आज का पंचांग रविवार, 13 नवम्बर 2022
आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
🧾 आज का पंचांग 🧾
रविवार 13 नवम्बर 2022
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
🌐 संवत्सर नाम-राक्षस
✡️ शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत 5123
☣️ सायन दक्षिणायन
🌦️ ऋतु – सौर हेमन्त ऋतु
🌤️ मास – कार्तिक माह
🌘 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📅 तिथिः- पंचमी तिथि 24:53:00 बजे तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि
✏️ तिथि स्वामीः- पंचमी तिथि के स्वामी नागदेवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय जी हैं।
💫 नक्षत्रः-आर्द्रा नक्षत्र 10:18:00 बजे तक तपोरान्त पुनर्वसु नक्षत्र
🪐 नक्षत्र स्वामीः- आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु देव जी है तथा पुनर्वसु नक्षत्र के स्वामी गुरु है।
🔊 योगः- सिद्ध 22:48:00 बजे तक तदोपरान्त साध्य
⚡ प्रथम करण : कौलव – 11:37 ए एम तक
✨ द्वितीय करण – तैतिल – 12:51 ए एम, नवम्बर 14 तक गर
🔥 गुलिक कालः-शुभ गुलिक काल 02:46:00 से 04:07:00 बजे तक
⚜️ दिशाशूलः- रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें।
🤖 राहुकालः- आज का राहु काल 04:07:00 से 05:28:00 बजे तक राहू काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया हैं।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:35:00_
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:25:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:56 ए एम से 05:49 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 05:23 ए एम से 06:42 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:44 ए एम से 12:27 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:18 पी एम से 05:42 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 05:28 पी एम से 06:48 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:39 पी एम से 12:32 ए एम, नवम्बर 13
💷 यायिजययोग – आज सुबह 10 बजकर 18 मिनट से रात 12 बजकर 59 मिनट तक
☄️ आर्द्रा नक्षत्र – आज सुबह 10 बजकर 18 मिनट तक
🏎️ यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-किसी मंदिर में केसर दान करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – महाराजा रणजित सिंह जयन्ती, बुध गोचर, मंगल गोचर, पुंसवन/सीमान्तोनयन
⚜️ विशेष – पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद अर्थात धन देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि अत्यंत शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस पञ्चमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। यह पञ्चमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।
🏚️ Vastu tips 🛕
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए घर की छत पर रखे फालतू सामान, यानि कबाड़े की। घर-परिवार में खुशी और तरक्की का एक बहुत बड़ा कारण वास्तु से भी जुड़ा होता है। जिन घरों में वास्तु के नियमों को दरकिनार कर काम किया जाता है। उन घरों में आए दिन कोई न कोई परेशानी होती रहती है। ऐसे में क्या हमें घर की छत पर फालतू सामान रखना चाहिए। चलिए आपको इस बारे में बताते हैं।
घर में हो सकता है कलह वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की छत पर कोई भी फालतू सामान या कबाड़ नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के मन और मस्तिष्क पर नकारात्मक असर पड़ता है और पितृ दोष भी लगता है। पूरे घर का माहौल खराब हो जाता है। साथ ही यह आपके घर में कलह का कारण भी बन सकता है। तो आपके घर में यदि बिना उपयोग का फालतू सामान बहुत समय से पड़ा है तो उसे घर के बाहर करिए।
लेकिन अगर आपके घर में ऐसा कोई सामान है जो उपयोगी तो है परंतु अभी उसका कोई काम नहीं है तो ऐसी चीजों को ऐसे ही कहीं भी न पटके, उन्हें व्यवस्थित ढंग से एक जगह पर रख दें।
⏭️ जीवनोपयोगी कुंजियां
चिता साधना कोई चिता जलती हुई छोड़ता ही नहीं कि कोई वहाँ साधना कर पाए। चिता जब छोड़ के लौटते है; तो उसे पूरी तरह जला कर ही लौटते है। इस बुझती हुई चिता के पास बैठकर साधना करने का कोई अर्थ ही नहीं है। इसका कोई लाभ भी नहीं है; क्योंकि उस चिता में कोई शक्ति ही नहीं होती। यहाँ बैठकर इसके गुप्त रहस्य को जानने के बाद ही सिद्धि प्राप्त होती है।
*चिता की अग्नि में स्वयं के मृत शरीर को जलते हुए अनुभूत करके विदेह स्थिति में आने का भाव ही चिता साधना का मूल है। इस स्थिति में आने के बाद ईष्ट सिध्ही का मानसिक जप किया जाता है।
*यहाँ यह भी जानना आवश्यक है कि शव-साधना , श्मसान साधना आदि अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं। इनके द्वारा किसी भी ईष्ट, मंत्र या शक्ति की सिद्धियाँ की जा सकती है।*
🩺 आरोग्य संजीवनी 🍶
मुरली एवं देवदाली का काढ़ा यह गुरुदेव द्वारा शोधित औषधि है। इसमें से एक को 10 % कालीमिर्च के साथ 20 ग्राम चूर्ण को 160 ग्राम पानी में उबालें। जब 40 ग्राम जल रह जाये, तो छान कर फ्रीज़ में डाल दें। यह दिनरात में चार-बार भोजन से एक घंटा पहले लें।
(यह दवा बहुत कड़वी है। 108 दिन में मधुमेह, प्रमेह एवं लीवर के रोग नष्ट हो जाते है।)
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
आचार्य श्री गोपी राम ने स्त्री की उन बातों के बारे में बताया है जो समाज के लिए अच्छी नहीं है.हम कहते हैं कि इस तरह की तीन स्त्रियों से बच कर रहना चाहिए, क्योंकि ये स्त्रियां घर को बर्बाद कर सकती है.
इधर की बात उधर करने वाली स्त्री हम कहते हैं कि चुगली करने की आदत होने पर एक स्त्री घातक साबित हो सकती है. ऐसी स्त्री ना सिर्फ अपने घर के राज सार्वजनिक कर देती है, बल्कि दूसरे की घर की बातों को भी दुनिया को बताकर उसका भी नुकसान करती है. ऐसे में दो परिवारों के बीच गलतफहमी पैदा होती है, जिसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं.
गुस्से में रहने वाली स्त्री आचार्य श्री गोपी राम कहते हैं कि अगर एक स्त्री पर हमेशा क्रोध भावी रहता है तो उसके परिवार में हमेशा झगड़े होते रहते हैं. वैसे गुस्से पर नियंत्रण पुरुष को भी करना आना चाहिए. लेकिन फिर भी अगर परिवार में स्त्री पुरुष दोनों गुस्सा करेंगे को अशांति होगी और परिवार टूट जाएगा. गुस्सा एक भाव है जिसे आने से रोका नहीं जा सकता लेकिन खुद को संयमित तो रखा जा सकता है.
झूठ बोलने वाली स्त्री झूठ बोलने की आदत अगर परिवार में स्त्री को है तो वो हर बात पर झूठ बोलेगी, ताकि घर की कमान उसके हाथ में रहे. लेकिन आगे चलकर ये बुरी आदत बन जाती है और सच का सामने होने पर ऐसी स्त्री की कोई इज्जत नहीं करेगा और परिवार की खुशियों पर ग्रहण लग सकता है.
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⚜️ पञ्चमी तिथि में शिव जी का पूजन सभी कामनाओं की पूर्ति करता है। आज पञ्चमी तिथि में नाग देवता का पूजन करके उन्हें बहती नदी में प्रवाहित करने से भय और कष्ट आदि की सहज ही निवृत्ति हो जाती है। ऐसा करने से यहाँ तक की कालसर्प दोष तक की शान्ति हो जाती है। अगर भूतकाल में किसी की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो उसके नाम से सर्प पूजन से उसकी भी मुक्ति तक हो जाती है।
पञ्चमी तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति गुणवान होता है। इस तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह माता पिता की सेवा को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म समझता है। इनके व्यवहार में उत्तम श्रेणी का एक सामाजिक व्यक्ति दिखाई देता है। इनके स्वभाव में उदारता और दानशीलता स्पष्ट दिखाई देती है। ये हर प्रकार के सांसारिक भोग का आनन्द लेते हैं और धन धान्य से परिपूर्ण जीवन का आनंद उठाते हैं।

