बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं के भेजे बिना रीडिंग के बिल, कोरोना महामारी संक्रमण बना हर तबके के लिए परेशानी का कारण
सौ से डेढ़ सौ रुपये से ज्यादा नहीं आता था बिजली बिल, अब भुगतान कराने भेज दिया 2 हजार का
रिपोर्टर : शिवलाल यादव रायसेन।
रायसेन। कोरोना संक्रमण महामारी हर वर्ग के लिए मुसीबत और परेशानी वाला साबित हो रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी इसमें भी फायदा कमाने से बाज नहीं आ रही है।
अब बिना रीडिंग किए बिजली कंपनी के फील्ड अधिकारी उपभोक्ताओं को मनमर्जी राशि के बिल थमाए जा रहे हैं। उपभोक्ता भी यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इतनी भारी भरकम राशि के बिल कंपनी ने क्यों थमा दिए गए हैं।
इनमें कई गरीब बिजली उपभोक्ता ऐसे भी हैं जिनका हर महीने बिजली बिल सौ डेढ़ सौ रुपये से लेकर ढाई सौ रुपये तक आता था। लेकिन इस जून महीने में ज्यादातर बिजली उपभोक्ताओं के बिल दो से ढाई तीन हजार रुपये के आए हैं। अब बिल भुगतान के लिए उपभोक्ता बिजली कंपनी के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। बिजली कंपनी के अधिकारी उन्हें यह आश्वासन दे रहे हैं। वे रीडिंग का फोटो मोबाइल से खींचकर लें आएं तो बिल में सुधार करवा दिया जाएगा।वास्तविक खपत के बिल भी जारी करवा दिए जाएंगे। हर बार होती है उपभोक्ताओं की फजीहत।
आम बिजली उपभोक्ताओं में बढ़ी हुई राशि बिलों को लेकर बिजली कंपनी के प्रति भारी आक्रोश पनप रहा है। बिजली कंपनी के अधिकारी हर मामले में उपभोक्ताओं को आखिर क्यों परेशान क्यों करते हैं। प्री-मानसून में जरा सी हवा आंधी चलती है तो बिजली घण्टों गुल कर दी जाती है। कई दफे तो सारी रात अंधेरे में काटने की नौबत बन जाती है। लेकिन बिजली बिलों के मामले में अक्सर देखने में यह आ रहा है। जहां एक तरफ तो बिजली कंपनी ने रीडिंग का ठेका दिया गया है। बावजूद इसके उपभोक्ताओं से मोबाइल के जरिए रीडिंग मांगी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ पिछले महीने मीटरों की रीडिंग नहीं हो ने के कारण बड़ी संख्या में बिजली बिल तैयार किए गए हैं। जो अनाप शनाप राशि के बिल वितरित किए गए हैं।
इससे बिजली उपभोक्ताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि बिजली अधिकारियों, लाइनमैनों द्वारा किस आधार पर यूनिट की रीडिंग की गई है। बिल जनरेट किए गए हैं। पिछले माह की जुड़ गई राशि। बिजली कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बरती जा रही घोर लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि पिछले महीने का बिजली बिल जमा करने के बावजूद इस महीने के बिजली बिल में जोड़कर भेज दी गई है। अब बिजली बिल उपभोक्ता पावती तलाशने में जुटे हुए हैं। सबूत के तौर पर बिजली अधिकारियों को यह बता सकें कि उनके द्वारा बिल जमा कर दिया गया है।
इस संबंध में मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी उप महाप्रबंधक रायसेन राजेश दुशाद का कहना है कि जिन बिजली उपभोक्ताओं को इस तरह की समस्याएं आ रही हैं।वे नजदीक के केंद्र पर जाकर शिकायत दे सकते हैं। रीडिंग की जांच कर उनमें सुधार कराया जाएगा।