मध्य प्रदेश

नर्मदा जल आयोजन बनी मजाक, कई घण्टों में बह गया हजारों लीटर पानी

अधिकारी कर्मचारियो के कमीशन का खेल, आम जनता से नहीं कोई लेना देना
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । जबलपुर जिले से लेकर ग्रामीणों तक चलाई जा रही मध्यप्रदेश सरकार की नर्मदा जल योजना की चर्चाओं का दौर दूर दराज तक जाना जा रहा है । जबकी प्रशासन की अनदेखी व मिलीभगत से न जाने आये दिन कई हजार लीटर पानी बहा दिया जाता है । और देखने सुनने को कोई नहीं आगें बढ़ना चाहता ।
जबलपुर जिले के ही सिहोरा नगर पालिका परिषद कार्यालय के अंर्तगत सर्किट हाऊस के पीछे बिछाई गई पानी सप्लाई लाईन के बीच से नर्मदा जल आयोजन का पानी बुधवार की सुबह-सुबह 11बजे से दोपहर 3 बजे तक बहता रहा। और तो और बहता रहा ठीक है लेकिन पानी का बहाव इतना अधिक रहा कि वह लोक निर्माण विभाग के आफिस तक जा पहुंचा । इतना ही नहीं ये समस्या के समाधान के लिए सिहोरा नगर पालिका इन्जीनियर देवेन्द्र व्यास को फोन लोगों के साथ मीडिया ने सम्पर्क किया पर उन्होनें फोन नहीं उठाया उचित समझा ।
आने जाने वाले लोगों ने नर्मदा जल योजना के लोगों ने उन्हें भी बताया लेकिन पानी बहता ही रहा।
मीडिया के द्वारा जब इस समस्याओं को लेकर लोक निर्माण विभाग के एसडीओ राजेश मिश्रा को अवगत कराया गया कि आपके आफिस में नर्मदा जल योजना का पानी अधिक भर गया है । तब जाकर उनहोंने सिहोरा नगर पालिका परिषद कार्यालय में पदस्थ देवेन्द्र व्यास को फोन पर बताया तो उन्होंने आनन फानन में नर्मदा जल योजना के कर्मचारी को फोन पर बताया । फिर कर्मचारीगण ने बह रहें नर्मदा जल की जगह को देखने के लिए आये और कहने लगे कि ये कैसे हो गया । और मीडिया ने जब कहा कि आप ही बताइए कि क्यो हुआ तो वह कुछ भी नहीं कह सके ।
लम्बे समय से चल रही ये नर्मदा जल योजना का न कोई वयवस्था करने वाला व्यक्ति उचित समय पर उप्लब्ध हो पाता है न ही स्थानीय कर्मचारी । अब सवाल उठता है कि अगर प्रशासन ने इस योजनाओं की जिम्मेदारी ली है तो उन कर्मचारी व अधिकारियो को निर्देश दे । न कि केवल उची उची वेतनमान व कमीशन लेते रहें । नगर क्षेत्र में इन समस्याओं को लेकर तत्कालिक घटना स्थल पर पहुचे और उसका निरिक्षण कराकर तत्काल सुधार कराये ।
पानी बन्द होने के बाद 4 फिट का गहरा गढ़ा बन गया है सड़क के किनारे ।

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