मध्य प्रदेश

डंडेरा गांव में 2 दिन तक चला जेसीबी का पंजा, अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत 8 घरों को तोड़ा

कच्चे-पक्के चबूतरे और मकानों गैरेज को भी तोड़कर हटाया, अतिक्रमण कारियों मची हड़कंप
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। राजस्व महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों और ग्रामीणों की शिकायत पर नायब तहसीलदार दिलीप कुमार द्विवेदी के निर्देश पर पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारियों पटवारियों के सहयोग से तहसील रायसेन के डंडेरा गांव में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। यह अतिक्रमण अभियान लगातार तीन दिनों तक चलाया गया जिसमें जेसीबी के पंजे से कच्चे-पक्के लगभग 12 मकान चबूतरे और खलियान और बागड़ो को तोड़कर आने जाने में बाधा बने अतिक्रमण को हटाया गया। ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने पुलिस की मदद से दबाव बनाकर हमारे पट्टेशुदा और नजूल के रिकॉर्ड के होने के बावजूद बताते हुए उनके पक्के मकान और पीएम आवास योजना के मकान जेसीबी की मदद से धराशाई कर दिए गए ।जबकि सरकारी जमीनों पर आज भी कई दबंगों के मकान रास्ते किनारे खड़े हुए हैं। आखिर उनको क्यों नहीं तोड़ा गया। अतिक्रमण हटाने में पूरी तरह से हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया गया है।
जबकि विभाग के अधिकारी सफाई देते हुए बोलते हैं कि ऐसा कुछ नहीं किया। बल्कि हमने रास्ते के अतिक्रमण के जद में आए खेत खलियान और मकानों की बाउंड्री सहित कच्चे-पक्के मकान तोड़े गए हैं । इसमें हमारा कोई कसूर नहीं है। ग्रामीणों और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत पहुंची थी। तभी राजस्व महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हमने अतिक्रमण तोड़ने की यह कार्रवाई की है।
सांचेत टप्पा के नायब तहसीलदार दिलीप कुमार द्विवेदी का कहना है कि तहसील रायसेन के डंडेरा गांव में शनिवार सोमवार को 6 मकानों को जेसीबी की मदद से तोड़ा गया। इसमें कच्चे- पक्के चबूतरे गैरेज सहित खेत खलियानओं के किनारे हरे भरे फलदार पेड़ और बागड़ तोड़कर अतिक्रमण हटाया। इस अतिक्रमण में बाधा बन रहे और विरोध प्रदर्शन कर रहे सतपाल सिंह लोधी और जीवन सिंह लोधी को पुलिस की मदद से गाड़ी से थाना कोतवाली भिजवाया गया। इसके पूर्व डंडेरा गांव घाटी पर बने गरीबों के 7 कच्चे-पक्के मकान भी तोड़े गए हैं। अतिक्रमण हटाए जाने के बाद लगभग 20 फीट का रास्ता हो गया है । जिससे राहगीरों व वाहनों का व आवागमन सुचारू हो गया है।
भेदभाव पूर्ण तोड़ा और हटाया गया अतिक्रमण….
ग्राम डंडेरा के निवासी रविशंकर लोधी, लखपत सिंह लोधी, महाराम लोधी, बुजुर्ग मोती बाई मालवीय, राज लोधी और हिम्मत सिंह प्रजापति ने आरोप लगाते हुए यह कहा कि नायब तहसीलदार ने लोगों की झूठी शिकायत पर हमारे कच्चे पक्के मकान चबूतरे और बागड़ को तोड़कर परेशान किया है । इस भेदभाव पूर्ण कार्रवाई की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी, कलेक्टर अरविंद दुबे से की जाएगी । सरकारी जमीनों पर दबंगों ने आज भी अतिक्रमण कर पक्के मकान बनाए हैं। जबकि हम गरीबों के बेवजह पीएम आवास सहित पक्के मकानों को जेसीबी मशीन की मदद से तोड़ डाले। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सोतेला पूर्ण व्यवहार किया गया है। डंडेरा गांव के निवासी हिम्मत सिंह प्रजापति का कहना है कि 7/2 रकबा 30 बाय 30 के साइज में बना पक्का मकान अतिक्रमण विरोधी अमले ने तोड़ दिया है। जबकि उसके पास राजस्व और नजूल का रिकॉर्ड भी मौजूद है रजिस्ट्री बताने के बाद भी एक जेसीबी मशीन से मकान ढहा दिया। अतिक्रमण बताकर पट्टे और नजूल की जमीन होने के बाद भी दलित आदिवासियों के मकान तोड़ने की कार्रवाई की गई है। जहां एक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मामा जहां जगह मिले वहां मकान बनाकर रहने की बात कर रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ कड़ाके की सर्दी में नायब तहसीलदार दिलीप द्विवेदी उनको बेघर कर दिया है । जिससे उनके परिवार को खाना-पीना और रहना दुश्वार हो गया है ।सीएम के आदेश पर भारी पड़ रहे है नायब तहसीलदार दिलीप द्विवेदी।
विधवा महिला का छलका दर्द….
चंद्रा गांव की विधवा महिला बड़ीबाई मालवीय का दर्द छलक उठा उसने बताया कि परिवार का मुखिया की मौत हो चुकी है। उनके तीनों मकान तोड़े जाने से कड़ाके की सर्दी में बेघर बार हो गई हैं । उनके साथ उनकी बुजुर्ग सास भी रहती है और तीन मासूम छोटे-छोटे बच्चे हैं । मेहनत मजदूरी करके घर का बमुश्किल गुजारा करती हैं। अतिक्रमण विरोधी अमले ने उनको भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी बोल रहे थे अभी तो और मकान तोड़े जाएंगे।

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