एनजीओ को दान दी जमीन को संचालक ने कराई अपने रजिस्ट्री

छिंदवाड़ा । एक और क्लाकारी देखे शिवजी भाई, भास्कर भाई ने नेत्र चिकित्सालय जैसे पुनीत पावन कार्य के लिए अपनी निजी जमीन लायंस क्लब लायंस एनजीओ संस्था लायंस नेत्र चिकित्सालय के लिए दान किया। दान लेने वालो ने जो कलाकारी की इसका प्रत्यक्ष प्रमाण आपके सामने मौजूद है। दान की रजिस्ट्री संस्था के नाम से करवाना था, या संस्था के समस्त सदस्यों के नाम से करवाना था। किंतु ऐसा नहीं किया गया। संदर्भित विषय के अंतर्गत आला अधिकारियों से अभी बातचीत हुई.. उन्होंने बताया (1) एक नाम नहीं हजार नाम भी यदि होते तो हम रिकॉर्ड में दर्ज करते। (2) यह जिस हिसाब से नाम दर्ज है कल भू स्वामीयों कि मृत्यु के उपरांत रिकार्ड में उनके बारिश दानों के नाम चढ़ जाएंगे अर्थात जमीन/अस्पताल के मालिक कल इनकी औलादे होंगी। (3) जमींन दान संस्था के लिए दी गई थी तो संस्था को रजिस्ट्री संस्था के नाम से करवाते हुए पदेन या की ओर से शब्द का उपयोग करना था। अब सवाल खड़ा यह होता है कि जब इनके लायंस क्लब में 32 ईमानदार सदस्य जुड़े हुए हैं तो इन्होंने सभी सदस्यों के नाम से लिखा पड़ी क्यों नहीं करवाया ? यह खसरे का रिकार्ड देखने के उपरांत इनकी मनसा संदेहप्रद होता है।
कोई भी संस्था जब शासकीय अनुदान प्राप्त कर लेती है तो वह निजी नहीं बचती.. यह एक एनजीओ संस्था है जो कि भारत सरकार से अनुदान प्राप्त करती है,, रजिस्ट्री रिकार्ड में निजी संस्था कैसे लिखवाया गया??