दीपावलीपर्व :चतुर्ग्रही योग में हुई धन ऐश्वर्या की देवी महालक्ष्मी की आराधना, घरों में देशी खुशियों के दीप जले
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। गुरुवार को रोशनी का पर्व दीपावली का त्यौहार पारंपरिक उत्साह व श्रद्धा भक्ति के माहौल में जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। दिवाली के तीन रोज पहले से ही दशहरे मैदान में पटाखा बाजार लगा। जिसमें पटाखे फुलझड़ी रॉकेट खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।
गुरुवार को रात में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।रायसेन शहर बिजली की रंगबिरंगी रोशनी से नहा उठा। इस बार महिलाओं ने बड़ी संख्या में देशी मिट्टी से बने देशी दीप का उपयोग कर स्वदेशी होने का परिचय दियाइस बार दीपावली पर महालक्ष्मी की पूजन हवन आरती आराधना चतुर्ग्रही योग के शुभ मुहूर्त में की। इस दिन तुला राशि में चार और मकर राशि में दो ग्रहों की युति रही जो मंगलकारी के संकेतक रहा। महा लक्ष्मी की पूजन शुभ मुहूर्त में गुरुवार को फैक्टरियों, घर व्यापारिक प्रतिष्ठान और गोदामों में मिठाईं पकवानों का भोग लगाया।इसके बाद घर दुकानों कल कारखानों में लोगों ने पूजन हवन कर आराधना की।लोगों ने घर में खुशहाली सुख धन सम्रद्धि की कामना माता वैभव लक्ष्मी धन कुबेर, गणेश भगवान सरस्वती माता से की। इसके बाद रात के समय सतरंगी आतिशबाजी कर दीपोत्सव की खुशियां मनाई।वहीं एक दूसरे को मिठाई बांटकर त्यौहार की खुशियां मनाई। हैप्पी दीपावली बोलकर बधाई शुभकामनाएं देते रहे।कार्तिक माघ की पूर्णिमा के दीपोत्सव मनाने के पश्चात दिवाली के दूसरे दिन पड़वा पर्व मनाया गया।यादव समाज के लोगों सहित सनातन हिन्दू समाज के लोगों धार्मिक रीतिरिवाज के साथ मनाया गया।पशुधन को नहला धुलाकर उन्हें मोरपंख की कंठी, रंगों आदि से श्रंगार कर सजाया गया।इन पशुओं की रंग रोगन से सजावट कर पशु मालिक यहां की हीरामन बाबा के स्थल श्री राम लीला मैदान लेकर पहुंचे। इस दिन यादव समाज के लोग घरों में दूध का विक्रय नहीं करते।बल्कि घरों का सारा दूध पशुओं की रक्षा के लिए हीरामन बाबा भैंसासुर बाबा की प्रतिमाओं को अर्पित किया गया। जिससे दूध की नदियां बह निकलीं। दोपहर के समय घर के आंगनों में गोबर से बनाए गए गोवर्धन महाराज की पूजन आरती कर व्यंजनों का श्रद्धालुओं द्वारा भोग लगाकर पशुओं की रक्षा की कामना की गई।
शुभ मुहूर्त रहा सोने पर सुहागा….
तुला राशि में सूर्य, मंगल, बुध और चंद्रमा रहे।, जबकि शनि और गुरु मकर राशि में रहे । तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। वे भौतिक सुख-सुविधाएं देने वाले हैं। अमावस्या और चित्रा नक्षत्र के चलते इस दिन गुरुवार का होना सोने में सुहागा की तरह रहा। मां लक्ष्मी के साथ बृहस्पति देव का भी इस दिन प्रभाव रहने से इस दिन की शुभता अन्य दिनों की अपेक्षा अत्यधिक रहा । इस दिन खरीदी और शुभ कार्य करना मंगलकारी रहा।धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला, राममोहन चतुर्वेदी उपेंद्र शुक्ला के मुताबिक दिवाली की शाम को लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती और कुबेर भगवान की पूजा होती है। प्रतिष्ठान और घरों में मुहूर्त के हिसाब से की पूजन।
पंडित केशव महाराज के अनुसार प्रतिष्ठान एवं व्यापार स्थल पर पूजा शुभ मंगलकारी मुहूर्त में करना चाहिए। ऐसा करने से महालक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है।