कब है परशुराम जयंती? जानिए डेट, पूजा मुहूर्त, मंत्र और महत्व

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
🥏 कब है परशुराम जयंती? जानिए डेट, पूजा मुहूर्त, मंत्र और महत्व
भगवान परशुराम का जन्म भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका के यहां हुआ था। कहते हैं कि परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार थे। तो आइए जानते हैं आचार्य श्री नीरज कुमार पुत्र आचार्य श्री गोपी राम से कि इस साल परशुराम जयंती कब मनाई जाएगी।
👉🏽 इस साल 22 अप्रैल 2023 को परशुराम जयंती मनाई जाएगी। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ही भगवान परशुराम ने पृथ्वी पर जन्म लिया था। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान परशुराम विष्णु जी के छठें अवतार माने जाते हैं, जो मानव कल्याण के लिए धरती पर जन्म लिए थे। इस दिन आप विधि विधान के साथ परशुराम जी की अराधना कर के उनसे बल, बुद्धि, सुख-समृद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। 22 अप्रैल 2023 को ही अक्षय तृतीया का पर्व भी मनाया जाएगा।
⚛️ परशुराम जयंती 2023 शुभ मुहूर्त
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ- सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर (22 अप्रैल 2023)
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त- सुबह 7 बजकर 47 मिनट तक (23 अप्रैल 2023)
🧘🏻♀️ परशुराम जयंती के दिन इन मंत्रों का करें जाप
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नोपरशुराम: प्रचोदयात्।।’
👉🏽 परशुराम जयंती का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धरती पर हो रहे अधर्म और पापों को नाश करने के लिए हुआ था। भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा संपन्ना पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न होकर देवराज इंद्र ने उन्हें वरदान दिया था। तब जाकर माता रेणुका के गर्भ से भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम जी महादेव भोलेनाथ के परम भक्त थे। उन्होंने शिवजी की कठोर तपस्या की थी तब शंकर जी ने प्रसन्न होकर उन्हें दिव्य अस्त्र परशु यानी फरसा दिया था। परशु को धारण करने के बाद ही वह परशुराम कहलाए। आपको बता दें कि जो भी व्यक्ति भगवान परशुराम की पूजा अर्चना करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।