बिना रिफलेक्टर के दौड़ रही टै्रक्टर-ट्राॅली
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान, रहती है हादसे की आषंका
सिलवानी। नगर में बगैर रिफलेक्टर के टै्रक्टर-ट्राॅली दौड़ रही हैं। ट्राॅलियों के पीछे इंडिकेटर नहीं लगे होते हैं। इससे रात में पीछे चलने वाले वाहन चालकों को हादसे की आषंका बनी रहती है। रात में ऐसे वाहनों के कारण अधिक परेषानी होती है। बताया जाता है कि टै्रक्टर-ट्राॅलियों में सरिए, पाइप सहित अन्य सामग्री की लोडिंग पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि ट्राॅली में सरिए, कृषि पाइप आदि भरकर परिवहन करने के दौरान संकेत के रूप लाल कपड़ा लगाना चाहिए। ज्ञात हो कि नगर की कृषि उपज मंडी व बाजारों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में टै्रक्टर-ट्राॅली पहुंचती हैं। रात के समय सड़क पर चलने या खड़ी ट्राॅलियों पर रिफलेक्टर नहीं होने से दूसरे वाहनों को लाइन पड़ने पर दिखाई नहीं देते हैं। इससे वाहनों की ट्राॅलियों से टकराने की आषंका बनी रहती है। बावजदू इसके प्रषासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
टै्रक्टर-ट्राॅलियों से ढोए जा रहे सरिए और कृषि पाइप
टै्रक्टर-ट्राॅलियों के पीछे किसी तरह के इंडिकेटर व ब्रेक लाइट नहीं होने के कारण उनके रूकने का पीछे वाले वाहन चालकों को आभास नहीं होता है। इस कारण भी हादसे होते हैं। ट्राॅलियों से सरिए, कृषि पाइप ढोए जा रहे है। ऐसी ट्राॅलियों के पीछे चलने वाले वाहनों से सरिए टकराने से दुर्घटना का अंदेषा बना रहता है। खासकर बाइक चालकों को ज्यादा दिक्कतें होती है। ट्राॅलियों के बाहर तक सरिए लटके रहते हैं, जबकि इन वाहनों के पीछे लाल कपडे़ बांधना चाहिए। ताकि पीछे से आने वाले वाहन चालक सचेत हो सकें। वहीं लोगों का कहना है कि प्रषासन और पुलिस विभाग को कृषि उपज मंडी में आने वाली ट्राॅलियों के पीछे रेडियम लगाने का अभियान चलाया जाना चाहिए। ताकि टै्रक्टर-ट्राॅलियों से होने वाले हादसे से रोके जा सकें।
