताया कि इस संबंध में मेरे द्वारा कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई गई लेकिन आज दिनंाक तक मेरी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है।
इस संबंध में दीपक रंहगडाले ब्लाक समन्वयक, ढीमरखेड़ा का कहना है कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि सरपंच-सचिव के द्वारा रिश्वत मांगी गई है लेकिन उक्त महिला का प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था बाद में शासन की गाइडलाईन के अनुसार उक्त महिला अपात्र हो गई थी और उसका प्रधानमंत्री आवास होल्ड कर दिया गया था।

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