Today Panchang आज का पंचांग सोमवार, 09 दिसम्बर 2024
आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 09 दिसम्बर 2024
👉🏼 09 दिसम्बर 2024 आज सोमवार महानन्दा नवमी का परम पावन व्रत है। आज के विषय में लिखा है, कि देवी पूजनेन विष्णुलोकप्राप्ति: अर्थात आज मातारानी की पूजा अर्चना करने से साक्षात् योगियों के लिए भी दुर्लभ वैकुण्ठलोक की प्राप्ति सहज ही हो जाती है। आज रवियोग भी है। आप सभी सनातनियों को “महानन्दा नवमी के परम पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
🌐 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 संवत्सर क्रोधी
📖 संवत्सर (उत्तर) कालयुक्त
🧾 विक्रम संवत 2081 विक्रम संवत
🔮 गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत
☸️ शक संवत 1946 शक संवत
☪️ कलि संवत 5125 कलि संवत
🕉️ शिवराज शक 351_
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर हेमंत ऋतु
🌤️ मास – मार्गशीर्ष मास
🌘 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – सोमवार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि 08:03 AM तक उपरांत नवमी तिथि 06:02 AM तक उपरांत दशमी।
📝 तिथि स्वामी – अष्टमी के देवता हैं रुद्र। इस तिथि को भगवान सदाशिव या रुद्रदेव की पूजा करने से प्रचुर ज्ञान तथा अत्यधिक कांति की प्राप्ति होती है। इससे बंधन से मुक्त भी मिलती है। यह द्वंदवमयी तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा 02:56 PM तक उपरांत उत्तरभाद्रपदा
🪐 नक्षत्र स्वामी – पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के देवता हैं, अज एकपाद यानी एक पैर वाला अजन्मा।
⚜️ योग – सिद्धि योग 01:05 AM तक, उसके बाद व्यातीपात योग
⚡ प्रथम करण : बव – 08:02 ए एम तक बालव – 07:04 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : कौलव – 06:01 ए एम, दिसम्बर 10 तक तैतिल
🔥 सोमवार का शुभ गुलिक कालः-शुभ गुलिक काल 01:42:00 P.M से 02:59:00 P.M बजे तक
⚜️ दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जायें।
🤖 राहुकालः- आज का राहु काल 08:31:00 A.M से 09:49:00 A.M बजे तक
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:46:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:14:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:13 ए एम से 06:08 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:41 ए एम से 07:03 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:53 ए एम से 12:34 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 01:57 पी एम से 02:39 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:22 पी एम से 05:49 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 05:25 पी एम से 06:47 पी एम
💧 अमृत काल : 07:18 ए एम से 08:50 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:47 पी एम से 12:41 ए एम, दिसम्बर 10
❄️ रवि योग : 02:56 पी एम से 07:03 ए एम, दिसम्बर 10
🚓 यात्रा शकुन-मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ सौं सौमाय नम:।
💁🏻 आज का उपाय-शिव मंदिर में छैने से बनी मिठाई चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – रवि योग/ दुर्गाष्टमी/ महानन्दा नवमी/ महान् कवि संत सूरदास जन्म दिवस, हरियाणा रेवाड़ी के प्रमुख नायक राव तुला राम जयन्ती, भारतीय राजनीतिज्ञ सोनिया गांधी जन्म दिवस, भारतीय जाबांज सैनिक गोविन्द सिंह राठौड़ स्मृति दिवस, शिवाजी की पुत्री ताराबाई पुण्य तिथि, भाजपा नेता उत्कर्ष श्रीवास्तव जन्म दिवस, अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा जन्म दिवस, अभिनेत्री दीया मिर्जा जन्म दिवस, अन्तरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस, बालिका दिवस (भारत), अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (08-14 दिसम्बर)
✍🏼 विशेष – अष्टमी को नारियल त्याज्य होता है। अष्टमी तिथि बलवती एवं व्याधि नाशक तिथि मानी जाती है। इस तिथि के देवता भगवान शिव जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने सेभगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभीमनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है। जया नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल व कृष्णदोनों पक्षों में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।
🗼 Vastu tips 🗽
शनि देव को प्रसन्न करने का उपाय शनि देव को अपराजिता का फूल बेहद प्रिय है। ऐसे में अगर आप शनिवार के दिन अपराजिता का फूल शनि देव को अर्पित करते हैं या अपराजिता के फूलों की माला बनाकर शनि देव पर चढ़ाते हैं, तो आपके जीवन की कई समस्याओं का अंत हो सकता है। शनि देव पर अपराजिता के फूल चढ़ाने से शनि के दशा, महादशा, ढैय्या, साढे़साती का बुरा प्रभाव भी कम होता है। इसके साथ ही आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और करियर क्षेत्र में आप उन्नति पाते हैं।
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिवलिंग पर अर्पित करें अपराजिता के फूल हर सोमवार को शिवलिंग पर अपराजिता के 5 या 7 फूल अगर आप अर्पित करें, और साथ ही “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें, तो आपकी सभी मनोकामनाओं को भगवान शिव पूरा करते हैं। यह आसान उपाय आपको जीवन में प्रगति के मार्ग पर भी ले जाता है।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
आहार में कैल्शियम की समृद्धता बढ़ाएं
सबसे पहला और सबसे आसान तरीका है कि आप अपने आहार में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं। कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें जैसे:
दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर, और घी कैल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत हैं। ये न केवल हड्डियों को मजबूती देते हैं बल्कि शरीर में कैल्शियम की कमी को भी पूरा करते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, सरसों के पत्ते जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां भी कैल्शियम से भरपूर होती हैं।
सहजन: सहजन के पत्ते और बीज कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, जिन्हें आप सलाद या सूप में डालकर खा सकते हैं।
सूखे मेवे और बीज: बादाम, अखरोट, तिल, और चिया सीड्स जैसे मेवे कैल्शियम से भरपूर होते हैं।
फलियां और दालें: चना, सोया, और तूर दाल जैसी दालें भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं।
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
👉🏼 पीपलामूल के मस्तिष्क-बढ़ाने वाले गुण
मस्तिष्क को शांत करता है: पीपलामूल में निहित तत्व मस्तिष्क को शांत करते हैं और तनाव और चिंता को कम करते हैं। यह गुण विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अक्सर तनाव और चिंता से ग्रस्त रहते हैं।
प्राकृतिक नींद प्रेरक: पीपलामूल में निहित गुण नींद को प्रेरित करते हैं और नींद की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अनिद्रा से पीड़ित हैं।
स्मृति और एकाग्रता में सुधार: पीपलामूल मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे स्मृति और एकाग्रता में सुधार होता है। यह छात्रों और पेशेवरों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
👉🏼 पीपलामूल का उपयोग कैसे करें
पीपलामूल चूर्ण: रोजाना सुबह-शाम एक चम्मच (1.5 ग्राम) पीपलामूलादि चूर्ण को एक बेर बराबर गुङ के साथ गर्म पानी के साथ सेवन करें। नाशते तथा रात्रि भोजन के बाद।
पीपलामूल काढ़ा: पीपलामूल की जड़ों को पानी में उबालें और दिन में दो बार सेवन करें।
आयुर्वेदिक चूर्ण: कई आयुर्वेदिक चूर्णों में पीपलामूल एक प्रमुख घटक के रूप में शामिल होता है। इन चूर्णों का सेवन करने से भी मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
🪔 गुरु भक्ति योग 🕯️
सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूं… कैसी होती है?” श्री कृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्री कृष्ण ने कहा, “अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा। एक दिन कृष्ण कहने लगे… सुदामा, आओ, गोमती में स्नान करने चलें।
दोनों गोमती के तट पर गए, वस्त्र उतारे| दोनों नदी में उतरे। श्रीकृष्ण स्नान करके तट पर लौट आए, पीतांबर पहनने लगे।…सुदामा ने एक और डुबकी मारी तो भगवान कृष्ण ने उन्हें अपनी माया का दर्शन कर दिया।
सुदामा को लगा, नदी में बाढ़ आ गई है। वह बहे जा रहे हैं, सुदामा जैसे-तैसे तक घाट के किनारे रुके। घाट पर चढ़े, घूमने लगे। घूमते-घूमते गांव के पास आए, वहां एक हथिनी ने उनके गले में फूल माला पहनाई। बहुत से लोग एकत्रित हो गए, लोगों ने कहा, “हमारे देश के राजा की मृत्यु हो गई है। यहां का नियम है, राजा की मृत्यु के बाद हथिनी, जिस भी व्यक्ति के गले में माला पहना दे, वही हमारा राजा होता है। हथिनी ने आपके गले में माला पहनाई है, इसलिए अब आप हमारे राजा हैं।
सुदामा हैरान, राजा बन गया और एक राजकन्या विवाह भी हो गया। दो पुत्र भी पैदा हो गए, जीवन प्रसन्नता पूर्वक बीतने लगा। एक दिन सुदामा की पत्नी बीमार पड़ गई और काल के गाल में समा गई।… सुदामा पत्नी वियोग में रोने लगा, राज्य के लोग भी पहुंचे।…
उन्होंने सुदामा को कहा, आप रोएं नहीं, आप हमारे राजा हैं। वैसे भी दुख की कोई बात नहीं, आपको भी रानी के साथ ही जाना है। बताया कि यह मायापुरी का नियम है। आपकी पत्नी को चिता में अग्नि दी जाएगी, आपको भी अपनी पत्नी की चिता में प्रवेश करना होगा।…यह सुनकर सुदामा और जोर से रोने लगा लेकिन लोग नहीं माने।
सुदामा अपनी पत्नी की मृत्यु को भूल गया,…उसका रोना भी बंद हो गया। अब वह स्वयं की चिंता में डूब गया।…जब लोग नहीं माने तो सुदामा ने कहा, चिता में जलने से पहले मुझे स्नान तो कर लेने दो…’ इस पर कुछ लोग पहरे में सुदामा को स्नान कराने नदी में ले गए। … सुदामा रोये जा रहे थे और उनके हाथ-पैर कांप रहे थे।
आखिर उन्होंने डुबकी लगाई…और फिर जैसे ही बाहर निकले तो देखा कि मायानगरी कहीं भी नहीं। किनारे पर तो कृष्ण अभी अपना पीतांबर ही पहन रहे थे और वह एक दुनिया घूम आए हैं। सुदामा नदी से बाहर निकले, साथ ही जोर-जोर से रो जाए रहे थे। श्रीकृष्ण ने सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनकर पूछा सुदामा से रोने का कारण पूछा। सुदामा ने सारा वृतांत कह सुनाया और पूछा कि यह जो मैं जो देख रहा हूं यह स्वप्न है या जिस माया नगरी से मैं अभी-अभी आया हूं वह स्वप्न था।
भगवान कृष्ण बोले, यही सच है,…मैं ही सच हूं। मेरे से भिन्न, जो भी है, वह मेरी माया ही है। जो मुझे ही सर्वत्र देखता है,महसूस करता है, उसे मेरी माया स्पर्श नहीं करती। जो श्रीकृष्ण से जुड़ा है, वह नाचता नहीं…भ्रमित नहीं होता।
वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम् ।
देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥
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⚜️ अष्टमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है वहव्यक्ति धर्मात्मा होता है। मनुष्यों पर दया करने वाला तथा हरेक प्रकार के गुणोंसे युक्त गुणवान होता है। ये कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी निपुणता से पूरा करलेते हैं। इस तिथि के जातक सत्य का पालन करने वाले होते हैं यानी सदा सच बोलने कीचेष्टा करते हैं। इनके मुख से असत्य तभी निकलता है जबकि किसी मज़बूर को लाभ मिले।
वैष्णवानां यथा शम्भू:अर्थात वैष्णवों में सर्वश्रेष्ठ भगवान शिव हैं। सोंचिये शिव के दिन को विष्णु औरवैष्णवों का जन्म होता है। तो आप भी अष्टमी को श्रद्धापूर्वक भगवान शिव का पूजनकरें। भोग में नारियल का उपयोग करें लेकिन अष्टमी को नारियल का सेवन स्वयं नाकरें। मंगलवार को छोड़कर बाकि किसी दिन की भी अष्टमी शुभ मानी गयी है। इसलिये इसतिथि में भगवान शिव का पूजन हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त हो जाती है।