ज्योतिषधार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग गुरुवार, 06 फरवरी 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 06 फ़रवरी 2025
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 पिंगल संवत्सर विक्रम : 1946 क्रोधी
🌐 संवत्सर नाम पिंगल
🔯 शक सम्वत : 1946 (पिंगल संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5125
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – माघ मास
🌗 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – गुरुवार माघ माह के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि 10:53 PM तक उपरांत दशमी
✏️ तिथि स्वामी – नवमी की देवी हैं दुर्गा। इस तिधि में जगतजननी त्रिदेवजननी माता दुर्गा की पूजा करने से मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा हर क्षेत्र में सदा विजयी प्राप्त करता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र कृत्तिका 07:29 PM तक उपरांत रोहिणी
🪐 नक्षत्र स्वामी – कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य और राशि के स्वामी शुक्र हैं।
⚜️ योग – ब्रह्म योग 06:41 PM तक, उसके बाद इन्द्र योग
प्रथम करण : बालव – 11:42 ए एम तक
द्वितीय करण : कौलव – 10:53 पी एम तक तैतिल
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 03:33:00 से 05:08:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 02:02 से 3:24 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:32:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:28:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:22 ए एम से 06:14 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:48 ए एम से 07:06 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:13 पी एम से 12:57 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:25 पी एम से 03:09 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:02 पी एम से 06:28 पी एम
🎆 सायाह्न सन्ध्या : 06:04 पी एम से 07:23 पी एम
💧 अमृत काल : 05:12 पी एम से 06:43 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:09 ए एम, फरवरी 07 से 01:01 ए एम, फरवरी 07
❄️ रवि योग : 07:06 ए एम से 07:58 ए एम 07:29 पी एम से 07:06 ए एम, फरवरी 07
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
💁🏻 आज का उपाय-विष्णु मंदिर में आठ बादाम चढ़ाएं।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – महानंदा नवमी/रवियोग/ उद्योगपति एम.पी. जिंदल सम्मानित दिवस, पाश्र्व गायिका लता मंगेशकर स्मृति दिवस, महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न खान अब्दुल गफ्फार खान जयन्ती, देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ के रचनाकार प्रदीप जन्म दिवस, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों स्मृति दिवस, स्वतंत्रता सेनानी मोतीलाल नेहरू स्मृति दिवस, परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक, नायक यदुनाथ सिंह शहीद दिवस, सीमांत गांधी जन्म दिवस, महिला जननांग विकृति के प्रति जीरो टॉलरेंस का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, अंतर्राष्ट्रीय विकास सप्ताह (6 से 12 फरवरी)
✍🏼 तिथि विशेष – नवमी तिथि को काशीफल (कोहड़ा एवं कद्दू) एवं दशमी को परवल खाना अथवा दान देना भी वर्जित अथवा त्याज्य होता है। नवमी तिथि एक उग्र एवं कष्टकारी तिथि मानी जाती है। इस नवमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता दुर्गा जी हैं। यह नवमी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह नवमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। नवमी तिथि के दिन लौकी खाना निषेध बताया गया है। क्योंकि नवमी तिथि को लौकी का सेवन गौ-मांस के समान बताया गया है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के लिए सभी चीजों को व्यवस्थित ढंग से रखना जरूरी है। साथ ही घर में साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखें और यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में प्राकृतिक रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो। यह चीजें भी घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के लिए सहायक हो सकती हैं।
घर के मुख्य द्वार पर सुबह के समय पानी में हल्दी मिलाकर छिड़काव करना चाहिए और स्वस्तिक बनाना चाहिए। इसी के साथ मेन गेट पर सुबह-शाम दीपक जलाना चाहिए। वहीं आप नकारात्मकता से निजात पाने के लिए घर में गंगाजल का छिड़काव भी कर सकते हैं।
घर में फालतू सामान या कबाड़ आदि इकट्ठा नहीं करना चाहिए। साथ ही घर में खासकर मुख्य द्वार पर साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यहीं से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसी के साथ मंगलवार और शनिवार के दिन लोबान और गुग्गुल की धूनी देने से भी आपको बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
फिटकरी वाले पानी से नहाने से बॉडी रिलेक्स होती है. फिटकरी का हल्का असर त्वचा और शरीर पर एक शीतल प्रभाव डालता है, जो दिमाग को शांत करता है. इससे नहाने के बाद शरीर और दिमाग रिलैक्स होता है और तनाव कम होता है.
पसीने की बदबू से राहत यदि आपके बदन के पसीने की बदबू ज्यादा खराब है, तो इसे कंट्रोल करने के लिए पानी में फिटकरी मिक्स करके नहाना फायदेमंद साबित होता है. दरअसल, फिटकरी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर में पसीने में बदबू बढ़ाने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं.
नहान के लिए ऐसे यूज करें फिटकरी
फिटकरी से नहाने के लिए आप हल्का गर्म पानी के टब में फिटकरी पाउडर या फिटकरी का एक टुकड़ा डाल सकते हैं और फिटकरी घुल जाने के बाद उससे नहा सकते हैं.
🍃 आरोग्य संजीवनी ☘️
छोटी दूधी / चिवई के प्रयोग

पहली बार बचपन में इसका नाम सुना था,, जब मौसी को स्तनों में दूध नहीं उतर रहा था तब एक वैद्य ने कहा था कि #धागे वाली मिश्री और छोटी दूधी दोनों को खरल में कूट लो,, फिर दूध में मिलाकर स्त्री को पिला दो,, स्तनों में खूब दूध उतरता है शिशु के लिए,, खैर अपना विषय अलग है,,
अगर आपको भोजन करते ही #शौच के लिए जाना पड़ता है,, पेट में #मरोड़ से उठते हैं,, दिन में चार पांच बार टॉयलेट जाना पड़ता हो,, हल्के फुल्के दस्त जैसे लगे हों,, #संग्रहणी जैसा रोग हो,,
छोटी दूधी मुट्ठीभर लेकर धो लें स्वच्छ जल से,, और फिर अच्छे से चबा चबाकर खा लें,,,पहले दिन, पहली बार खाते ही ग़जब का आराम मिलता है,,पांच सात दिन प्रतिदिन दिन में एकबार किसी भी समय ले लें,,

लिवर को,, खासकर संग्रहणी से कमजोर हुए लिवर को,, #पैरासिटामोल से कमजोर हुए लिवर को नया जीवन देने की अद्भुत शक्ति है इस दिव्य औषधि में,, नाम बेशक छोटी दूधी है,, काम बड़ा करती है,,

📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
ऋण क्या है”मित्रों सामान्यतः लोग इस ऋण शब्द को केवल मात्र उधार लिये हुये धन से समझते है। लेकिन यह शब्द केवल मात्र इतने में ही नहीं सिमट जाता है। मित्रों इस ऋण शब्द कि व्याख्या कि जाये तो इस पर पूरी एक किताब कि रचना कि जा सकती है।संसार में आये प्रत्येक मानव पर तीन ऋण होते है।
1. पितृ ऋण 2. देव ऋण 3. ऋषि ऋणपितृ ऋण से हम संतान को जन्म देकर के मुक्त होते हैदेव ऋण से मुक्ति के लिये हम यज्ञ, पूजा इत्यादि करते है।ऋषि ऋण से मुक्ति के लिये हम ऋषियों को तर्पण प्रदान करते है।यह तो प्रत्येक मानव के उपर होने वाले ऋण है।अब बात करते है कि मानव स्वार्थ के वशीभूत होकर किस प्रकार ऋणी बनता है।
कई बार लोग दुकान पर लोग सामान खरीदते समय 10 , 20 रूपये कम पडने पर दुकान वाले से बोल देते है, भैया बाद मैं आयेंगे तब दे जायेंगे ओर वहाँ से आने पर मन में पाप आ जाता है।
जब आप कहीं मार्ग भटक जायें ओर कोई आपको सही मार्ग बताये, तो उस व्यक्ति का ऋण आप पर चढ जाता है। पर उसको धन्यवाद देकर उसके ऋण से उऋण हुआ जा सकता हैं।
जब आप मन्दिर में जाने पर पुजारी जी, या ब्राह्मण के हाथों अपने मस्तक पर तिलक लगवाते हो ओर बदले में उन्हे कुछ नहीं देते हो तो आप ऋणी हो जाते हो। पर अगर यदि आप के पास देने के लिये धन नहीं हो तो कम से कम प्रणाम तो अवश्य करे।
जब आप कहीं कथा, प्रवचन में जाते हो तो कुछ ना कुछ अवश्य चढाकर आयें क्यों कि आपको वहाँ कथावाचक से ज्ञान मिलता है। नहीं चढाने पर आप पर कथावाचक या ज्ञान देने वाले का ऋण हो जायेगा।
जब आप किसी के यहाँ भोजन करने जाते हो तो कम से कम आपके भोजन के मूल्य कि कीमत जितना उपहार वहाँ भेंट करके जरूर आये। या कभी भी भोजन करवाने वाले को को भी आप भोजन करवाये।
जब आप किसी गुरू से ज्ञान ग्रहण करते है तथा बदले में उन्हे दक्षिणा नहीं देते हो तो आप के जीवन में गुरू का वह ज्ञान फलित नहीं होगा। एकलव्य ने गुरू द्रोणाचार्य को हाथ का अंगुठा काटकर एसे ही नहीं दे दिया था।
जब आप किसी ज्योतिषी से अपनी जन्मपत्रिका का या हस्तरेखा का परीक्षण करवाते हो और बदले में कुछ नहीं देते हो तो उस ज्योतिषी द्वारा दिये गए मार्गदर्शन से आपके जीवन में श्रेष्ठता तो आती हैं, पर उसके गुरु-ऋण के चलते भविष्य में ऐसी समस्याएँ आ जाती हैं जिसका समाधान किसी से नही हो पाता। इसलिये जीवन में कितने भी उपाय कार्नर के बाद यदि सुख न आये तो अपने जीवन के भूतकाल में झाँककर देखे की ऐसे किसी गुरु का कहीं कोई ऋण तो नही रह गया।दोस्तों जब आप किसी से भी अपना कार्य करवाकर उसको उसका मेहनताना नहीं देते हो तो आप ऋणी हो जाते हो। हालाँकि मानव का विवेक उसे सब कुछ बताता है कि…सही क्या है ओर गलत क्या है…किन्तु मानव कि आँखों पर स्वार्थ कि पट्टी बंध जाती है जिसके चलते वो अपने विवेक की आवाज नही सुन पाता। पर दोस्तों यह सब ऋण हमें किसी ना किसी रूप में 100% ब्याज सहित चुकाना ही पडता है। इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में चुकाना पडेगा लेकिन चुकाना पडेगा, इसमें कोई सन्देह नही।
ॐ रां रामाय नमः
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⚜️ नवमी तिथि में माँ दुर्गा कि पूजा गुडहल अथवा लाल गुलाब के फुल करें। साथ ही माता को पूजन के क्रम में लाल चुनरी चढ़ायें। पूजन के उपरान्त दुर्गा सप्तशती के किसी भी एक सिद्ध मन्त्र का जप करें। इस जप से आपके परिवार के ऊपर आई हुई हर प्रकार कि उपरी बाधा कि निवृत्ति हो जाती है। साथ ही आज के इस उपाय से आपको यश एवं प्रतिष्ठा कि भी प्राप्ति सहजता से हो जाती है।।
आज नवमी तिथि को इस उपाय को पूरी श्रद्धा एवं निष्ठा से करने पर सभी मनोरथों कि पूर्ति हो जाती है। नवमी तिथि में वाद-विवाद करना, जुआ खेलना, शस्त्र निर्माण एवं मद्यपान आदि क्रूर कर्म किये जाते हैं। जिन्हें लक्ष्मी प्राप्त करने की लालसा हो उन्हें रात में दही और सत्तू नहीं खाना चाहिए, यह नरक की प्राप्ति कराता है।

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