Today Panchang आज का पंचांग रविवार, 29 जून 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचांग 🧾
रविवार 29 जून 2025
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
👸🏻 शिवराज शक 352
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
☀️ मास – आषाढ़ मास
🌒 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – रविवार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि 09:14 AM तक उपरांत पंचमी
✏️ तिथि स्वामी – चतुर्थी के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। यह खला तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र आश्लेषा 06:34 AM तक उपरांत मघा
🪐 नक्षत्र स्वामी – आश्लेषा नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है। आश्लेषा नक्षत्र के देवता सर्प (नाग) हैं।
🔱 योग – वज्र योग 05:58 PM तक, उसके बाद सिद्धि योग
⚡ प्रथम करण : विष्टि – 09:14 ए एम तक
✨ द्वितीय करण : बव – 09:13 पी एम तक बालव
🔥 गुलिक काल : रविवार को शुभ गुलिक काल 02:53 पी एम से 04:17 पी एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सायं 4:51 बजे से 6:17 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो पान एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:13:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:47:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:06 ए एम से 04:46 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:26 ए एम से 05:26 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:57 ए एम से 12:52 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:44 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
🎆 सायाह्न सन्ध्या : 07:23 पी एम से 08:23 पी एम
💧 अमृत काल : 04:52 ए एम, जून 30 से 06:31 ए एम, जून 30
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:05 ए एम, जून 30 से 12:45 ए एम, जून 30
❄️ रवि योग : 05:26 ए एम से 06:34 ए एम
🚓 यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-किसी विप्र को ताम्र पात्र भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/रवियोग/ राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस, जो प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस जयन्ती, राष्ट्रीय कैमरा दिवस, भारतीय पेशेवर क्रिकेटर गुरकीरत सिंह मान जन्म दिवस, अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस, दामोदर धर्मानंद कोसांबी पुण्य तिथि, उष्णकटिबंधीय का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, अभिनेत्री उपासना सिंह जयन्ती, प्रथम तिलिस्मी लेखक देवकी नंदन खत्री जन्म दिवस, ‘राजस्थान की प्रसिद्ध मांड गायिका’ गवरी देवी पुण्य तिथि, भारतीय साहित्यकार मेहता लज्जाराम पुण्य तिथि
✍🏼 तिथि विशेष – चतुर्थी तिथि को मूली एवं पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी तिथि को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा यह चतुर्थी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
मंगल दोष दूर करने के महाउपाय
मां मंगला गौरी की करें पूजा- मंगल दोष दूर करने के लिए मंगला गौरी की पूजा करना शुभ होता है। मंगला गौरी के मंदिर जाकर दर्शन और पूजन करने से विवाह में आ रही अड़चने दूर होती है।
मंगलनाथ की पूजा- मंगलनाथ मंदिर में पूजा करने से मंगल ग्रह से जुड़े सभी दोष दूर होते हैं। यह मंदिर उज्जैन में स्थित है।
ज्योतिषी उपाय- मंगलवार के दिन लाल रंग की चीजें जैसे लाल कपड़ा, मसूर दाल, लाल फल आदि का दान करें। लेकिन मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को मंगलवार के दिन लाल रंग की चीजें उपहार या दान में स्वयं नहीं लेना चाहिए।
मंगल देव और हनुमानजी की पूजा- मंगल दोष का प्रभाव कम करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमानजी और मंगल देव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना फलदायी होता है।
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
गर्म या ठंडे पानी का असर
जब शरीर पर पानी पड़ता है — खासकर ठंडा पानी — तो नर्व सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) एक सिग्नल भेजता है जिससे ब्लैडर एक्टिव हो जाता है।इसे कहते हैं: “Cold Diuresis” यानी ठंड के कारण यूरिन बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
Relaxation और वातावरण नहाते समय हमारा शरीर थोड़ा रिलैक्स हो जाता है। ऐसे में दिमाग का कंट्रोल थोड़ा ढीला पड़ता है और bladder से जुड़े सिग्नल्स ज्यादा तेज महसूस होते हैं।
असर (मानसिक आदत)
कई बार ये सिर्फ आदत या मानसिक संकेत भी हो सकता है — यानी हमें नहाने से पहले की स्थिति से शरीर को पहले से ये सिग्नल देने की आदत पड़ जाती है कि “अब पेशाब आ सकती है।”
📌 नतीजा:नहाते वक्त पेशाब लगना बिलकुल सामान्य बात है।
अगर ये कभी-कभार होता है, तो कोई चिंता की बात नहीं।
🥂 आरोग्य संजीवनी 🍻
कमर में दर्द की समस्या से कई लोग परेशान रहते हैं। आजकल डेस्क जॉब के कारण ज्यादातर लोगों को कमर में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर ज्यादा देर बैठे रहने, एक करवट में सोने, गलत पॉश्चर और मांसपेशियों में सूजन के कारण कमर में दर्द की समस्या हो जाती है। लेकिन, कई बार कमर की नस दबने के कारण भी कमर में दर्द होने लगता है। कमर के निचले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने पर मांसपेशियों में जकड़न हो जाती है, जिसकी वजह से दर्द बढ़ जाता है। नस दबने के कारण नसों में ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता है, जिससे नसों में सूजन और ब्लॉकेज हो जाती है। कमर की नस दबने के कारण तेज दर्द होता है, जो कमर से लेकर टांगो तक को प्रभावित कर सकता है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि मरीज को रोजमर्रा के काम करने में भी मुश्किल आने लगती है। कमर की नस दबने पर कई लक्षण दिखाई देते हैं।
कमर की नस दबने पर गर्म सिंकाई करने से काफी आराम मिल सकता है। इसके लिए आप हॉट बॉटल या बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक बार में 10-15 मिनट के लिए प्रभावित हिस्से पर गर्म सिंकई करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा और मांसपेशियों को आराम मिलेगा।
🌷 गुरु भक्ति योग 🌸
क्या इन्सान को रात में 9:00 बजे के बाद पूजा करनी चाहिए? धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार, रात 9 बजे के बाद पूजा करना आमतौर पर शुभ नहीं माना जाता है। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण और नियम बताए गए हैं:
देवताओं के विश्राम का समय: मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद देवी-देवता विश्राम करते हैं। इसलिए रात में पूजा करना, खासकर तेज आवाज में आरती या घंटी बजाना, उनके विश्राम में बाधा डाल सकता है।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: शास्त्रों में पूजा के लिए कुछ विशेष समय निर्धारित किए गए हैं, जैसे: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 से 5:00 बजे): यह पूजा के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है।
सुबह (9 बजे तक): यह भी पूजा के लिए एक अच्छा समय है।
संध्या पूजा (शाम 4:30 से 6:00 बजे): सूर्यास्त से पहले की जाने वाली यह पूजा भी शुभ होती है।
शयन पूजा (रात 9 बजे तक): कुछ मान्यताओं के अनुसार, रात 9 बजे तक शयन पूजा की जा सकती है, लेकिन इसके बाद नहीं।
सूर्यास्त के बाद कुछ कार्यों का निषेध: तुलसी के पत्ते तोड़ना: सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना जाता है।
फूल तोड़ना: शाम के समय फूल तोड़ना भी शुभ नहीं माना जाता है
सूर्य देव की पूजा: सूर्य देव को दिन का देवता माना जाता है, इसलिए रात में उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।
विशेष पूजा-पाठ: कुछ विशेष पूजा या ध्यान रात में किए जा सकते हैं, खासकर मध्यरात्रि में (11 बजे से 1 बजे के बीच), जब मन को एकाग्र करना आसान होता है। लेकिन यह आमतौर पर विशेष साधना या किसी विशेष व्यक्ति के लिए प्रार्थना के लिए किया जाता है।
👉🏼 निष्कर्ष:
आम तौर पर, रात 9 बजे के बाद नियमित पूजा नहीं करनी चाहिए। अगर आप पूजा करना चाहते हैं तो सूर्यास्त से पहले या 9 बजे तक कर लें। रात में आप मंत्र जाप, ध्यान या मानसिक पूजा कर सकते हैं, लेकिन घंटी या शंख बजाना और आरती करना शुभ नहीं माना जाता है। यह भी सलाह दी जाती है कि रात की पूजा के बाद पूजा घर के पट बंद कर दिए जाएं ताकि देवी-देवताओं को आराम मिल सके।
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⚜️ चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है। आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। आज गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है। शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है। ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है। इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं।


