मध्य प्रदेश

ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न वितरण में हो रही गड़बडी हितग्राहियों को पर्ची नहीं दे रहे सेल्समैन

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान ।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के अनुसार प्रति व्यक्ति को 5 किलो गेहूं , चावल , नमक एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है। फिर केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोरोना कॉल के समय से प्रति व्यक्ति को 5 किलो अनाज फ्री वितरण किया जा रहा है। इस तरह कोरोना काल से प्रति व्यक्ति को 5 किलो अनाज पैसे में और पांच किलो राशन पैसे में दिया जा रहा है। शासन द्वारा पारदर्शिता के लिए राशन वितरण प्रणाली में पीओएस मशीन का उपयोग तो किया जाता है लेकिन उपभोक्ताओं को मशीन से निकलने वाली पर्ची नहीं दी जाती। जिससे राशन दुकानों पर उपभोक्ता जब भी राशन लेने जा रहा होगा तो एक साथ पैसे वाला राशन एवं पैसे वाले के फिंगर ले लिए जाते हैं। ऐसे मैं वह दूसरी बार नहीं ही आज तो वह राशन स्टॉक में शो ही नहीं करता । जिससे सेल्समैन की मनमानी चलती रहती है। शासन के निर्देश के बाद भी खाद विभाग के अधिकारी दुकानों पर वितरण प्रणाली में पर्ची देने पर कोई कार्रवाई नहीं करते। अधिकारियों से मिली छूट का फायदा सेल्समैन पूरी तरह उठाते है। शासन द्वारा प्रतिदिन राशन दुकान खोलने के निर्देश के बाद भी सेल्समेन माह में दो या तीन दिन दुकान खोलकर इति श्री कर लेते है। जबकि उमरियापान में मशीन से निकली पर्ची उपभोक्ता को दी जाती है और उपभोक्ता समय मिलते ही राशन दुकान जाकर अपना राशन प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन उमरियापान के आसपास की दुकानों मैं यह धांधली निरंतर जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा धांधली चल रही है। जबसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से राशन का फ्री वितरण हो रहा है तब से ग्रामीण क्षेत्र के सैल्समैनो की चांदी हो गई है। यदि पर्ची का वितरण प्रत्येक उपभोक्ता को हो तो पता चले कि सेल्समेन द्वारा किस तरह से गोलमाल किया जा रहा है। विकासखंड ढीमरखेड़ा के कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी शायद ही कभी किसी राशन दुकान मैं जांच करने जाते हों । ग्रामीणों का आरोप है कि कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी या अन्य किसी भी अधिकारी को राशन दुकान का औचक निरीक्षण करने का समय ही नहीं मिलता इसलिए सेल्समेन की मनमानी चरम पर है और उपभोक्ता लौटता है। अधिकारियों की जानकारी में सब रहता है डीजल के दाम बढ़ने पर राशन दुकानों से मिट्टी का तेल सीधे बाजार पहुंच जाता है। ग्रामीण का आरोप है कि माह सितंबर तक फ्री राशन की घोषणा से सैल्समैन तो खुश है अधिकारी भी शायद खुश हो ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग करते है कि ग्रामीण क्षेत्र में पी ओ एस मशीन से पर्ची निकालकर उपभोक्ता को दी जाए और अधिकारियों को राशन दुकानों के औचक निरिक्षण के लिए निर्देशित किया जावे जिससे हितग्राही लुटने से बचा रहे और शासन द्वारा गरीबों को राहत देने की मंशा पूर्ण हो एवं सेल्समेन की मनमानी पर अंकुश लग सके ।

Related Articles

Back to top button