राजनीति

भाजपा में सतह पर उभर कर आई गुटबाजी, स्वास्थ्य मंत्री, पूर्व मंत्री डॉ शेजवार धड़े के बीच दो खेमों में बंटी बीजेपी, भाजपा की अंदरूनी कलह हो गई उजागर

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। भारतीय जनता पार्टी खुद को अनुशासनबद्ध और सुचेता की नारा देने वाली पार्टी होने का दावा करती है।वहीं दूसरी तरफ भाजपा में व्याप्त अंतर्कलह को लेकर वह भी कांग्रेस पार्टी की तर्ज पर सांची विस क्षेत्र में दो दिग्गजों झंडेवरदारों के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग के चलते दो गुटों में बंटी दिखाई दे रही है। जब से पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी को धोखा देकर 23 विधायकों ने भाजपा का दामन थामा है। तभी से भाजपा दो फाड़ हो चुकी है। इसी गुटबाजी की वजह है कि जब जिले के प्रभारी मंत्री व प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया के प्रथम रायसेन नगरागमन पर दो समर्थकों के नेता पार्टी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे।इस तरह भाजपा की गुटबाजी की कलई खुलकर सामने आ गई थी।
दो गुट अलग अलग…. गुटबाजी चरम पर……
एक गुट पूर्व वनमंत्री व कद्दावर नेता डॉ गौरी शंकर शेजवार उनके पुत्र मुदित शेजवार का बन चुका है तो दूसरा धड़ा प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी का है। राजनेतिक हल्कों में चल रही चर्चाओं के बीच यह बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी के साथ पुराने जमाने से जुड़े कांग्रेसी समर्थक भी उनके साथ बीजेपी में शामिल हो गए हैं।वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ शेजवार से नाखुश भाजपाई भी स्वार्थ की खातिर डॉ चौधरी के खेमे में पाला बदलकर उनका भरपूर साथ देने में लगे हुए हैं।वहीं दूसरा खेमा डॉ शेजवार, मुदित शेजवार के साथ भाजपा के कट्टर समर्थक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। लेकिन वह पूरी निष्ठा व बफादारी के साथ पूरी दमदारी से डटे हुए हैं। इस तरह जिले की सांची विस क्षेत्र के सांची, रायसेन, नकतरा, देवनगर, गैरतगंज, सलामतपुर, खरबई सेक्टर में दोनों गुटों के वर्चस्व की जंग चलती रहती है। कुछ भाजपा नेताओं ने दबी जुबान से कहा कि हमारे जरूरी काम स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी भी मंत्री पद पर रहते हुए नजर अंदाज कर रहे हैं।हालांकि उनके बड़े नेता फिलहाल सक्रीय नेता हैं तो इसकी फिक्र नहीं है।सांची विस क्षेत्र रायसेन की भाजपा की राजनीति में फिलहाल उथल पुथल मची हुई है। तीसरा धड़ा जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का भी बन रहा है।प्रभारी मंत्री भदौरिया के गुट में दोनों गुटों के असंतुष्ट नेता बताए जा रहे हैं। इन दिग्गज नेताओं के सक्रीय हो जाने के बाद से राजनेतिक खींचतान साफ नजर आने लगी है।जग जाहिर भी है कि डॉ शेजवार और डॉ चौधरी एक दूसरे के हमेशा धुर विरोधी रहे हैं। ऐसे में भाजपा की खेमेबाजी ने शीर्ष नेताओं की चिंता को बढ़ाने का कार्य किया है। मप्र में 2023 में विस् चुनाव होना है। इन तीनों गुटों के बीच चल रही भारी खींचतान भाजपा की राजनीति में आखिर क्या गुल खिलाएगी। इसका कांग्रेसी नजर रखे हुए हैं।तीन अलग अलग खेमों में बंटी भाजपा के छत्रपों के बीच मास्टर स्ट्रोक के खिलाफ सतरंज दांव चले जा रहे हैं। मामला चाहे जो भी हो लेकिन सत्ता में लौटी भाजपा के लिए यह शुभ संकेत नहीं है। ऐसे में भाजपा आलाकमान और शीर्ष नेताओं को हस्तक्षेप करना चाहिए।वरना वह ….दिन दूर नहीं जब भाजपा एक बार फिर से सत्ता से दूर हो जाएगी।

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