मध्य प्रदेश

जनवरी में प्री-बोर्ड और फरवरी महीने में वार्षिक परीक्षा कोर्स अभी भी अधूरा

एजुकेशन: बैठकों में तमाम दिशा निर्देश के बाद भी स्कूलों में नहीं सुधरे पढ़ाई के हालात, खड़े हुए रिजल्ट बिगड़ने के हालात
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
एमपी बोर्ड भोपाल ने ओमिक्रोन वेरिलेन्ट कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के चलते वार्षिक परीक्षा कराने के शेड्यूल को बदल दिया है। हर साल मार्च में शुरू होने वाली दसवीं बारहवीं बोर्ड परीक्षाये संभवतया 17 फरवरी 2022 से शुरू हो जाएंगी। डीईओ एमएल राठौरिया ने बताया कि एक महीने पहले होने जा रही 10 वीं,12 वीं की बोर्ड परीक्षाएं माह जनवरी 2022 में एमपी बोर्ड की प्री-बोर्ड परीक्षाएं होंगी। जिसके लिए 15 जनवरी 2022 से समय निर्धारित किया गया है। प्री-बोर्ड परीक्षा 10 वीं,12 वीं का पूरा कोर्स होने के बाद शुरू होती हैं। यह नियम भी बनाया गया है।
ऐसे में प्री-बोर्ड परीक्षाओँ का 27 दिन ही बाकी बचे हैं। जबकि सरकारी निजी स्कूलों में पढ़ाई का कोर्स अधूरा पड़ा है। जनवरी माह में प्री-बोर्ड और फरवरी महीने में वार्षिक परीक्षा का समय नजदीक आने के बाद भी अधिकारियों से लेकर शिक्षकों की गहरी नींद नहीं खुली है। ऐसे में रिजल्ट खराब होने की संभावना बनी हुई है।वहीं जिला शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी परीक्षाओं को लेकर विल्कुल गंभीर नजर नहीं आते दिख रहे हैं। हालांकि जिला शिक्षा महकमे के अधिकारी स्कूलों में कोर्स पूरा कराने के आदेश पर तत्परता जरूर दिखा रहे हैं। वहीं एक्स्ट्रा क्लासें जल्द प्रारंभ कराने रणनीति बनाकर शिक्षकों से कोर्स पूरा कराने की बातें कह रहे हैं। लेकिन फिलहाल इसका असर नहीं दिख रहा है।
नहीं हो रही पढ़ाई की मॉनिटरिंग…..
जिला शिक्षा विभाग के सभी जिम्मेदार अधिकारियों की टीमें बोर्ड परीक्षाओं 10 वीं,12 वीं का सुधारने की बात स्वीकार कर रहे हैं। बैठकों में बार बार प्राचार्यों को भी बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट सुधारने और कोर्स पूरा कराने के निर्देश दिये जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति, कोर्स की जानकारी अकादमिक निरीक्षण नहीं हो पा रहा है। भले ही चाहे टीमें गठित कर दी गई हों। लेकिन बताया यह जा रहा है कि अब तक यह जांच टीमें स्कूलों में नहीं पहुंची है।
तिमाही का बिगड़ा रिजल्ट छमाही परीक्षा का पता नहीं…..
कक्षा 10वीं,12वीं परीक्षा के रिजल्ट को लेकर तिमाही परीक्षा की समीक्षा बैठक हो चुकी है। जिसमें डी और ई ग्रेड की श्रेणी में आने वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा बहुत था। छमाही परीक्षा के रिजल्ट की समीक्षा होना थी। लेकिन 9 दिसंबर तक हुईं परीक्षा के बाद जिला शिक्षा विभाग छमाही परीक्षा का रिजल्ट तैयार नहीं कर पाया है।
सिर्फ साढ़े तीन महीने लगे स्कूल…..
कोरोना काल की वजह सेसितंबर माह से ही 10वीं 12 वीं के स्कूलों में क्लासें लगना स्टार्ट हुई थी। इसके बाद 50 फीसदी छात्रों की उपस्थिति के साथ स्कूल लगना प्रारंभ हुए हैं। जिसके कारण पढ़ाई का कोर्स अधूरा है। वहीं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारियों का यह दावा किया जा रहा है कि ऑनलाइन क्लासेसों की मदद से कोर्स पूरा करवा लिया जाएगा। जबकि सरकारी हाई स्कूलों हायर सेकंडरी स्कूल में स्थिति इसके ठीक उल्टी है।
तिमाही परीक्षा के रिजल्ट के थे बुरेहाल…..
तिमाही परीक्षा में कुल 25 हजार 140 विद्यार्थियों में से 24 हजार 478 ने परीक्षा दी थी। इसमें कुल 12 हजार 890 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए थे। जिसमें ए, बी सी और डी ई और ई टूग्रेड ग्रेड में विद्यार्थी पास हुए हैं।
इस संबंध में एमएल राठौरिया जिला शिक्षा अधिकारी रायसेन का कहना है कि अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट के मुताबिक नतीजों की समीक्षा होगी। हमारा प्रयास यह है कि स्कूलों में कोर्स पूरा करवा लिया जाएगा। दिसंबर माह के आखिर तक कोर्स पूरा हो जाएगा फिलहाल यह जानकारी जुटाई जा रही है।

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