मध्य प्रदेश

सामाजिक शिक्षा क्रांति के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले की 134 पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर। सामाजिक एवं शैक्षणिक जागृति के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले की 134वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शांतम प्रज्ञा आश्रम नशा मुक्ति, मनोआरोग्य, दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आश्रम संचालक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट मुकेश कुमार सेन ने अपने उद्बोधन में आश्रम में उपचार ले रहे नशा पीड़ितों को बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले भारतीय समाज में फैली कुरीतियों और अंधविश्वास को दूर करने के उद्देश्य से सत्य शोधक समाज की स्थापना की। ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति आधारित भेदभाव के प्रबल विरोधी थे। उन्होंने महिलाओं और समाज के उपेक्षित वर्ग के उत्थान के लिए कई क्रन्तिकारी कार्य किये, भारतीय समाज में व्याप्त अस्पृश्यता, छुआछूत, समाज के सभी वर्गों के लिए समान शिक्षा और सामाजिक समरसता लाने के लिए सत्य शोधक समाज की स्थापना रखी। महात्मा फुले ने भारतीय महिलाओं को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अपनी पत्नि सावित्रीबाई फुले को शिक्षित किया जो भारत की पहली महिला शिक्षिका बनी और समाज में महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महिलाओं के लिए विद्यालय खोले. महात्मा फुले कहते थे “पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों में मनुष्य श्रेष्ठ है, और सभी मनुष्यों में नारी श्रेष्ठ है. स्त्री और पुरुष जन्म से स्वतंत्र हैं, इसलिए दोनों को सभी अधिकारों का समान रूप से उपभोग करने का अवसर दिया जाना चाहिए”
उन्होंने स्त्री-शिक्षा की ही वकालत नहीं की, बल्कि गरीब किसानों एवं मजदूरों के अधिकारों एवं उनकी मूलभूत जरूरतों के लिए भी संघर्षरत रहे । इन्होंने अस्पृश्यता और जाति व्यवस्था के उन्मूलन तथा महिलाओं एवं शोषित जाति के लोगों को शिक्षा प्रदान करने के संदर्भ में सराहनीय कार्य किया।
1888 में महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता विट्ठलराव कृष्णजी वंदेकर द्वारा महात्मा की उपाधि से सम्मानित किया गया था। ज्योतिराव गोविंदराव फुले की मृत्यु 28 नवंबर, 1890 को हुई थी।
अंत में आश्रम में उपचार ले रहे नशा पीड़ितों को नशा मुक्त रहने की प्रतिज्ञा दिलाई गई
इस अवसर पर आश्रम संचालक मुकेश कुमार सेन, श्रीकांत तिवारी, मुकेश अहिरवार अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

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