क्राइममध्य प्रदेश

समूह को घटिया मशीन प्रदाय कर भुगतान कराने वाले जिला प्रबंधक की सेवा समाप्त

कोदो कुटकी कुकीज यूनिट मशीन उपार्जन में भारी वित्तीय अनियमितता की शिकायत जन सुनवाई में हुई थी
कलेक्टर दीपक सक्सेना जांच दल बनाकर जांच में अनियमितता सही पाई गई

ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । सरस्वती आजीविका महिला स्वसहायता समूह तिलसानी कुण्डम के द्वारा कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास (प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक म.प्र. राज्य आजीविका मिशन जबलपुर) जिला पंचायत जबलपुर के विरुद्ध कम कीमत की कोदो कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट की गुणवत्ताहीन, कम क्षमता की घटिया मशीन प्रदाय कराये जाने एवं समूह पर अनावश्यक दबाव डालकर ज्यादा पेमेंट कराये जाने के संबंध में शिकायत की गई, जिसे जनसुनवाई क्रमांक 453338 दर्ज कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर को जांच हेतु भेजा गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर के द्वारा शिकायत की जांच हेतु उनके कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2542 जबलपुर दिनांक 18/10/2024 के द्वारा जांच दल गठित किया गया। जिसमें पी.एल. यादव मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुण्डम, मुकेश शर्मा सहायक यंत्री जनपद पंचायत कुण्डम एवं श्री सूरज शर्मा परियोजना अधिकारी वाटरशेड जिला पंचायत जबलपुर संयुक्त रूप से जांच कर्ता अधिकारी नियुक्त थे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुण्डम के पत्र क्रमांक 6049 दिनांक 29/10/2024 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जांच रिपोर्ट अनुसार सरस्वती आजीविका स्वसहायता समूह तिलसानी का चयन कोटो कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट हेतु किया गया था। इसका प्रोजेक्ट अखिल शुक्ला, प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक के द्वारा तैयार करवाया गया था। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति कार्यालय कलेक्टर के पत्र क्रमांक 1517/MED/MPSRLM/2029 जबलपुर दिनांक 09/07/2024 के द्वारा जारी की गई थी। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत राशि रु. 12,23,775/- लाख थी जिसमें 7 लाख बैंक लोन, 1,23,775/- स्व सहायता समूह का योगदान एवं 4 लाख जलग्रहण मिशन में आजीविका मद अनुदान राशि का प्रावधान था। बैंक ऑफ इण्डिया परिया शाखा द्वारा बैंक ऋण स्वीकृति पश्चात मशीन की सप्लाई एस.एस. बेनी प्रसाद धरमचंद जबलपुर (ऋत्विक जैन) द्वारा की गई थी।
जांच दल का निष्कर्ष निम्नानुसार है :-
1 उपरोक्त मशीने ISI मार्क की नहीं है
2 उपरोक्त मशीने सही ढंग से इंस्टाल नहीं की गई है।
3 Floor एवं sugar मशीन से वेस्टेज हो रहा है।
4 मशीनों के परिचालन के संबंध में महिलाओं को सही ढंग से प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।
5 सप्लाई की गई मशीनों का भुगतान राशि 10,06,068/- रू० (दस लाख छः हजार अड़सठ रू०) की गई है। जबकि मशीनो का वास्तविक बाजार मूल्य 2,52,939/- रू (दो लाख बावन हजार नी सौ उन्तालीस रू०) है।
6 Spiral Mixer (Capacity 45kg) का भुगतान 2,12,400/- रू किया गया है जबकि स्थल पर प्रदत्त मशीन चाइना मेड है, मशीन पर अंकित स्टीकर में मूल्य 22,000/- रू० की पाई गई है
7 प्रोजेक्ट रिपोर्ट में Single Rotery Trolly Reck Diesel Oven ST-80 (12 Trays) की लागत राशि रु. 4,68,460/- दर्शायी गई है जबकि Supply की गई मशीन की अनुमानित कीमत राशि रु. 1,30,000/- है, प्रदत्त की गई मशीन में 6 Trays है। जो Manually Operated है।
उपरोक्तानुसार जांच दल के द्वारा कोदो कुटकी से कुकीज निर्माण यूनिट घटिया मशीनरी की सप्लाई के संबंध में अखिल शुक्ला परियोजना प्रबंधक जिला जबलपुर, मशीन सप्लायर ऋत्विक जैन, राकेश जाट खण्ड प्रबंधक आजीविका मिशन कुण्डम तथा SHG दीदीयों के कथन भी लिये गये। सभी संबंधितों के कथन उपलब्ध अभिलेख एवं भौतिक सत्यापन के आधार पर जांच दल के द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष बिन्दु निम्नानुसार है-
अखिल शुक्ला परियोजना प्रबंधक जिला जबलपुर, के कथन एवं अभिलेख से स्पष्ट है कि उनके द्वारा संबंधित वेण्डर से स्वयं कोटेशन प्राप्त कर मशीनरी सप्लाई कराई गई तथा महिला SHG एवं संबंधित बैंक में दबाव डाल कर अधिक राशि का भुगतान कराया गया।
ऋत्विक जैन वेण्डर के कथन से स्पष्ट है कि अखिल शुक्ला जिला परियोजना प्रबंधक के कहने पर समूह को कोटेशन दिये गये थे। उन्होने अपने कथन में कहा कि यदि SHG महिलाए मशीनरी से संतुष्ट नहीं है तो वह मशीनरी बदले को तैयार है।
जाँच के दौरान अखिल शुक्ला, परियोजना प्रबंधक अपने पत्र क्र0 742 एवं दिनांक 25/10/2024 में ऋत्विक जैन वेण्डर को 10.25 लाख रू0 की राशि महिला SHG को वापस करने के निर्देश दिये गये है। इससे स्पष्ट है कि घटिया मशीन सप्लाई की गई है।
साथ ही समूह द्वारा शिकायत के साथ प्रस्तुत पेन ड्राइव में धमकाने, भुगतान का दबाव बनाने की पुष्टि समूह द्वारा प्रस्तुत अखिल शुक्ला की आवाज की रिकार्डिंग से भी प्रमाणित होती है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुण्डम द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2823/पंचा. प्रको./2024 जबलपुर दिनांक 21/11/2024 के माध्यम से अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक – लघु उद्यमिता विकास (प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक म.प्र. राज्य आजीविका मिशन जबलपुर) जिला पंचायत जबलपुर को अपना पक्ष रखने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया तथा लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने एवं समक्ष में सुनवाई हेतु दिनांक 29/11/2024 की तिथि नियत की गई। इसी अनुक्रम में मशीन प्रदायकर्ता फर्म एस. एस. बेनीप्रसाद धरमचंद वेंडर ने पत्र दिनांक 27/11/2024 के माध्यम से राशि रु. 10,06,068/- बैंक के ऋण खाते में जमा किये जाने के संबंध में अवगत कराया गया।
कारण बताओ नोटिस के तारतम्य में दिनांक 29/11/2024 को नियत सुनवाई में अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक – लघु उद्यमिता विकास (प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक म.प्र. राज्य आजीविका मिशन जबलपुर) जिला पंचायत जबलपुर ने मेरे समक्ष उपस्थित होकर अपना लिखित उत्तर प्रस्तुत किया। साथ ही अपना पक्ष समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत किया गया। परीक्षण उपरांत अखिल शुक्ला का उत्तर एवं तर्क समाधानकारक नहीं होने से अमान्य किया गया। साथ ही सर्व संबंधित सभी यथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुण्डम, सहायक यंत्री जनपद पंचायत कुण्डम, परियोजना अधिकारी वाटरशेड जिला पंचायत जबलपुर, राकेश जाट विकासखण्ड प्रबंधक आजीविका मिशन कुण्डम, अध्यक्ष सरस्वती महिला आजीविका स्वसहायता समूह तिलसानी एवं / सचिव सरस्वती महिला आजीविका स्वसहायता समूह तिलसानी भी समक्ष में उपस्थित हुए। समक्ष में सुनवाई के दौरान सभी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु पर्याप्त अवसर प्रदान किया गया एवं सभी सर्व संबंधितों ने अपने अपने कथन समक्ष में रखे।
समक्ष उपस्थित जांच दल एवं अन्य के कथन
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुण्डम के द्वारा मशीनों के उपार्जन के सबंध में मशीनों के वास्तविक मूल्य की आनलाईन जांच एवं लोकल कोटेशन में भारी भिन्नता होना अवगत कराया गया। साथ ही प्रोजेक्ट में उल्लेखित मापदण्डों के अनुरूप कम क्षमता, कम राशि एवं घटिया दर्जे की मशीनें / सामग्री क्रय कराया जाना उल्लेखित किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुण्डम ने स्पष्ट रूप से अखिल शुक्ला की पूर्ण संलिप्तता का स्पष्ट उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके एवं जांच दल की टीम ने पूरे प्रकरण का परीक्षण कर ही तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है।
सरस्वती स्वसहायता समूह द्वारा अवगत कराया गया कि अखिल शुक्ला द्वारा राशि भुगतान हेतु अनावश्यक दबाव डालकर भुगतान कराया गया, और उनके द्वारा शिकायत में उल्लेखित प्रत्येक बिंदु पूर्णतः सही एवं तथ्यात्मक है।
राकेश जाट, खण्ड प्रबंधक आजीविका मिशन कुण्डम के द्वारा समूह के कथन की पुष्टि करते हुए उन्हें भी अखिल शुक्ला द्वारा दबाव बनाकर राशि भुगतान कराये जाने के संबंध में अवगत कराया गया। साथ ही पूरे प्रकरण में जनपद स्तरीय एस. आर. एल. एम. टीम को नजरअंदाज करते हुए अखिल शुक्ला के द्वारा पूरे कृत्य को स्वयं ही अंजाम दिया गया।
प्रकरण के परीक्षण से यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि अखिल शुक्ला को प्रभारी डी.पी.एम. का प्रभार तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर के आदेश क्रमांक 203 दिनांक 25/6/2024 के माध्यम से सौंपा गया परंतु अखिल शुक्ला द्वारा म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के पत्र क्रमांक 128 दिनांक 4/06/2024 के माध्यम से मशीन खरीदी हेतु वेंडर एस.एस. बेनीप्रसाद धरमचंद को आदेशित किया जा चुका था, जो कि शासन निर्देशों के विपरीत अवैद्यानिक एवं नियम विरुद्ध तरीके से किया गया। क्रय आदेश देना, मशीन का उपार्जन करना संबंधित स्व सहायता समूह का कार्य था परंतु क्रय आदेश श्री अखिल शुक्ला के द्वारा दिया जाना गंभीर प्रशासनिक एवं आर्थिक अनियमितता प्रमाणित करता है। अखिल शुक्ला के द्वारा पूर्व में उनके द्वारा अनधिकृत रूप से डी.पी.एम. पद का दुरुपयोग करने के कारण उन्हें तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर के कार्यालयीन आदेश क्रमांक 1682 दिनांक 29/07/2024 के माध्यम से 03 दिवस के वेतन कटौती के दण्ड से भी दण्डित किया गया।
अभिलेखों के परीक्षण, जांच प्रतिवेदन, शिकायतकर्ता, जांच दल एवं अखिल शुक्ला के प्रतिवेदन एवं समक्ष में समस्त पक्षों की सुनवाई एवं उनके द्वारा प्रस्तुत तर्क से यह स्पष्ट है कि श्री अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास (प्रभारी डी.पी.एम.) द्वारा समूह के सदस्यों एवं विकासखण्ड प्रबंधक आजीविका मिशन पर अनावश्यक दबाव डाला गया एवं कोदो कुटकी कुकीज यूनिट मशीन उपार्जन में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गई। साथ ही समूह को आर्थिक क्षति पंहुचाने, प्रशासन की छवि धूमिल करने एवं स्वसहायता समूह को धोखाधड़ी की चेष्टा स्वतः प्रमाणित होती है।
अखिल शुक्ला का उक्त कृत्य गंभीर प्रशासकीय एवं वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 1108/22/ वि-2/ स्था./ 2019 भोपाल दिनांक 24/02/2020 द्वारा जारी संविदा शर्त क्रमांक 7 (कण्डिका 7) में निम्नानुसार है।
” प्रशासनिक अथवा वित्तीय अनियमितता, कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही अथवा कदाचरण के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा संबंधित संविदा अधिकारी कर्मचारी की सेवा समाप्त की जा सकेगी”
इसी अनुक्रम में मेरे द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक-सी-5-2 / 2018/1/3 भोपाल दिनांक 22/07/2023 की कण्डिका 9 का भी अवलोकन किया गया जिसकी कण्डिका 9.2 में उल्लेखित अनुसार शिकायत एवं आरोप गंभीर प्रकृति के होने के कारण जांच गठित की गई। कण्डिका 9.3 के अनुसार अखिल शुक्ला को दिनांक 29/11/2024 को सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान किया गया। प्रकरण के पूर्ण विवेचना के पश्चात एवं संपूर्ण अभिलेखों, शिकायतकर्ता एवं जांच दल के रिपोर्ट उपरांत, मैं इस निष्कर्ष पर पंहुचा हूं कि अखिल शुक्ला पर लगाये गये आरोप पूर्णतः सिद्ध होते हैं। अखिल शुक्ला के द्वारा गंभीर प्रशासकीय एवं वित्तीय अनियमितता बरती गई है एवं कदाचरण तथा धोखाधड़ी का आरोप पूर्णतः सिद्ध एवं प्रमाणित होना पाया गया है, जो इनकी संविदा सेवा समाप्ति करने का पर्याप्त आधार है।
अखिल शुक्ला पर प्रशासकीय एवं वित्तीय अनियमितता, कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही एवं कदाचरण का आरोप प्रमाणित होने के कारण म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक / 1108/ 22 / वि-2 / स्था. / 2019 भोपाल दिनांक 24/02/2020 में वर्णित बिंदु क्रमांक 4 अनुशासन एवं प्रशासनिक नियंत्रण ” में प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए अखिल शुक्ला जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास (प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक म.प्र. राज्य आजीविका मिशन जबलपुर) जिला पंचायत जबलपुर की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।

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