आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर जिला अस्पताल के डॉक्टर काट रहे जमकर चांदी, कट रही मरीजों के अटेंडरों की जेब

कलेक्टर स्वास्थ्य मंत्री साहब जरा एक नजर इधर भी …
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। जिला अस्पताल में डॉक्टरों के बीच इन दिनों जमकर गुटबाजी चल रही है। जिला हॉस्पिटल गुटबाजी का अखाड़ा बन गया है। इस गुटबाजी का भरपूर फायदा उठाकर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ नीलेश चंद्रवंशी और महिला रोग चिकित्सक डॉ प्रीति बाला सोनकर, महिला रोग विशेषज्ञ एवं मेडिकल अधिकारी डॉ दीपक गुप्ता सभी प्रायवेट हॉस्पिटलों से जुड़े हुए हैं।
भरोसेमंद सूत्रों से पता चला है कि एक गांव के मरीज के पैर का ऑपरेशन होना था। उसके परिजनों से डॉक्टर चन्द्रवंशी ने आयुष्मान उपचार गोल्ड कार्ड के जरिए रायसेन के एक प्राइवेट हॉस्पिटल से संपर्क कर उस मरीज का ऑपरेशन करने की योजना बना रखी है।लेकिन आयुष्मान उपचार कार्ड के जरिए मरीज का इलाज करने की बजाय उनके परिजनों से और रुपए ऐंठने का प्रस्ताव रख दिया है।आयुष्मान इलाज कार्ड का फायदा नियमानुसार मिलना चाहिए।लेकिन जिला सरकारी अस्पताल के डॉक्टर आयुष्मान कार्ड की आड़ में इलाज की बजाय जमकर चांदी काट रहे हैं। इसी तरह डॉ गुप्ता, डॉ सोनकर भी आयुष्मान कार्ड के बहाने जिला सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में सेटिंग से दाखिल कराने के बाद परिजनों से रुपए ऐंठने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जिला अस्पताल प्रबंधन के अफसरों की मौन स्वीकृति से डॉक्टरों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
आवासों पर खुलेआम कर रहे प्रायवेट प्रैक्टिस कर रहे कमाई…..
सरकारी जिला अस्पताल के अधिकांश डॉक्टर अपने आवासों पर धड़ल्ले से प्रायवेट प्रैक्टिस कर कमाई कर रहे हैं।इस गोरखधंधे में जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों की मिलीभगत रहती हैं। क्योंकि इसमें स्वास्थ्य कर्मियों का भी कमीशन मिल रहा है। सरकारी अस्पताल के ज्यादातर डॉक्टर अपने आवासों पर सुबह शाम बैठकर प्रायवेट प्रैक्टिस कर कमाई के फेर में लगे रहते हैं। इस चक्कर में पता चला है कि जिला अस्पताल में जब सुबह शाम राउंड लगाने जाते हैं तो मरीजों को सही तरीके से इलाज नहीं करते।सिर्फ मरीजों के कलाई की नब्ज पकड़कर औपचारिकता निभाते हैं।