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Today Panchang आज का पंचांग बुधवार, 02 जुलाई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 02 जुलाई 2025
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
👸🏻 शिवराज शक 352
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
☀️ मास – आषाढ़ मास
🌗 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – बुधवार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि 11:58 AM तक उपरांत अष्टमी!
✏️ तिथि स्वामी – सप्तमी के देवता हैं चित्रभानु। सप्तमी तिथि को चित्रभानु नाम वाले भगवान सूर्यनारायण का पूजन करने से सभी प्रकार से रक्षा होती है। यह मित्रवत, मित्रा तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी 11:07 AM तक उपरांत हस्त
🪐 नक्षत्र स्वामी – उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी सूर्य है।उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का एक अन्य स्वामी शुक्र भी है।
⚜️ योग – वरीयान योग 05:46 PM तक, उसके बाद परिघ योग
प्रथम करण : वणिज – 11:58 ए एम तक
द्वितीय करण : विष्टि – 12:59 ए एम, जुलाई 03 तक बव
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 11:10 से 12:35 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:35 से 2:00 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:12:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:46:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:07 ए एम से 04:47 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 04:27 ए एम से 05:27 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
🔯 विजय मुहूर्त : 02:44 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 07:23 पी एम से 08:24 पी एम
☀️ सर्वार्थ सिद्धि योग : 11:07 ए एम से 05:28 ए एम, जुलाई 03
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:05 ए एम, जुलाई 03 से 12:46 ए एम, जुलाई 03
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी विप्र को सवाकिलो साबुत मूंग भेंट करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/भद्रा/ बुधाष्टमी/विश्व यूएफओ दिवस, राष्ट्रीय एनीसेट दिवस, तेलंगाना दिवस, राष्ट्रीय वन्यभूमि अग्निशामक दिवस, राजनीतिज्ञ बाबूलाल गौर जन्म दिवस, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग स्थापना दिवस, अंतरराष्ट्रीय खेल पत्रकार दिवस, प्रसिद्ध जनकवि आलोक धन्वा जन्म दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
🏘️ Vastu tips_ 🏚️
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के सामने बेर का पेड़ कभी नहीं लगाना चाहिए। इसे बहुत अशुभ माना जाता है। जिस घर के दरवाजे पर बेर का पेड़ होता है, उस घर के सदस्यों के बीच दूरी आने लगती है। इसके साथ ही घर में आर्थिक समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती हैं।
मदार का पेड़ वास्तु शास्त्र में मदार का पौधा घर के सामने लगाना बहुत अशुभ माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है। यदि आप अपने घर के मुख्य द्वार पर मदार का पौधा लगाते हैं, तो इससे घर के सभी सदस्यों पर संकट आ सकता है। इसलिए, घर के सामने मदार का पौधा लगाना चाहिए।
पीपल का पेड़ घर के आसपास या मुख्य द्वार पर पीपल का पेड़ लगाने से घर में निर्धनता आती है। साथ ही यह घर में नकारात्मकता का भी कारण बनता है। इस कारण पीपल के पेड़ को हमेशा घर से कुछ दूरी पर ही लगाना चाहिए।
इमली का पेड़ घर के दरवाजे पर इमली का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। यह नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करता है। मुख्य द्वार पर इमली का पेड़ लगाने से घर की सुख-शांति नष्ट होती है और घर में दुख और दरिद्रता आती है।
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
शरीर और जीवन में आएगा चमत्कारिक परिवर्तन
1️⃣ पीछे की ओर चलना (10 मिनट)
👉 यह सिर्फ व्यायाम नहीं है, यह मस्तिष्क को जाग्रत करने और शरीर को संतुलित करने की एक चमत्कारी कला है। जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है और रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है।
2️⃣ नींबू-अदरक वाला पानी (सुबह खाली पेट)
🍋 दिन की शुरुआत करें ऊर्जा, पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले इस अमृत से। यह शरीर को अंदर से साफ़ करता है।
3️⃣ नाक से सांस लेना (जागरूक अभ्यास)
🫁 मुंह से सांस लेना शरीर को थका देता है, जबकि नाक से सांस लेने से ऑक्सीजन बेहतर तरीके से पहुंचती है मस्तिष्क तक – ध्यान बढ़ता है, शांति आती है।
4️⃣ सुबह की धूप में स्नान (7-9 बजे के बीच)
☀️ यह केवल धूप नहीं है, यह जीवनशक्ति है। विटामिन D के साथ-साथ यह मन को भी प्रसन्न करता है।
5️⃣ हर 30 मिनट में हरकत बदलें
🪑 बैठे रहने से शरीर जड़ हो जाता है, हर 30 मिनट में उठें, चलें – यही है सच्चा “office yoga”.
6️⃣ सूर्यास्त से पहले भोजन
🌅 शरीर का पाचन तंत्र सूर्य के साथ जुड़ा है। सूर्यास्त के बाद खाना शरीर को धीमा कर देता है, मोटापा और बीमारियाँ लाता है।
7️⃣ गर्म पानी का सेवन (दिनभर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में)
💧 यह शरीर की गंदगी बाहर निकालता है, चयापचय को तेज करता है और त्वचा को निखारता है।
🎋 आरोग्य संजीवनी ☘️
यहाँ कटहल के कुछ प्रमुख औषधीय उपयोग दिए गए हैं:
पाचन तंत्र के लिए: कब्ज से राहत: कटहल में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और कब्ज, एसिडिटी और अन्य पाचन समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। यह आंतों की सफाई और अच्छे बैक्टीरिया की वृद्धि को भी बढ़ावा देता है।
अल्सर और पाचन संबंधी समस्याएँ: यह अल्सर और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए: रक्तचाप नियंत्रण: कटहल में पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करना: इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है।
एनीमिया से बचाव: यह आयरन का एक अच्छा स्रोत है, जो एनीमिया से बचाव में मदद करता है और शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
📖 गुरु भक्ति योग_ 🕯️
पितृ दोष का असर कितनी उम्र तक रहता है? पितृ दोष का प्रभाव कितनी उम्र तक रहता है, इसका स्पष्ट उत्तर देना कठिन है क्योंकि यह ताउम्र (व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित) होता है। हालांकि, सामान्यत: पितृ दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में विभिन्न चरणों में देखा जा सकता है। यह प्रभाव निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:
कुंडली और ग्रहों की स्थिति: पितृ दोष का प्रभाव कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दोष की गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, यह दोष जीवन के किसी भी चरण में सक्रिय हो सकता है, जब संबंधित ग्रह विशेष योग बनाते हैं।
पूर्वजों के प्रति कर्तव्यों का पालन: पितृ दोष तब तक सक्रिय रह सकता है जब तक पूर्वजों के प्रति धार्मिक कर्तव्यों का पालन नहीं किया जाता। यदि श्राद्ध, तर्पण और पितरों की संतुष्टि के लिए आवश्यक अनुष्ठान समय पर नहीं किए जाते, तो यह दोष जीवन भर प्रभाव डाल सकता है।
पारिवारिक समस्याएँ और संतान की आयु: कुछ मान्यताओं के अनुसार, पितृ दोष का प्रभाव तब तक बना रह सकता है जब तक परिवार में संतान की शादी नहीं हो जाती या जब तक परिवार के सदस्य पितरों के प्रति अपने कर्तव्यों को नहीं निभाते।
विशेष अनुष्ठान और पूजा: यदि पितृ दोष के निवारण के लिए विशेष अनुष्ठान, पूजा, तर्पण और श्राद्ध विधि का पालन किया जाता है, तो इसका प्रभाव कम हो सकता है। यह उपाय दोष की गंभीरता को कम कर सकते हैं और व्यक्ति की उम्र के किसी भी चरण में इसका असर देख सकते हैं।
अतः यह कहना सही होगा कि पितृ दोष का प्रभाव व्यक्ति की उम्र के किसी भी चरण में सक्रिय हो सकता है और इसे कम करने या समाप्त करने के लिए नियमित रूप से धार्मिक कर्तव्यों का पालन और विशेष अनुष्ठान किए जाने चाहिए। यदि पितृ दोष की समस्या अत्यधिक गंभीर हो, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी या पंडित से सलाह लेना उचित होगा ताकि उचित उपाय और अनुष्ठानों के माध्यम से इसका समाधान किया जा सके।
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⚜️ सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।।

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