मध्य प्रदेश

40 करोड़ रूपए की लागत से बन रही है सड़क में बरती जा रही अनियमितताएं

जानकारी के बाद भी अफसर कार्रवाई करने के बजाए बन रहे संरक्षणदाता
सिलवानी। विधानसभा मुख्यालय के तहत आने वाले गांवों के ग्रामीणों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ें जाने के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा करोड़ों की राशि से सड़क, पुल पुलियाओं के निर्माण कराया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के द्वारा निर्माण एजेंसी के माध्यम से कराए जा रहे निर्माण कार्य मापदंड की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे है, बल्कि अवैध रूप से मुरम मिट्टी का उत्खनन कर शासन को लाखों रूपए का चूना भी लगाया गया है। इसमें अफसरों व ठेकेदार की सांठगांठ भी उजागर हो रही है। बताया जा रहा है कि हरियाणा की आईपीसी कंपनी के द्वारा तहसील के विभिन्न गांवों को पक्की सड़क से जोड़े जाने को लेकर करीब 40 करोड़ रूपए लागत से 35 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। तहसील के गांव गांधी नगर (पडान), लालघाटी, राजीव नगर, जुनिया, चैका, रानीपुरा, भोडिया, आमापानी कॉलोनी, बटेर आदि गांवों को जोड़ने वाली डामर और कांक्रीट युक्त सड़क व सड़क के बीच में पड़ने वाले नदी और नाले पर पुल और पुलियाओं का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस दौरान किए जा रहे निर्माण की गुणवत्ता पर ग्रामीणों के द्वारा अनेक सवाल उठाए जाकर जांच की मांग की जा रही है। अभी तक निर्माण एजेंसी के द्वारा किया गया निर्माण कार्य न केवल घटिया निर्माण की भेंट चढ़ता जा रहा है बल्कि सड़क भी क्षतिग्रस्त होती जा रही है। ग्रामीणों की मानें तो निर्माण कार्य आगे पाट पीछे सपाट होता जा रहा है। निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण में व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती जा रही है। बड़े पैमाने पर उत्खनन किया गया है। कही भी लीज नहीं ली गई और राजस्व को चूना लगाया गया है और दबंगता से घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। सीसी सड़क निर्माण में लोहे के सरिये का उपयोग नहीं किया जा रहा है वहीं रेत के स्थान पर गिट्टी की डस्ट का उपयोग किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने कहा- निरीक्षण में अधिकारी बरत रहे औपचरिकता
ग्रामीणों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी, उपयंत्री स्थल निरीक्षण के नाम पर औपचारिकता करते है। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य होने से निर्माण एजेंसी व अफसरों की सांठगांठ उजागर हो रही है। बल्कि निर्माण कार्य में नदी से लाई जा रही रेत व चूरी का उपयोग किया जाना भी बताया जा रहा है। ग्रामीण राजाराम, दिलीप सिंह, राजेन्द्र प्रसाद आदि ने निर्माण एजेंसी की मनमानी पर अंकुश लगाने व तय मापदंड के अनुसार निर्माण कार्य कराए जाने की मांग की है।
ग्रामीणों ने जताया विरोध
ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। गुणवत्ताहीन कार्य होने पर ग्रामीणों ने इसका विरोध भी जताया। लेकिन ठेकेदार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। वहीं विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किए जाने के चलते ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य लगातार किया गया। जिसके कारण मार्ग की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
नहीं लगाया बोर्ड
बताया जा रहा है कि निर्माण स्थल पर निर्माण एजेंसी के द्वारा निर्माण कार्य की जानकारी देने वाला बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। जबकि नियमानुसार निर्माण स्थल पर निर्माण कार्य की जानकारी दर्शाने वाला बोर्ड होना आवश्यक है। लेकिन निर्माण एजेंसी के द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
इनका कहना है…
मैं आपको कोई जानकारी नहीं दे सकता मुझे कोई अधिकार नहीं है, आप जानकारी के लिए वरिष्ट कार्यालय से सम्पर्क करें।
सतीश चितबार, एसडीओ
लोक निर्माण विभाग सिलवानी।

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