मध्य प्रदेश

तालाब निर्माण: मजदूर घर पर बैठे, जेसीबी से हो रहा काम, रोजगार गारंटी योजना बनी अधिकारियों की कामधेनु

सरपंच, सचिव, उपयंत्रियों की करस्तानी से छिना रोजगार
मुख्यमंत्री के आदेषों की जमकर उड़ाई जा रही धज्जियां
सिलवानी।
केन्द्र सरकार द्वारा जहां एक ओर आम आदमी की चिंता कर उन्हें मनरेगा जैसे अधिनियम बनाकर गांव-गांव में 100 से ज्यादा दिन का रोजगार मुहैया कराने के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना पूरे देश में लागू कर दी, लेकिन योजना लागू होते इस योजना का पैसा जिस तरह से बर्वाद किया जा रहा है। वह भी अपने आप में गवाह बना हुआ है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना मजदूरों के रोजगार की गारंटी बनी हो या ना हो परंतु जिले के अधिकारी से लेकर सिलवानी जनपद पंचायत के उपयंत्री रोजगार सहायक और सरपंचों के लिए रोजगार की गारंटी जरूर बन चुकी हैं मनरेगा योजना उपयंत्री और ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायक सचिवों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। सिलवानी जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुख्यालय सिंगपुरी उचेरा में तालाब का निर्माण में मजदूरों की जगह मशीनों से कार्य को पूर्ण रूप से किया जा रहा है। और सहायक सचिव उपयंत्रियों की कारस्तानी के चलते फर्जी तरीके से मस्टर रोल भर कर पेश किए गए है। जिसकी यदि जांच की जाए तो पंचायत में मस्टर रोल में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आ सकता है। जिसमें ऐसे भी कई मस्टर रोल भरे जा रहे है जो इस दुनिया में ही नहीं है या फिर गांव छोड़कर चले गए है पर यह फर्जीवाड़ा लगातार जारी है। जिससे मजदूरों का हक छीना जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार आला अधिकारी कागजी कारस्तानी देखकर ऑफिसों से ही वापस लौट जाते है। जबकि मौके पर दौरे के समय निरीक्षण किया जाएगा तो मनरेगा में चल रहा फर्जीवाड़े का सारा सच सामने आ जाएगा। वहीं ग्राम पंचायत सिंगपुरी उचेरा के ग्रामीण कमलसिंह, शांतिबाई विष्वकर्मा, सालगराम विष्वकर्मा, कारेलाल, कमलेश, मोहनलाल, रामसिंह आदि ने बताया कि ग्राम पंचायत में काफी घटिया निर्माण हो रहे है। मजदूरों को काम नहीं देकर मषीनों से काम कराया जा रहा है। जबकि रोजगार सहायक द्वारा फर्जी मस्टर रोल भरकर राशि का आहरण किया गया।
मौके पर जेसीबी के चालक राहुल से बात की गई तो उसने बताया यह जेसीबी के मालिक मुन्नालाल सरपंच जमुनिया की है। और तालाब खुदाई कार्य किया जा रहा है।
3 लाख की लागत से हो रहा तालाब का निर्माण
ग्राम पंचायत सिंगपुरी के हितग्राही हेमंत पिता चंदनसिंह की कृषि भूमि पर मनरेगा योजनांतर्गत तालाब निर्माण कार्य की स्वीकृति दिनांक 20.2.2021 स्वीकृत राशि 3,32,962 रूपये है। और अभी तक इस कार्य में 54992 की राशि मजदूरो के नाम से निकाली जा चुकी है। जबकि मौके पर किसी भी मजदूर से तालाब निर्माण में कार्य नहीं कराया गया है। फिर किस तरह से राशि का आहरण मस्टरोल के माध्यम से हुआ ?
मुख्यमंत्री के निर्देश बेअसर
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं मनरेगा में स्पष्ट निर्देश है कि रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जो भी निमार्ण कार्य कराये जाये वो मजदूरों से कराए जाये अगर मशीनों से निर्माण कार्य कराए जाते हैं तो संबंधित विभाग के कर्मचारियों के साथ साथ अधिकारियों और मशीन मालिक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। लेकिन सिलवानी जनपद के अधिकारियों का पंचायत सचिव और निर्माण एजेंसी पर संरक्षण के चलते कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
कार्रवाई करने से कतरा रहे अधिकारी:
वहीं कुछ ग्रामीणों द्वारा बताया कि बार-बार जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी कोई कार्रवाई की जाती है, और जांच के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर औपाचारिकता पूरी कर दी जाती है। शिकायते होने पर अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर कार्यवाही करने के बजाय उनको बचाने की कबायद में लग जाते है।
इनका कहना है
सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई थी, इस संबंध में मुख्य कार्यापालन अधिकारी जनपद पंचायत को अवगत कराया गया है। उनका कहना है कि जांच दल गठित कर जांच कराई जाएगी।
संघमित्रा बौद्ध, एसडीएम सिलवानी।

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