मध्य प्रदेश

चिटफंड कंपनी में निवेश करने वाले पीड़ित खाताधारकों ने कलेक्टर, एसपी से की शिकायत

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरिया पान।
उमरियापान। शिखर सहकारी साख समिति नामक चिटफंड कंपनी में निवेश करने वाले उमरियापान क्षेत्र के पीडित खाताधारकों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट और एसपी आफिस पहुंचकर फंसा पैसा दिलाने और आरोपियों पर कडी कार्यवाही करने आवेदन दिया है। आधा सैकडा पीडित खाताधारकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपर कलेक्टर नदीमी सीरी और एसपी आफिस में पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी को शिकायत पत्र दिया है। एसपी को दी शिकायत में खाताधारकों ने बताया कि उमरियापान पुलिस ने तीन माह पहले कंपनी के संचालक, कैशियर व दो एजेंटों पर धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया था। उसके बाद भी कार्यवाही नहीं की गई। पत्र में पीडित खाताधारकों ने मामले में उमरियापान पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खडे किए हैं। जिस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसपी मयंक अवस्थी ने उमरियापान थाना प्रभारी को फोन लगाकर मामले में ढिलाई बरतने पर फटकार लगाते हुये आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। इस दौरान पीडित खाताधारक योगेश सोनी, कंधी चौरसिया, विक्की सोनी, सतीश चौरसिया, केके चौरसिया, छोटा चौरसिया, नीरज गुप्ता, टीटू चौरसिया, संदीप चौरसिया, दीपक चौरसिया, गगन चौरसिया, सोनू चौरसिया, रिंकू चौरसिया, प्रीतम साहू आदि मौजूद रहे। गौरतलब है चिटफंड कंपनी के चंगुल में उमरियापान क्षेत्र के करीब 400 खाताधारकों के लगभग 50 लाख रूपये फंसे हैं। मामले पर अधिकारियों ने कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।
यह है पूरा मामला
शिखर सहकारी साख समिति के नाम से सुहागी थाना अधारताल जिला जबलपुर निवासी नरेन्द्र पौराणिक द्वारा एक कंपनी बनाई गई थी। जिसमें वसूली कार्य के लिये उमरियापान निवासी अंशुल चौरासिया, मुकेश चौरासिया एवं मनीष पौराणिक को नियुक्त किया गया था। जिनके द्वारा उमरियापान, पचपेढ़ी सहित आसपास के गांवों में लगभग 400 खाता खोले गये थे। जिसमें खाताधारकों ने अपनी मेहनत की कमाई को कंपनी में जमा किया था। लेकिन जैसे ही खातों की समयावधि पूरी हुई वैसे ही इन लोगों ने बहानेबाजी बनाना शुरू कर दिया। और जब खाताधारकों ने पैसों के संबंध में संचालक एवं एजेंटों से बात की तो उक्त चारों आरोपियों ने पैसों देने से साफ मना कर दिया। और चारों एक-दूसरे के ऊपर पैसे देने के आरोप मढऩे लगे। जिसके बाद पीडित खाताधारकों ने उमरियापान थाना पहुंचकर चारों आरोपियों पर धारा 420 के तहत मामला दर्ज कराया था। लेकिन आरोपियों पर कार्यवाही नहीं हुई।

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