मध्य प्रदेश

चिटफंड के आरोपियों की बेचेनी से गुजरी जेल में पहली रात अपनी करतूतों पर अब कर रहे पश्चाताप

आरोपियों के जेल जाने से खाताधारकों में खुशी की लहर
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान

उमरियापान।
शिखर सहकारी समिति के नाम से फर्जी चिटफंड कंपनी बनाकर ग्रामीणों को ज्यादा ब्याज का लालच देकर लगभग 50 लाख की धोखाधड़ी मामले के आरोपियों की रात बेहद बेचेनी भरी रही है । पुलिस थाना उमरियापान द्वारा दिनांक 14 दिसम्बर को उक्त चारों आरोपियों को सिविल न्यायालय ढीमरखेड़ा में पेश किया गया था जहां से मामले की गंभीरता को देखते हुये चारों आरोपियों को झिंझरी जेल भेजा गया है जहां पर सभी आरोपी अपने द्वारा की गई करतूतों पर अब पश्चाताप हो रहा है।
झिंझरी जेल की 10 नम्बर बैरक बनी आरोपियों की नई पहचान
स्मरण रहे कि जिस तरह से चिटफंड कंपनी बनाकर संचालक नरेन्द्र पौराणिक, एजेंट अंशुल चौरसिया, मुकेश चौरसिया, मनीष पौराणिक के द्वारा धोखाधड़ी की गई थी उसमें एक दिन तो यह होना ही था और आरोपियों को जेल की चारदिवारी में उनके दिन गुजरने ही थे। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायालय द्वारा जेल भेजे जाने के बाद से उक्त चारों आरोपी की नई पहचान कटनी झिंझरी जेल की 10 नम्बर बैरक बन गई। सूत्रों ने बताया कि चिटफंड कंपनी का मुख्य सरगना नरेन्द्र पौराणिक रात में सही तरीके से सो भी नहीं पाया और बार-बार सिर में हाथ रख रहा था। वहीं एजेंटों के भी यही हाल है और पूरी ये चारों आरोपी काफी बैचेन रहे है।
जमानत के लिये जिला न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत
आरोपियों को अभी जेल गये हुये मात्र 1 ही दिन हुआ है लेकिन उसकी बेचेनी आसानी से समझी जा सकती है क्योंकि 1 दिन बाद ही आरोपियों के परिजनों द्वारा जमानत के लिये जिला न्यायालय कटनी में आवेदन प्रस्तुत किया गया है जहां पर आज या कल सुनवाई हो सकती है।
ये है मामला
शिखर सहकारी समिति के नाम से सुहागी, थाना अधारताल जिला- जबलपुर निवासी नरेन्द्र पौराणिक द्वारा शिखर सहकारी समिति के नाम से चिटफंड कंपनी बनाई गई जिसमें वसूली कार्य के लिये ग्राम उमरियापान, जिला कटनी निवासी अंशुल चौरसिया, मुकेश चौरसिया, मनीष पौराणिक को नरेन्द्र द्वारा नियुक्त किया गया था। उमरियापान, पचपेढ़ी सहित आसपास के गावों में नरेन्द्र पौराणिक और एजेंटों द्वारा लगभग 450 से 500 खाता खोले गये और ज्यादा ब्याज का लालच देकर ग्रामीणों को अपने झांसे में लिया गया। इन लोगों की बातों में विश्वास करते हुये लोगों ने उक्त कंपनी में लगभग 45 से 50 लाख रूपये जमा किये लेकिन जैसे ही लोगों को पैसा देने का समय आया तो नरेन्द्र पौराणिक और एजेंटों द्वारा तरह-तरह के बहाने बनाये जाने लगे जिसकी शिकायत उमरियापान थाने में की गई थी। उमरियापान पुलिस द्वारा धारा 420, 34, 506 भारतीय दंड संहिता का मामला पंजीबद्ध किया गया। अन्वेषण कार्यवाही के दौरान पुलिस द्वारा धारा 409 आईपीसी बढ़ाई गई है। वहीं आरोपियों के जेल जाने से खाताधारकों में खुशी साफ देखी जा सकती है।

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